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विराट कोहली क्यों बनाना चाहते हैं रवि शास्त्री को कोच? ये हैं 4 बड़े कारण

तकरीबन 2 साल तक टीम इंडिया के डायरेक्टर रह चुके हैं शास्त्री

रवि शास्त्री-विराट कोहली © AFP
रवि शास्त्री-विराट कोहली © AFP

भले ही वीरेंद्र सहवाग और टॉम मूडी जैसे बड़े नाम टीम इंडिया की कोच की रेस में हैं लेकिन फिर भी इनका इस पद पर बैठना मुश्किल ही नजर आ रहा है। अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद खासकर वीरेंद्र सहवाग का कोच बनना लगभग तय था लेकिन अब पूर्व टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री के कोच पद के लिए आवेदन देने के बाद सहवाग का पत्ता साफ होता दिख रहा है। खबरें हैं कि रवि शास्त्री टीम इंडिया की कोच बनने की रेस में यूसेन बोल्ट साबित होने वाले हैं। मतलब कि उन्हें हराना अब नामुमकिन है।

वैसे रवि शास्त्री की कोच चुनने वाली क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली से नहीं बनती लेकिन इसके बावजूद भी रवि शास्त्री का कोच बनना तय ही लग रहा है। इसकी वजह हैं टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली। सूत्रों के मुताबिक कप्तान साहब रवि शास्त्री को ही टीम इंडिया का कोच बनाना चाहते हैं। आखिर रवि शास्त्री के पास ऐसा क्या है जो उन्हें कोच की रेस में सबसे आगे बनाए हुए हैं। इए एक नजर डालते हैं उन वजहों पर…

1. ‘शास्त्री जी’ विराट कोहली की पहली पसंद: रवि शास्त्री के हक में सबसे बड़ी बात ये है कि खुद कप्तान विराट कोहली उन्हें कोच के पद पर चाहते हैं। दरअसल रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली का व्यक्तित्व एक सा है। दोनों की क्रिकेट को लेकर सोच बिलुकल एक जैसी है। शास्त्री और कोहली को आक्रामक, बेखौफ और बिंदास अंदाज में क्रिकेट खेलना पसंद है। इन दोनों का ही फंडा विरोधियों के बारे में ज्यादा ना सोचते हुए अपनी ताकत पर भरोसा करना है। साथ ही रवि शास्त्री कप्तान विराट कोहली को खुली छूट देते हैं, पूरी आजादी देते हैं जिसका नमूना हम उनके टीम डायरेक्टर रहते हुए कई बार देख या पढ़ चुके हैं।

2. खिलाड़ियों के साथ दोस्ताना व्यवहार: रवि शास्त्री जब टीम इंडिया के डायरेक्टर थे तो उस दौरान सभी खिलाड़ी उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे। रवि शास्त्री की सबसे खास बात उनका दोस्ताना व्यवहार था। रवि शास्त्री हर खिलाड़ी के साथ दोस्त की तरह रहते थे, उनकी खामियों को एक दोस्त की तरह ही समझाते थे। यही नहीं रवि शास्त्री खिलाड़ियों को विश्वास दिलाते थे कि वो चैंपियन हैं और खराब फॉर्म सिर्फ एक पारी से दूर हो सकती है। खिलाड़ियों में जोश और जीत के जज्बे की अलख कैसे जलाई जाती है ये रवि शास्त्री को अच्छी तरह पता है।

3. रवि शास्त्री का अनुभव: अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद अब रवि शास्त्री को कोच बनाना इसलिए भी सही है क्यों कि वो दो साल तक टीम इंडिया के साथ टीम डायरेक्टर के तौर पर रह चुके हैं। वो टीम इंडिया की ताकत और कमजोरियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। रवि शास्त्री को पता है कि टीम के किस खिलाड़ी को मेहनत की जरूरत है। खिलाड़ियों के कमजोर पहलुओं पर काम करने में उन्हें ज्यादा समय नहीं लगेगा।

4. टीम डायरेक्टर के तौर पर अच्छा प्रदर्शन: शास्‍त्री अगस्‍त 2014 से जून 2016 तक टीम डायरेक्‍टर पद संभाल चुके हैं। 2014 में इंग्लैंड से 4-0 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद रवि शास्त्री की अगुवाई में ही टीम इंडिया ने अंग्रेजों को वनडे सीरीज में मात दी। इसके बाद 2015 वनडे वर्ल्ड कप और 2016 में टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया सेमीफाइनल तक पहुंची। साथ ही टीम इंडिया ने श्रीलंका को उसी के घर पर 23 साल बाद मात दी। पहला टेस्ट गंवाने के बाद टीम इंडिया श्रीलंका से 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती। यही नहीं भारतीय टीम टी-20 सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 3-0 से हराने में भी कामयाब रही।

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