शाहरुख खान की फिल्म बाजीगर का एक बेहद ही मशहूर डायलॉग है, ‘हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं।’ ये डायलॉग आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड की टीम पर बिल्कुल सटीक बैठता है। इंग्लैंड ने लगभग हारी हुई बाजी को जीता और भारत के मुंह से जीत छीन ली। इस जीत के साथ ही इंग्लैंड ने चौथी बार विश्व कप की ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमा लिया और भारतीय टीम के पहली बार विश्व कप जीतने के सपने पर पानी फेर दिया। आखिर इंग्लैंड हार कर जीतने के बाद कैसे बनी बाजीगर? आइए जानते हैं। ये भी पढ़ते हैं: इन 4 बड़ी गलतियों की वजह से भारतीय टीम के सिर नहीं सज पाया विश्व कप का ‘ताज’
बल्लेबाजी में पिछड़ने के बाद खड़ा किया चुनौतीपूर्ण स्कोर: इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लबाजी करने का फैसला किया था। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों ने टीम को सधी हुई शुरुआत दिलाई। लॉरेन विनफील्ड और टैमी बिमॉन्ट ने पहले विकेट के लिए 47 रन जोड़े लेकिन इसके बाद टीम का स्कोर 60 पर 2 और 63 पर 3 हो गया। दबाव में आ चुकी इंग्लैंड की टीम मैच में पिछड़ने लगी थी। ऐसे समय में साराह टेलर और नटाली स्काईवर ने पारी को संभाला और दोनों ने चौथे विकेट के लिए 83 रनों की साझेदारी की।
इसी दौरान चेलर (45) रन बनाकर आउट हो गईं और इंग्लैंड के विकेट गिरने का सिलसिला फिर से चल निकला। इंग्लैंड का स्कोर 146 पर 4 से 146 पर 5, 164 पर 6 और आखिर में 196 पर 7 हो गया। 46 ओवर हो चुके थे। इंग्लैंड के सामने चुनौती आखिरी 4 ओवरों में एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने की। ऐसे समय में इंग्लैंड के निचले क्रम की बल्लेबाज जेनी गन (25) और लौरा मार्श (14) ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और आखिरी 4 ओवरों में 32 रन जोड़कर अपनी टीम का स्कोर 50 ओवरों में 228 पर 7 कर दिया।
भारतीय टीम की शुरुआत के सामने बिखरी नहीं इंग्लैंड: लक्ष्य का बचाव करने उतरी इंग्लैंड की टीम को पहला विकेट तो जल्दी गिरा दिया लेकिन इसके बाद पूनम राउत और कप्तान मिताली राज ने पारी संभाला। हालांकि मिताली राज भी (17) रन पर रन आउट हो गईं लेकिन इसके बाद हरमनप्रीत कौर और पूनम ने पारी को संभाला और दोनों बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों का डटकर सामना किया। ये भी पढ़ें: इंग्लैंड ने लगाया विश्व कप जीतने का ‘चौका’, जानिए अब तक कौन-कौन बना है ‘विश्व विजेता’
इस दौरान दोनों ने पारी के स्कोर को 100 के पार पहुंचा दिया। हरमनप्रीत कौर ने अपना अर्धशतक भी ठोक दिया और वो अब आक्रामक होकर बल्लेबाजी कर रहीं थीं। तभी इंग्लैंड ने हरमनप्रीत का विकेट निकालकर मैच में वापसी की कोशिश। हरमनप्रीत (51) रन बनाकर आउट हुईं लेकिन इसके बाद भी भारत के बल्लेबाज तेजी से रन बनाते रहे। पूनम ने अब वेदा कृष्णमूर्ति के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया और अर्धशतक ठोक दिया। इसी दौरान दोनों ने चौथे विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी की और मैच में पूरी तरह से हावी हो गई।
दबाव में निखरा इंग्लैंड का खेल और लगा दी विकेटों की झड़ी: भारत का स्कोर 191 रनों पर सिर्फ 3 विकेट था और टीम जीत की प्रबल दावेदार नजर आ रही थी। हालांकि इस दौरान इंग्लैंड को कई मौके मिले थे लेकिन इंग्लैंड ने उन मौकों को गंवा दिया था। दबाव इंग्लैंड पर हावी होने लगा था लेकिन इंग्लैंड के खिलाड़ी दबाव को अपने चेहरे पर नहीं झलकने दे रहे थे और हर खाली गेंद पर तालियां बजाकर अपने खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई कर रहे थे। इस मुश्किल घड़ी में कप्तान हीदर नाइट ने आन्या श्रबसोले को गेंदबाजी सौंपी। श्रबसौले ने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और पूनम (86) को आउट कर इंग्लैंड खेमे में उम्मीद जगा दी।
अभी भारत पूनम के विकेट से उबर पाता कि अगले ओवर में सुषमा वर्मा (0) को चलता कर एलेक्स हर्ट्ली ने अपनी टीम को पांचवीं सफलता दिला दी। अगले ओवर में इंग्लैंड को फिर से सफलता मिली और एक बार फिर से श्रबसोले ने अपना कमाल दिखाया। श्रबसोले ने बेहतरीन खेल रहीं वेदा (35) को आउट कर भारत को दबाव में ला दिया। इसी ओवर में श्रबसोले ने झूलन गोस्वामी (0) को भी आउट कर अपनी टीम को सातवीं सफलता दिला दी। अभी मैच भारत के पक्ष में था। हालांकि इंग्लैंड ने लगातार 3 ओवर में 4 विकेट झटककर मैच में वापसी कर ली थी।
इसके बाद दीप्ति शर्मा ने एक छोर संभाल लिया और 1-1 रन लेकर लक्ष्य के करीब जाने की कोशिश करने लगीं। अब रनों के मुकाबले गेंद ज्यादा थीं और इंग्लैंड के पास लेना ही एकमात्र रास्ता बचा था। इसी दौरान शिखा पांडे (4) रन आउट हो गईं और भारत का 8वां विकेट गिर गया। अब मैच काफी रोमांचक हो गया था। भारतीय ड्रेसिंग रूम काफी परेशान नजर आ रहा था। इसी बीच इंग्लैंड की कप्तान ने श्रबसोले से गेंदबाजी करानी जारी रखी। ये भी पढ़ें: टीम इंडिया ने ‘हार कर भी जीता दिल’, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- टीम पर गर्व है
ये श्रबसोले का आखिरी ओवर था और हो सकता था कि अगर भारत के बल्लेबाज इस ओवर को झेल जाते तो वो मैच जीतने में कामयाब हो जाते लेकिन श्रबसोले ने पहली ही गेंद पर दीप्ति शर्मा (14) को आउट कर दिया और हारे हुए मैच में इंग्लैंड की जीत तय कर दी। अब सिर्फ ताबूत में कील ठोकने का काम बाकी रह गया था जिसे चौथी गेंद पर श्रबसोले ने अपने ओवर की चौथी गेंद पर राजेश्वरी गायकवाड़ (0) को आउट कर पूरा कर दिया।
इस जीत के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ी जश्न में डूब गए और जीत की खुशी उनकी आंखों से आंसू बनकर बाहर झलकने लगी। स्टेडियम में मौजूद लगभग 26,000 दर्शक अपने पैरों पर खड़े होकर इंग्लैंड को उनकी इस अप्रत्याशित जीत की बधाई दे रहे थे। दर्शकों की तालियों से पूरा स्टेडियम गुंज रहा था और गूंजता भी क्यों ना आखिर इंग्लैंड ‘बाजीगर’ जो बन गई थी।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookies
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.