भारत के लोकप्रिय खेलों में से एक क्रिकेट के बारे में यूं तो लोग बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन फिर भी क्रिकेट के इतिहास से बहुत कम लोग वाकिफ हैं। क्रिकेट की शुरुआत 15वीं शताब्दी के आस-पास मानी जाती है। बहुत से क्रिकेट प्रेमियों को यह जानकर हैरत होगी कि क्रिकेट के इस काल में क्रिकेट फ्रांस से शुरू हुआ था, लेकिन आज फ्रांस में क्रिकेट प्रचलित नहीं है। अगले कुछ सालों में क्रिकेट विभिन्न देशों में प्रचलित हुआ और यूरोपीय देश खासकर इंग्लैंड ने इसे अपने मुख्य खेल के रूप में स्वीकार किया। पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1877 में खेला गया। चूंकि उस समय इंग्लैंड का आधे से ज्यादा विश्व में अधिपत्य था इसीलिए क्रिकेट का राष्ट्रमंडल(कॉमनवेल्थ) देशों में खूब प्रचार- प्रसार हुआ। आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल के 105 मान्यता प्राप्त सदस्य देश हैं। ये भी पढ़ें : क्रिकेट में रफ्तार के सौदागर
कब शुरू हुआ क्रिकेट?: क्रिकेट कब शुरू हुआ इसके बारे में पुख्ता जानकारी ज्ञात नहीं है। लेकिन ये माना जाता है कि क्रिकेट की शुरुआत 15वीं शताब्दी के आसपास फ्रांस से हुई। यह माना जाता है कि क्रिकेट खेलना शुरू में फ्रांस के छोटे बच्चों ने शुरू किया। वे एक तरह की लकड़ी की गेंद का इस्तेमाल किया करते थे और उसे एक बैट नुमा डंडे से लक्ष्य की ओर जाने से रोका करते थे। क्रिकेट कई शताब्दियों तक बच्चों के खेल के रूप में ही सीमित रहा। ये बच्चे क्रिकेट को भेड़ों के चरने वाली जगह व खेत में खेला करते थे। वे स्टंप्स के लिए पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल किया करते थे। 17वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में क्रिकेट को वयस्क लोगों ने अपनाना शुरू किया।
क्रिकेट खेल के फ्रांस में सबसे पहले खेले जाने की पुष्टि एक व्यक्ति द्वारा ‘राजा लुईस 11’ को लिखे एक पत्र से होती है, यह पत्र उसने 1478 में लिखा था। उसने इस पत्र में एक खेल के बारे में चर्चा की थी जो फ्रांस के एक गांव के लोग खेला करते थे, जिसमें boules (गेंद) और croquet(एक लकड़ी के डंडे) का इस्तेमाल किया जाता था। उसने इस पत्र में इस खेल के दौरान लड़ाई हो जाने से एक व्यक्ति के मृत्यु हो जाने के बारे में भी बताया था। ये भी पढ़ें : क्या से क्या बन गए ये क्रिकेटर
क्रिकेट का कैसे हुआ नामकरण?: क्रिकेट का नाम कैसे पड़ा, इसके बारे में अलग-अलग जानकारों के भिन्न-भिन्न मत हैं। कुछ जानकारों के मुताबिक क्रिकेट शब्द की व्युत्पत्ति फ्रेंच शब्द ‘criquet’ से हुई। फ्रांस में इसे criquet ही कहा जाता था। 100 साल के बाद जब यह इंग्लैंड में खेला जाने लगा तो वहां के बच्चे इसे creckett नाम से जानने लगे। जानकारों के मुताबिक क्रिकेट का यह नाम Middle Dutch krick(-e) शब्द से निकाला गया है जिसका मतलब होता है लकड़ी। क्रिकेट को शुरुआत में तीन स्टंप्स के साथ नहीं खेला जाता था बल्कि उस समय क्रिकेट में सिर्फ दो स्टंप्स इस्तेमाल होते थे। ये भी पढ़ें : वीडियो: शॉन टेट की गेंद पर जब बेसुध होकर गिर पड़े डीविलियर्स
इंग्लैंड में क्रिकेट: इंग्लैंड में क्रिकेट की शुरुआत 1550 शताब्दी के आसपास मानी जाती है। इसका प्रमाण एक कोर्ट केस से मिलता है। इंग्लैंड में एक जमीन के विवाद को लेकर 1598 में कोर्ट केस चल रहा था। इसी बीच 59 साल के कॉरोनर ने गवाही दी कि वह और उसके स्कूल के दोस्त उस विवादित जमीन के टुकड़े पर 50 साल पहले creckett खेला करते थे। वयस्कों के द्वारा पहली बार क्रिकेट खेलने का प्रमाण 1611 में देखने को मिलता है, जब दो लोगों पर मुकदमा चलाया गया क्योंकि वे रविवार को चर्च जाने की बजाय क्रिकेट खेल रहे थे। इसी साल डिक्शनरी में क्रिकेट को लड़कों का खेल बताया गया और बताया गया कि क्रिकेट में हाल ही में वयस्कों की रुचि बढ़ी है।
क्रिकेट जब बना जुआरियों का प्रिय खेल: 1660 तक क्रिकेट लोगों के प्रिय खेल के रूप में खेला जाने लगा और इस खेल ने सबसे ज्यादा जुआरियों को अपनी ओर आकर्षित किया, और जुआरी क्रिकेट पर खूब दाव लगाते थे। लेकिन इसी बीच 1664 में कावालियर संसद ने गेमिंग अधिनियम 1664 लागू किया जिसके अंतर्गत दाव लगाने की राशि 100 पाउंड तक सीमित कर दी गई। हालांकि वह कोई छोटी राशि नहीं थी बल्कि आज के हिसाब से अगर उस राशि का आकलन करें तो आज के 14 लाख रुपए के बराबर होगी। 17वीं शताब्दी के आसपास क्रिकेट जुएं के खेल के रूप में खूब प्रचलित हुआ। इस संबंध में एक अखबार ने सुसेक्स में खेले गए मैच के बारे में एक खबर प्रकाशित की थी जिसके मुताबिक उस मैच में बहुत महंगा जुआं खेला गया था।
क्रिकेट के एक ओवर में गेंदों का निर्धारण: क्रिकेट में 1889 तक एक ओवर में चार गेंदें ही फेंकी जाया करती थीं लेकिन 1889 से क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए गए और एक ओवर में गेंदों की संख्या 4 से बढ़ाकर 5 पांच कर दी गई। सन् 1900 तक ओवर में 6 गेंदें फेंकने का नियम इजाद हुआ जो आज भी चल रहा है। इसी बीच कुछ देशों ने ओवर में गेंदों की संख्या 6 से 8 भी की। 1922 में ऑस्ट्रेलिया में एक ओवर में गेंदो की संख्या 6 से 8 कर दी गई। इसके बाद आठ गेंदों वाले ओवर को न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका ने भी बाद के सालों में अपनाया। सिविल वॉर के बाद फिर से इंग्लैंड ने 6 गेंदों के ओवर वाला तरीका अपनाया जो बाद के सालों में स्थायी तरीका बन गया।
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