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इन 4 बड़ी गलतियों की वजह से भारतीय टीम के सिर नहीं सज पाया विश्व कप का 'ताज'

इंग्लैंड ने भारतीय टीम के पहली बार विश्व कप जीतने के सपने पर पानी फेरा

भारतीय टीम © Getty Images
भारतीय टीम © Getty Images

भारतीय टीम के आईसीसी महिला विश्व कप 2017 जीतने के सपने पर पानी फिर गया। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ज्यादा समय तक मैच में हावी थी लेकिन इसके बाद भी अंत में टीम को नजदीकी मुकाबले में हार झेलनी पड़ी। हर कोई हैरान है कि आखिर इतने करीब आने के बाद टीम हार कैसे गई? आखिर ज्यादातर समय मैच में पकड़ बनाने के बाद अंत में पकड़ ढीली कैसे पड़ गई? आखिर कैसे इंडिया जीती हुई बाजी हार गई? ये भी पढ़ें: इंग्लैंड ने लगाया विश्व कप जीतने का ‘चौका’, जानिए अब तक कौन-कौन बना है ‘विश्व विजेता’

एक समय 191 रनों पर सिर्फ 3 विकेट खोकर खेल रही भारतीय टीम 219 रनों पर कैसे ढेर हो गई? आखिर क्या चूक हो गई भारतीय खिलाड़ियों से जो आता हुआ विश्व कप अंग्रेज ले उड़े? आज हम आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन सी 4 बड़ी वजहें रहीं जिसके कारण टीम इंडिया को विश्व जीतने से महरूम रहना पड़ा। आइए जानते भारतीय टीम की हार के 4 बड़े कारण।

28 रन पर 7 विकेट खोना: 229 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम एक समय बेहद मजबूत स्थिति में नजर आ रही थी। 138 रनों पर 3 विकेट खोने के बाद टीम इंडिया का स्कोर 191 रन हो गया था। क्रीज पर पूनम राउत और वेदा कृष्णमूर्ति की जोड़ी टिकी थी लेकिन पूनम राउत के आउट होते ही टीम इंडिया की पारी बुरी तरह लड़खड़ा गई और पूरी टीम 219 रनों पर सिमट गई। भारत का स्कोर 191/4, 196/5, 200/6, 201/7, 218/8, 218/9 और 219/10 हो गया। इस तरह भारत ने 28 रनों पर ही अपने आखिरी 7 विकेट गंवा दिए और ये कारण भारत की हार का सबसे बड़े कारणों में से एक रहा। ये भी पढ़ें: टीम इंडिया ने ‘हार कर भी जीता दिल’, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- टीम पर गर्व है

हरमनप्रीत कौर और पूनम राउत का अंत तक ना टिकना: भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज पूनम राउत और सेमीफाइनल में गदर मचाने वाली हरमनप्रीत कौर 2 विकेट गिरने के बाद क्रीज पर थीं। दोनों बल्लेबाज शानदार बल्लेबाजी कर रहीं थीं और दोनों टीम को लक्ष्य की तरफ ले जाती दिख रहीं थीं। इस दौरान दोनों बल्लेबाजों की नजरें क्रीज पर जम गईं थीं।

हरमनप्रीत आसानी से रन बना रहीं थीं और दोनों ने अपने-अपने अर्धशतक भी पूरे कर लिए लेकिन इस दौरान दोनों में से कोई भी अंत तक नहीं टिक सका और अपने विकेट फेंककर चले गए। तीसरे विकेट के रूप में पहले हरमनप्रीत (51) और फिर चौथे विकेट के रूप में पूनम भी (86) रन बनाकर आउट हो गईं। दोनों टिके हुए बल्लेबाजों का बीच के ओवरों में आउट होना भारत के लिए खतरनाक साबित हुआ।

4 खिलाड़ियों का खाता भी ना खोल पाना: फाइनल मुकाबले में जब आपके सामने लक्ष्य 229 रनों का हो और आप मुकाबले को सिर्फ 9 रन से हारे हों तो ऐसे में 1-1 रन टीम के स्कोर के लिए मायने रखता है। इस दौरान अगर हम भारतीय टीम के स्कोरबोर्ड की तरफ नजर दौड़ाएं तो टीम इंडिया के 4 खिलाड़ियों ने अपना खाता भी नहीं खोला और 0 पर आउट हो गईं। साफ हैं 9 रन की हार में अगर इनमें से कोई भी छोटी सी पारी खेल देता तो नतीजा कुछ और हो सकता था। खाता खोले बिना आउट होने वाली बल्लेबाज स्मृति मंधाना, सुषमा वर्मा, झूलम गोस्वामी और राजेश्वरी गायकवाड़ रहीं। चारों ही बल्लेबाज बिना खाता खोले पवेलियन लौट गईं।

समृति मंधाना का लगातार फ्लॉप होना: पहले दो मैचों के बाद स्मृति का लगातार फ्लॉप होना जारी रहा और इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में भी स्मृति बिना खाता खोले आउट हो गईं। ये विश्व कप का लगातार सातवां मैच है जब स्मृति सस्ते में आउट हुईं। स्मृति ने विश्व कप के पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 90 और उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 106 रनों की पारी खेली थी लेकिन इसके बाद स्मृति का फ्लॉप शो शुरू हुआ जो सेमीफाइनल तक जारी रहा। ये भी पढ़ें: तो इस वजह से टूट गया 125 करोड़ भारतीयों का सपना, हार पर मिताली राज का बड़ा खुलासा

इन 2 मैचों के बाद स्मृति ने (2, 8, 4, 3, 13 और 6) का स्कोर किया। जो दर्शाता है कि स्मृति पहले 2 मैचों के बाद अपने शानदार प्रदर्शन को जारी नहीं रख पाईं और लगातार विफल होती चली गईं। विश्व कप में स्मृति के आखिरी 7 मैचों के प्रदर्शन को मिलाएं तो उन्होंने सिर्फ 36 रन बनाए हैं और इस दौरान उनका औसत सिर्फ 5 से भी कम का रहा है।

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