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महेंद्र सिंह धोनी के 5 बड़े फैसले जिससे 'सन्न' रह गई दुनिया

मैदान पर अपने फैसले से विरोधी को चौंकाना हो या मैदान से बाहर फैंस को, धोनी को कोई टक्कर नहीं दे सकता।

MS Dhoni © Getty Images

भारतीय क्रिकेट के महानतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी जैसा खिलाड़ी ना तो आज तक भारत ने देखा और शायद ही आगे देखने को मिले। मैदान पर अपने फैसले से विरोधी को चौंकाना हो या मैदान से बाहर फैंस को, धोनी को कोई टक्कर नहीं दे सकता।

धोनी ने बतौर कप्तान भारत के लिए मैदान पर कई चौंकाने वाले फैसले किए तो बाहर टेस्ट संन्यास से लेकर टीम की परेड तक करा लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

साल 2007 टी-20 विश्व कप फाइनल

बतौर कप्तान एक युवा टीम को लेकर 2007 में पहला टी-20 विश्व कप खेलने पहुंचे धोनी ने फाइनल तक का सफर तय किया। मैदान के सबसे बड़े विरोधी पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में मिसबाह उल हक के सामने ऑल राउंडर जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर थमा धोनी ने फैंस की सांसे लगभग रोक दी थी।

पूरी टीम के साथ 2009 टी-20 विश्व कप प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे

इंग्लैंड में खेले गए 2009 टी-20 विश्व कप से ठीक पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी पूरी टीम के साथ पहुंचे थे। मीडिया में धोनी और तब के उप-कप्तान वीरेंद्र सहवाग के बीच अनबन की खबर को दूर करने के लिए माही ने ये फैसला लिया था।

2011 विश्व कप फाइनल में युवराज से पहले बल्लेबाजी

धोनी को मैदान पर खतरों का खिलाड़ी कहा जाता है तभी उनको विश्व कप फाइनल जैसा बड़ा मंच ही प्रयोग के लिए भाता है। श्रीलंका के खिलाफ फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले धोनी बल्लेबाजी करने उतरे और शानदार छक्का लगा 28 साल बाद भारत को विश्व विजेता बनाया।

2014 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बीच टेस्ट सीरीज में संन्यास

साल 2014 में धोनी के फैंस और क्रिकेट जानकार उस वक्त सकते में आ गए जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बीच सीरीज में उन्होंने टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी। चार टेस्ट की सीरीज का तीसरा मैच खत्म होते ही धोनी ने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का फैसला सुना सबको चौंका दिया।

वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ी

भारतीय टीम को दो विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान ने अचानक ही कप्तानी छोड़ने का फैसला सुना दिया। 4 जनवरी 2017 को धोनी के टी-20 और वनडे की कप्तानी छोड़ने के कदम से क्रिकेट जगत में सनसनी फैल गई थी।

 

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