चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में जिन टीमों को खिताब का दावेदार माना जा रहा हैं उनमें से एक है न्यूजीलैंड। न्यूजीलैंड ने साल 2000 में स्टीफेन फ्लैमिंग की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और अब केन विलियमसन के नेतृत्व में ये टीम अपने दूसरे खिताब के लिए इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेगी। इस समय की न्यूजीलैंड टीम के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो ट्रॉफी जीतने का माद्दा रखते हैं। कीवी कप्तान केन विलियमसन को विराट कोहली, जो रूट और स्टीवन स्मिथ के साथ विश्व क्रिकेट के चार सबसे बड़े खिलाड़ियों में गिना जाता है। वहीं न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, मार्टिन गप्टिल और ग्रैंडहोम जैसे विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं।
न्यूजीलैंड टीम की ताकत: न्यूजीलैंड टीम ने पिछले एक साल में कुल 22 वनडे मैच खेले हैं जिनमें से 12 में उन्होंने जीत दर्ज की है। विदेशी जमीन पर खेले 10 मैचों में से चार में न्यूजीलैंड टीम विजयी रही है। साथ ही अगर इंग्लैंड में कीवी टीम के रिकॉर्ड की बात करें तो पिछले पांच सालों में खेले गए 9 में से चार वनडे मैचों में टीम को सफलता मिली है। हाल ही न्यूजीलैंड टीम ने आयरलैंड में खेली गई त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल मैच में बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल की है। न्यूजीलैंड टीम वनडे रैंकिग में 114 अंको के साथ चौथे स्थान पर है।
वहीं शीर्ष 10 वनडे बल्लेबाजों में न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल और केन विलियमसन शामिल हैं। साथ ही ट्रेंट बोल्ट और मैट हैनरी भी शीर्ष 10 वनडे गेंदबाजों की सूची में मौजूद हैं। न्यूजीलैंड वनडे में खासी सफल टीम साबित हुई है। न्यूजीलैंड टीम के पास बड़ा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज और मैच जिताने वाले गेंदबाज हैं और इसलिए वह इस सीजन में खिताब की प्रबल दावेदार है। [ये भी पढ़ें: चैंपियंस ट्रॉफी 2017, अभ्यास मैच: टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच 45 रन से जीत लिया]
न्यूजीलैंड टीम की कमजोरी: आयरलैंड से त्रिकोणीय सीरीज जीत कर लौटी न्यूजीलैंड टीम पहले अभ्यास मैच में भारत के खिलाफ 45 रनों से हार गई। इस मैच से दौरान न्यूजीलैंड टीम की काफी कमियां उभरकर सामने आईं। ल्यूक रॉन्की को छोड़कर शीर्ष बल्लेबाजी क्रम के सभी बल्लेबाज 15 के स्कोर के अंदर आउट हो गए। वहीं सात खिलाड़ी तो दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। ज्यादातर बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के शिकार बने।
न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल के रिकॉर्ड पर अगर नजर डालें तो वनडे क्रिकेट में उन्हें सबसे ज्यादा बार आउट करने वाले शीर्ष दो गेंदबाज पेसर हैं। वहीं अगर कप्तान केन विलियमसन की बात करें तो वह भी तेज गेंदबाजों के सामने परेशान होते हैं। पिछले एक साल में खेले 18 मैचों में विलियमसन 9 बार तेज गेंदबाजों का शिकार बन चुके हैं। न्यूजीलैंड के प्रमुख बल्लेबाजों अगर इंग्लैंड की उछाल भरी पिचों पर तेज गेंदबाजो के सामने अपना विकेट गंवा देंगे तो टीम का खिताब तक का सफर काफी मुश्किल हो जाएगा। [ये भी पढ़ें: ब्रायन लारा ने इंग्लैंड को चैंपियंस ट्रॉफी का प्रबल दावेदार बताया]
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजर: इस सीजन में न्यूजीलैंड के दो खिलाड़ियों पर टीम की जीत का दारोमदार रहेगा। इनमें पहले खिलाड़ी हैं कप्तान केन विलियमसन। आईसीसी वनडे रैंकिंग में नौवें स्थान पर मौजूद विलियमसन अपना दूसरा चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट खेल रहे हैं। उन्होंने 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में तीन मैचों में 50.50 की औसत से 101 रन बनाए थे। पिछले सीजन में न्यूजीलैंड तीन में से केवल एक ही मैच जीत पाई थी और टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। जिसका एक कारण विलियमसन का फॉर्म में न होना भी था। 2013 से लेकर 2017 तक विलियमसन के खेल में काफी बदलाव आया है। पिछले एक साल में कीवी कप्तान ने 18 वनडे मैचों में 40.88 की औसत से 695 रन बनाए हैं जिनमें एक शतक भी शामिल है जो उन्होंने टीम इंडिया के खिलाफ दिल्ली के फिरोज शाह कोटला में लगाया था। बल्लेबाजी के अलावा विलियमसन बतौर कप्तान भी टीम में अपना योगदान देंगे।
वहीं न्यूजीलैंड के दूसरे अहम खिलाड़ी हैं तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट। इंग्लैंड की पिचों पर तेज गेंदबाजो को मदद मिल सकती है और बोल्ट ऐसे में कीवी टीम के लिए अहम साबित हो सकते हैं। बोल्ट ने पिछले एक साल में 16 वनडे मैचों में 28 विकेट चटकाए हैं। वनडे में उनकी इकॉनामी रेट (5.28) भी सही है। हालांकि वह भारत के खिलाफ अभ्यास मैच में केवल एक ही विकेट ले पाए थे लेकिन इससे उनकी प्रतिभा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। बोल्ट इस समय गेंदबाजों की वनडे रैंकिंग में चौथे स्थान पर हैं। [ये भी पढ़ें: चैंपियंस ट्रॉफी 2017, टीम प्रिव्यू: पहले खिताब के लिए संघर्ष करेगी पाकिस्तान टीम]
चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन: न्यूजीलैंड टीम ने 1998 से लेकर 2013 तक सभी चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में भाग लिया है। चैंपियंस ट्रॉफी में खेले 21 मैचों में से न्यूजीलैंड ने 12 मैच जीते हैं और 8 में हार का सामना किया है। साल 2000 में न्यूजीलैंड ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर खिताब पर कब्जा किया था। न्यूजीलैंड ने स्टीफन फ्लैमिंग की कप्तानी में फाइनल मैच में टीम इंडिया को हराकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। इस मैच में क्रिस केर्न्स ने मैच विनिंग शतकीय पारी खेली थी। न्यूजीलैंड 2009 में उप विजेता भी रही थी। उस सीजन में ऑस्ट्रेलिया ने अपना दूसरा चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता था।
चैंपियंस ट्रॉफी में कार्यक्रम: चैंपियंस ट्रॉफी के ग्रुप ए में मौजूद न्यूजीलैंड 2 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बर्मिंघम में मैच के साथ अपने सफर की शुरुआत करेगी। न्यूजीलैंड का दूसरा मैच इंग्लैंड के खिलाफ 6 जून को कार्डिफ में आयोजित होगा। कीवी टीम का तीसरा और आखिरी लीग मैच 9 जून को कार्डिफ में ही बांग्लादेश के खिलाफ खेला जाएगा।
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