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भारतीय क्रिकेट की नई सनसनी स्मृति मंधाना के जन्मदिन पर जानें उनसे जुड़ी खास बातें

महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 में हुआ था।

स्मृति मंधाना  © Getty Images
स्मृति मंधाना © Getty Images

महिला क्रिकेट को भारत में वो प्रसिद्धि कभी नहीं मिल पाई थी जिसकी ये टीम हकदार थी लेकिन बदलते समय के साथ भारतीय महिला टीम ने हर क्रिकेट प्रशंसक के दिल में जगह बना ली है। इसकी एक वजह है टीम इंडिया की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना। आईसीसी महिला विश्व कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में शानदार शतक जड़ने के बाद लाइमलाइट में आई स्मृति इस समय भारत की सबसे पसंदीदा भारतीय महिला क्रिकेटरों में से एक हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी में प्रशंसकों को टीम इंडिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग की झलक दिखती है। आज स्मृति के 21वें जन्मदिन पर उनके बारे में कुछ ऐसी बातें बताएंगे जो आप पहले से नहीं जानते होंगे।

1: स्मृति का जन्म 18 जुलाई को मुंबई में हुआ था लेकिन जब वह केवल 12 साल की थी तो उनका परिवार सांगली चला आया था। स्मृति ने अपना ज्यादातर बचपन मुंबई में ही बिताया है।

2: क्रिकेट की तरफ स्मृति का झुकाव तो था ही लेकिन एक ऐसी वजह थी जिसने उन्हें क्रिकेट की ओर खींचा। स्मृति ने विसडन इंडिया से बातचीत में कहा था कि बचपन में वह अपनी मां से कहती थी कि मुझे में भी अखबार में अपना नाम छपवाना है। वह जानती थी कि क्रिकेट ही ऐसा खेल है जिसके जरिए वह अपना नाम अखबार में छपवा सकती है इसलिए वह जी जान से इस खेल में जुट गईं। [ये भी पढ़ें: वनडे रैंकिंग में नंबर एक बनने के करीब हैं मिताली राज]

3: शुरुआत में उनके पिता ही उनके कोच थे हालांकि बाद में अनंत तांबेलकर उनके कोच बने। स्मृति ने विश्व कप लीग मैच में शतक जड़ने के बाद अपने कोच को ये पूछने के लिए फोन किया था कि उनकी बल्लेबाजी तकनीकि में कोई गलती तो नहीं थी। तांबलेकर ने एक अखबार से बातचीत में इस बात का खुलासा किया। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि स्मृति उन्हें फोन करेगी।

4: बचपन में स्मृति खेल और पढ़ाई के बीच हमेशा ही व्यस्त रहती थी। ईएसपीएन के बातचीत में उन्होंने कहा था कि, “मैं सुबह अभ्यास करने के बाद स्कूल जाती थी, फिर वापस आकर शाम को भी नेट में अभ्यास करती थी। कभी कभी जब टीचर मुझे जल्दी जाने देते थे तो मैं शाम को अभ्यास खत्म करके घर जाकर टीवी देखती थी।”  [ये भी पढ़ें: महिला विश्व कप 2017: सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद मिताली राज ने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की]

5: साल 2013 में स्मृति का नाम तब लाइमलाइट मे आया जब उन्होंने 17 साल की उम्र में वेस्ट जोन महिला अंडर-19 टूर्नामेंट में दोहरा शतक जड़ा। 150 गेंदो में नाबाद 224 रनों की इस पारी के बाद पूर्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने स्मृति को बैट तोहफे में दिया था।

6: स्मृति के भाई शरवन मंधाना भी स्टेट लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं लेकिन उन्होंने क्रिकेट बीच में ही छोड़ दिया। इस समय वह आईसीआईसीआई बैंक में काम करते हैं। स्मृति ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता चाहते थे के उनके दोनों बच्चे भारत के लिए क्रिकेट खेलें। हालांकि उनके भाई ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया है लेकिन मंधाना इस बात से कुछ है कि वह अपने पिता का सपना पूरा कर पाई।

7: साल 2016 में जब मंधाना को ब्रिसबेन हीट टीम ने साइन किया तो वह हरमनप्रीत कौर के बाद बिग बैग लीग में खेलने वाली दूसरी भारतीय क्रिकेटर बनीं। मंधाना और हरमनप्रीत कौर से पहले कभी कोई भारतीय क्रिकेटर इस मशहूर लीग में नहीं खेला है, हालांकि चोट की वजह से वह टूर्नामेंट पूरा नहीं कर पाई।

8: 2016 में ही स्मृति ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। आईसीसी ने पहली बार महिला क्रिकेट टीम ऑफ द ईयर की घोषणा की थी। 12 सदस्यीय इस टीम में स्मृति अकेली भारतीय खिलाड़ी थी। मंधाना को इस टीम में शीर्ष क्रम के बल्लेबाजी के रूप में शामिल किया गया था। [ये भी पढ़ें: आईसीसी वीमैन टीम ऑफ द ईयर में अकेली भारतीय खिलाड़ी बनीं स्मृति मंधाना]

9: मंधाना ने 10 अप्रैल 2013 में बांग्लादेश के खिलाफ मैच से वनडे डेब्यू किया था। इस मैच में उन्होंने केवल 25 रन बनाए थे। 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला। 13 मार्च को खेले गए इस मैच में स्मृति ने अर्धशतक जड़ा था। मंधाना ने अपने करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे शतक 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में लगाया था। हालांकि टेस्ट और टी20 में वह अब तक शतक नहीं लगा पाई हैं।

10: हाल ही में स्मृति के पिता ने बताया कि वह क्रिकेटर ना बन पाने पर स्मृति शेफ बनना चाहती थी। स्मृति को खाना बनाना पसंद है और जब भी वह घर पर होती हैं वह जरूर खाना बनाती है।

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