चेन्नई सुपर किंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन के फाइनल में जगह पक्की कर ली है। चेन्नई ने पहले क्वालीफायर में एक रोमांचक मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद को 2 विकेट से हरा दिया। यह चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बतौर खिलाड़ी आठवां आईपीएल फाइनल होगा।
आईपीएल के पहले क्वालीफायर में टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करते हुए सनराइजर्स हैदराबाद ने चेन्नई सुपर किंग्स के सामने 140 रन का लक्ष्य रखा था। यह लक्ष्य चेन्नई की बल्लेबाजी क्रम के सामने आसान लग रहा था लेकिन हैदराबाद के गेंदबाजों ने इसे मुश्किल बना दिया। फॉफ डू प्लेसिस की जूझारू अर्धशतकीय पारी की बदौलत चेन्नई ने 2 विकेट से जीत दर्ज की।
DRS नियम की मदद से फाइनल में पहुंची चेन्नई
चेन्नई सुपर किंग्स को फाइनल का टिकट दिलाने में इस साल पहली बार आईपीएल में शामिल किए गए DRS नियम ने मदद की है। राशिद खान के स्पेल की आखिरी ओवर के पहले गेंद पर डूप्लेसिस को अंपायर ने LBW (पगबाधा) की मांग पर आउट दे दिया था। यह चेन्नई की पारी का 15.1 ओवर था। इस समय चेन्नई की टीम ने 92 रन बनाए थे और जीत के लिए उसे 48 रन की जरूरत थी।
थर्ड अंपायर ने पलटा फील्ड अंपायर का फैसला
डू प्लेसिस ने अंपायर के फैसले के खिलाफ रिव्यू मांगा मामला थर्ड अंपायर के पास भेजा गया। थर्ड अंपायर ने रिप्ले में पाया की गेंद विकेट से दूर जा रही है और बल्लेबाज आउट नहीं हैं। थर्ड अंपायर ने फील्ड अंपायर के इस फैसले को बदलते हुए डूप्लेसिस को नॉट आउट करार दिया। इस फैसले के बाद इस बल्लेबाज ने शानदार 67 रन की पारी खेल टीम को जीत दिलाते हुए फाइनल में पहुंचा दिया। अगर डु प्लेसिस आउट हो जाते तो चेन्नई ये मैच नहीं जीत पाता।