महिला विश्व कप 2017, सेमीफाइनल 2: फाइनल में जगह बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से लोहा लेगी टीम इंडिया
भले ही ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हो लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि जिस डर्बी के मैदान पर टीम इंडिया को मैच खेलना है उसमें उसने अबतक 5 मैच खेले हैं और उसने एक में भी हार नहीं झेली है।
आईसीसी महिला विश्व कपमें 29 मैच खत्म होने के बाद, अब तीन टीमों के बीच जंग होना शेष है जिनमें से एक ने पहले से ही फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि फाइनल में इंग्लैंड का सामना किस टीम से होगा? इसका निर्णय तब होगा जब छह बार की चैंपियन और मौजूदा ट्रॉफी विजेता ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में टीम इंडियासे दो-दो हाथ करेगी, जो इस टूर्नामेंट में अबतक बेहतरीन फॉर्म में नजर आई है।
लीग स्टेज में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है उन्हें इस दौरान सिर्फ एक हार झेलनी पड़ी है। वही चीज टीम इंडिया के साथ भी हुई है और उन्होंने लीग स्टेज में 2 हार ही झेली हैं और बाकी पांच मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की है। अब ऐसे में सवाल पैदा होता कि क्या मिताली राज की टीम मेग लेनिन की टीम से लोहा ले पाएगी? क्या टीम इंडिया दूसरी बार महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंच पाएगी? इस बात का जवाब मैच के बाद ही मिलेगा।
भले ही ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हो लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि जिस डर्बी के मैदान पर टीम इंडिया को मैच खेलना है उसमें उसने अबतक 5 मैच खेले हैं और उसने एक में भी हार नहीं झेली है। इस मैदान पर भारतीय गेंदबाजी की तूती बोलती है। यहां गिरे 65 प्रतिशत विकेट यानि 49 विकेट टीम इंडिया ने लिए हैं और 12 में से 8 अर्धशतक भारतीय बल्लेबाजों ने बनाए हैं।
वैसे एक बात टीम इंडिया के खिलाफ जाती है कि लीग मैच में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार झेलनी पड़ी थी जिसमें उन्होंने 5 ओवर पहले ही टीम इंडिया के द्वारा दिए गए 227 रनों के लक्ष्य को 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया था। वैसे इस मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने स्ट्राइक रोटेट नहीं की थी और 159 डॉट गेंदें खेली थीं जिसके कारण टीम इंडिया दबाव में आ गई और बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाई।
वैसे टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ जबरदस्त बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया था और एक बड़ा स्कोर खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी। पिछले मैचों को छोड़ दें तो अब टीम इंडिया की बल्लेबाजी और खासकर स्पिन गेंदबाजी में एक रंगत नजर आती है जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बड़ी चीज साबित हो सकती है।
शुरुआती विकेट जल्दी- जल्दी खो देना टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता है जिसके कारण उनका रन रेट गिर जाता है। अच्छी शुरुआत के बाद, स्मृति मंधाना पिछली पांच पारियों से असफल रही हैं। वहीं पूनम राउत अपनी बल्लेबाजी में कभी आर तो कभी पार होती नजर आईं। टीम इंडिया अपनी ओपनिंग जोड़ी की समस्या से पार पाने की हर संभव कोशिश करना चाहेगी और चाहेगी कि उनके तेज गेंदबाज दूसरे सेमीफाइनल में विपक्षी टीम पर गाज गिराएं।
इंग्लैंड के खिलाफ 3 रनों की हार झेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट में पीछे मुड़कर नहीं देखा है। उनके हर खिलाड़ी ने इस दौरान योगदान दिया है यही कारण है कि वह सशक्त नजर आए हैं। एलिसी पेरी, निकोल बोल्टन, और लेनिन ने आपस में 1,000 से ज्यादा रन बनाए और इन तीनों का आपस में औसत 85 का रहा है। उनके अलावा बेथ मूनी, एलेक्स ब्लैकवेल और एलेसा हीली ने भी अच्छे रन बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के पास बेहतरीन बैटिंग लाइनअप है और टूर्नामेंट में सबसे संतुलित टीम है।
उनकी गेंदबाजी भी ज्यादा पीछे नहीं है मेगन शट, जेस जोनासेन, क्रिस्टन बीम्स, पेरी और एश्ले गार्डनर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके अबतक सात मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने विपक्षी टीम को तीन बार ऑलआउट किया है और हर मैच में उन्होंने 7 विकेट तो लिए ही हैं। यही ऑस्ट्रेलिया की ताकत को बयां करता है। जाहिर है कि ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर से ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाने को बेताब होगी।
टीमों की खबर
ऑस्ट्रेलिया: लेनिन जिनके कंधे में चोट लगी थी वह अबतक दो मैचों में नहीं खेली हैं। वह पिछले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नहीं खेली थीं। इस मैच में वह टीम में लौट सकती हैं इसका मतलब है कि राचेल हाइन्स को बाहर बैठना पड़ेगा।
भारत: पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ एकता बिष्ट की जगह शामिल की गईं राजेश्वरी गायकवाड़ ने 15 रन देकर 5 विकेट लिए थे। ऐसे में गायवाड़ एक बार फिर से दमदार प्रदर्शन करने को आतुर होंगी।
भारत महिला टीम: स्मृति मंधाना, पूनम राउत, मिताली राज (कप्तान), हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, सुषमा वर्मा (विकेटकीपर), शिखा पांडे, झूलन गोस्वामी, राजेश्वरी गायकवाड़, पूनम यादव, नुजहत परवीन, मानसी जोशी , एकता बिष्ट, मोना मेश्राम।
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