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टीम इंडिया के नए कोच की तलाश शुरू, लेकिन क्यों? जानें पूरी इनसाइड स्टोरी

सीएसी ने कुंबले को 3 साल के लिए कोच बनाने के लिए बीसीसीआई से सिफारिश की थी लेकिन बीसीसीआई ने कुंबले को एक साल के लिए प्रोबेशन पर रखने का निर्णय लिया था।

अनिल कुंबले और विराट कोहली  © Getty Images
अनिल कुंबले और विराट कोहली © Getty Images

टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच अनिल कुंबले का कार्यकाल चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के साथ ही खत्म हो रहा है। अनिल कुंबले के कार्यकाल को खत्म होने से पहले ही बीसीसीआई ने नए कोच पद के लिए आवेदन मंगवाने शुरू कर दिए हैं, और तो और बीसीसीआई ने दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग से तक इस पद के लिए आवेदन करने को कहा है। जिससे बीसीसीआई की मंशा जाहिर हो गई है कि वह अनिल कुंबले को कोच के पद से हटाने को लेकर कितनी उतावली है। लेकिन इतने सफल कोच अनिल कुंबले को बीसीसीआई हटाना क्यों चाहती है? बहरहाल, यह एक बड़ा सवाल है।

शुरू से ही सीएसी की राय की अनदेखी कर रहा था बीसीसीआई: उल्लेखनीय है कि अनिल कुंबले को जून 2016 में बीसीसीआई की क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी(सीएसी) ने टीम इंडिया का कोच चुना था। इस समिति के सदस्य पू्र्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली हैं। जब सीएसी ने कुंबले को इस पद के लिए चुना था तो उन्होंने बीसीसीआई से कहा था कि कुंबले के साथ तीन साल का अनुबंध किया जाए और इस तरह कुंबले के कार्यकाल का अंतिम समय आईसीसी विश्व कप 2019 होता। लेकिन सीएसी की इस बात पर बीसीसीआई ने संपूर्ण सहमति नहीं दी और कुंबले को 1 साल प्रोबेशन पीरियड(पर्यवेक्षण अवधि) के लिए रखा गया। बीसीसीआई का कहना था कि कुंबले को प्रोबेशन पीरियड के अंतर्गत इसलिए रखा गया है क्योंकि उनके पास किसी अंतरराष्ट्रीय टीम को कोचिंग देने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है।

क्यों गिरी कुंबले पर गाज? पिछले दिनों कुंबले का खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव प्रशासकों की समिति के सामने पेश किया गया था। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त की गई लोढ़ा समिति ने प्रशासकों की समिति को बीसीसीआई का काम देखने के लिए नियुक्त किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। कुंबले के इस काम से बीसीसीआई के कई अधिकारी नाखुश हुए थे। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब बीसीसीआई और कुंबले के बीच तकरार हुई है बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी के शुरू होने के पहले भी कुंबले और बोर्ड आमने- सामने आ गए थे।

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दरअसल आईसीसी के द्वारा बीसीसीआई के राजस्व कम किए जाने के बाद बीसीसीआई ने आईसीसी को टीम इंडिया को टूर्नामेंट में न भेजे जाने को लेकर धमकी दी थी। जिसके बाद टीम इंडिया के टूर्नामेंट में जाने को लेकर सवाल तल्ख हो गए थे। इसके बाद चारों तरफ से प्रतिक्रियाएं सुनने को मिली थीं। खुद अनिल कुंबले ने बीसीसीआई को इस संबंध में खत लिखते हुए कहा था कि उनकी टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने की इच्छुक है।

इसके बाद एक वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी ने कहा था, “यह कोई व्यक्ति विशेष नहीं है बल्कि संस्था है जो निर्णय लेती है। कुंबले के द्वारा बोर्ड को ये लिखना की टीम इंडिया खेलना चाहती है ये अनावश्यक है। उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है।” दूसरे बीसीसीआई अधिकारी ने कहा था, “जब बोर्ड के सदस्य बीसीसीआई को नियंत्रण में ले लेंगे तो इस काम के लिए कुंबले को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह सिर्फ समय की बात है।”

अब सवाल ये भी है कि कुंबले को बड़ी कीमत कहीं अपना पद गंवाकर तो नहीं चुकानी पड़ेगी। वैसे अगर टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी जीतती है तो कुंबले को उनके पद से हटा पाना कतई आसान नहीं होगा।

कुंबले के कार्यकाल में टीम इंडिया का रहा है बेहतरीन प्रदर्शन: कुंबले को टीम इंडिया का कोच बने एक साल होने को है। अनिल कुंबले और विराट कोहली के अंतर्गत टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखा जाए तो वह बेहतरीन रहा है। इस दौरान टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हीं की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीती। वहीं उसके बाद न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार टेस्ट सीरीजों में जीत दर्ज की। इसके अलावा टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जीती। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में जीत दर्ज की।

टीम इंडिया को इस दौरान वेस्टइंडीज के खिलाफ अमेरिका में खेली गई टी20 सीरीज में ही एक हार 0-1 से मिली। इसके अलावा कुंबले के कोच रहते हुए टीम इंडिया ने एक भी सीरीज नहीं गंवाई। ऐसे में कुंबले के पद पर तलवार क्यों अटक गई है? इसके पीछे एक लंबी कूटनीति नजर आती है। जिसका जिक्र हम ऊपर कर चुके हैं।

सीएसी का भी मानना था कि कुंबले को पर्यवेक्षण अवधि(प्रोबेशन पीरियड) में रखना सिर्फ एक औपचारिकता है। एक साल खत्म होते ही स्वतः उनका कार्यकाल साल 2019 तक अनुबंधित कर दिया जाएगा लेकिन उनके अनुमान से विपरीत 25 मई को उन्हें पता चला कि उन्हें फिर से टीम इंडिया के नए कोच के चुनने की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस प्रक्रिया के लिए मौजूदा कोच अनिल कुंबले को प्रत्यक्ष प्रवेश मिलेगा लेकिन क्या कुंबले टीम इंडिया के कोच फिर से चुने जाएंगे? बहरहाल, ये तो वक्त ही तय करेगा।

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