आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आगाज 1 जून से इंग्लैंड में होगा। पहले मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड का सामना बांग्लादेश से होगा। इंग्लैंड अब तक इस खिताब को अपने नाम नहीं कर पाई है और ऐसे में इस बार टीम के पास इस टूर्नामेंट को जीतने का सुनहरा मौका होगा। टीम की जीत की उम्मीद इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि टीम ने पिछली 6 में से 5 सीरीज जीतीं हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 8 टीमों को 2-2 ग्रुपों में बांटा गया है। ग्रुप ए में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश है। तो वहीं ग्रुप बी में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका की टीमें हैं। पिछली बार फाइनल तक का सफर तय करने वाली इंग्लैंड की टीम की क्या इस बार टूर्नामेंट जीतेगी? आइए नजर डालते हैं टीम की मजबूती और कमजोरी पर।
चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड का कार्यक्रम: चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड को अपने अभियान की शुरुआत 1 जून से बांग्लादेश के खिलाफ मैच से करनी है। ये मुकाबला केनिंग्टन ओवल में खेला जाएगा। इसके बाद टीम को अपना अगला मुकाबला 6 जून को न्यूजीलैंड के खिलाफ कार्डिफ में खेलना है, टीम अपना आखिरी लीग मैच 10 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एजबेस्टन में खेलेगी।
इंग्लैंड की ताकत: अपनी मेजबानी में इंग्लैंड की टीम का इरादा इस बार खिताब पर कब्जा जमाने का होगा। इंग्लैंड के तरकश में एक से बढ़कर एक तीर हैं। टीम में ऑलराउंडर खिलाड़ियों की भरमार है और वो उनकी सबसे बड़ी ताकत है। इंग्लैंड की टीम में बेन स्टोक्स, जो रूट, मोईन अली, क्रिस वोक्स जैसे ऑलराउंड खिलाड़ी हैं, तो वहीं बल्लेबाजी में ऑइन मोर्गन, जेसन रॉय, एलेक्स हेल्स, सैम बिलिंग्स, जॉनी बेयरस्टो जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं इसके साथ-साथ गेंदबाजी में भी टीम के पास जेक बॉल, लियाम प्लंकेट, आदिल राशिद, डेविड विली, मार्क वुड जैसे गेंदबाज हैं। खास बात ये है कि इंग्लैंड के ज्यादातर खिलाड़ियों ने आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
इंग्लैंड की कमजोरी: भले ही इंग्लैंड की टीम में एक से बढ़कर एक धुरंधर हों, लेकिन कप्तान ऑइन मोर्गन समेत कई खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में नहीं हैं। आईपीएल में मोर्गन को रनों के लिए तरसते देखा गया तो वहीं दिल्ली की तरफ से सैम बिलिंग्स भी इक्का-दुक्के मौके को छोड़कर ज्यादातर फ्लॉप ही रहे थे। कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से क्रिस वोक्स का प्रदर्शन भी खराब रहा था। ये सभी खिलाड़ी आईपीएल में अपने नाम के अनुरूप खेल नहीं दिखा सके। इसके अलावा मोईन अली को भारत दौरे पर शॉर्ट गेंदों पर जूझते देखा गया था और ऐसे में उनकी इस कमजोरी का फायदा विपक्षी टीम उठा सकतीं हैं।
किन खिलाड़ियों पर रहेंगी नजरें: बल्लेबाजी की बात करें तो टीम की बल्लेबाजी जो रूट के इर्द-गिर्द घूमती नजर आएगी। रूट ने इंग्लैंड के लिए 85 मैचों में 48.81 के औसत के साथ 3,466 रन बनाए हैं। इस दौरान रूट ने 11 शतक और 27 अर्धशतक जड़े हैं। रूट ने पिछले 2 सालों में बेहतरीन खेल दिखाया है और उन्होंने इस दौरान 22 मैचों में 1,255 रन बनाए हैं और उन्होंने 3 शतक, 10 अर्धशतक जड़े हैं।
इसके अलावा टीम के पास बेन स्टोक्स के रूप में बेहतरीन ऑलराउंडर है, ये ऑलराउंड खिलाड़ी अपने दम पर मैच का रुख पलटने का माद्दा रखता है। स्टोक्स ने अपने पहले ही आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और 12 मैचों में 316 रन बनाए थे। जिसमें 1 शतक भी शामिल था। इसके अलावा उन्होंने इतने ही मैचों में 12 विकेट भी झटके थे। साफ है स्टोक्स शानदार फॉर्म में हैं और वो इस फॉर्म को चैंपियंस ट्रॉफी में भी जारी रखने के इरादे से मैदान पर उतरेंगे। स्टोक्स के वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने 53 मैचों में 1,244 रन बनाए हैं और उनके नाम 1 शतक, 9 अर्धशतक शामिल हैं। पिछले 2 सालों में उन्होंने 19 मुकाबलों में 700 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 7 अर्धशतक लगाए हैं। गेंदबाजी की बात करें तो स्टोक्स ने 53 मैचों में 46 विकेट झटके हैं और पिछले 2 सालों में उन्होंने 19 मुकाबलों में 14 विकेट अपने नाम किए हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन: इंग्लैंड की टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक कुल 21 मुकाबले खेले हैं और इस दौरान टीम को 11 में जीत हासिल हुई है और 10 मुकाबले उन्हें हारने पड़े हैं। टीम को 2 मौकों पर खिताब जीतने से चूकना पड़ा है। साल 2004 में इंग्लैंड को फाइनल में वेस्ट इंडीज ने हरा दिया था, जबकि साल 2013 में फाइनल में इंग्लैंड को भारत के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
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