आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को शुरू होने में कुछ दिनों का समय ही रह गया है। मुख्य टूर्नामेंट शुरू होने से पहले सभी टीमें(दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को छोड़कर) अभ्यास मैचों में एक दूसरे से दो-दो हाथ करेंगी। इन वॉर्म मैचों के माध्यम से टीमें इंग्लैंड की परिस्थितियों के साथ रूबरू हो पाएंगी साथ ही उन्हें ये पता लगाने में भी आसानी होगी कि किन 11 खिलाड़ियों के साथ उन्हें इस टूर्नामेंट में उतरना चाहिए। पहले वॉर्म मैच में ऑस्ट्रेलियाऔर श्रीलंका की टीमें एक- दूसरे के आमने- सामने होंगी। यह मैच ओवल, लंदन में खेला जाएगा। संगकारा और जयवर्धने के संन्यास लेने के बाद से श्रीलंका टीम कमजोर हो गई है। जाहिर है कि उसका मकसद इस टूर्नामेंट में अपनी खोई हुई साख पाना होगा। ऐसे में वो प्रैक्टिस मैच में हर कुछ आजमाते हुए टूर्नामेंट में अपने मौके मजबूत करना चाहेगी।
ऑस्ट्रेलिया टीम: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया के पास एक संतुलित टीम है। स्टीवन स्मिथ और डेविड वॉर्नर बैटिंग विभाग की अगुआई करेंगे। वहीं एरन फिंच, क्रिस लिन, और मैथ्यू वेड अपनी जिम्मेदारी निभाते नजर आएंगे। फिंच और लिन ने आईपीएल में बढ़िया प्रदर्शन किया था। जाहिर है लिन अपनी आक्रामक बल्लेबाजी की छाप यहां भी छोड़ना चाहेंगे ताकि वह विपक्षी टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकें। हालांकि, ये देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों में से किसे डेविड वॉर्नर के साथ ओपनिंग में उतारा जाता है।
ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजी आक्रमण की बात करें तो यह सबसे खतरनाक नजर आता है। मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, जेम्स पैटिंसन, पैट कमिंस और जॉन हेस्टिंग्स के रहते हुए श्रीलंकाई टीम के बल्लेबाजों को रन बनाने में कतई आसानी नहीं होने वाली। स्टार्क और हेजलवुड चोट से उबरकर आ रहे हैं। वहीं पैटिंसन ने हाल ही में काउंटी क्रिकेट में गेंद से अच्छा कहर बरपाया था। टीम में ऑलराउंडर की भूमिका निभाने के लिए दावेदार ग्लेन मैक्सवेल और हेनरीक्स हैं। 25 साल के एडम जंपा टीम में मुख्य स्पिनर की भूमिका निभाएंगे।
श्रीलंका टीम: वहीं दूसरी ओर श्रीलंका टीम में कई समस्याएं हैं। उनके कप्तान एंजलो मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय के बाद लौट रहे हैं। वहीं, लसिथ मलिंगा भी साल 2015 विश्व कप के बाद अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट खेलेंगे। दिनेश चंडीमल, उपुल थरंगा, कुसल मेंडिस और नुवान कुलासेकरा उनके मुख्य खिलाड़ी होंगे। चामरा कपुगेदरा ने हाल ही में टी20 में अच्छे रन बनाए थे। जाहिर है कि वह वनडे में इस फॉर्म को बरकरार रखने के लिए उतावले होंगे। सुरंगा लकमल ने साल 2016 इंग्लैंड के दौरे में अच्छा प्रदर्शन किया था जाहिर है कि वह उसी तरह का खेल इस बार भी दिखाना चाहेंगे।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों के लिए सबसे खराब बात उनकी वनडे क्रिकेट में गिरती साख है। साल 2016 में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में करारी हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद वे ऑस्ट्रेलिया से अपने घर पर ही हार गए। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी हार का स्वाद चखा और बांग्लादेश जैसी छोटी मछली से 1-1 से सीरीज बराबर करवाई। इसके अलावा वो स्कॉटलैंड के खिलाफ अनाधिकारिक दो मैचों की वनडे सीरीज में भी जूझते नजर आए थे। जाहिर है कि इतने उतार- चढ़ाव से जूझने के बाद श्रीलंकाई टीम चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने से पहले वॉर्मअप मैचों में अपनी खोई लय हासिल करने की कोशिश करेगी।
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