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भारत बनाम इंग्लैंड फाइनल मुकाबले से पहले क्या कहते हैं 'आंकड़े', जानिए

लॉर्ड्स में दोनों देशों के बीच मुकाबला अब तक बराबरी का रहा है जबकि इस विश्व कप में भारत इंग्लैंड को दे चुका है मात

भारतीय टीम © Getty Images
भारतीय टीम © Getty Images

आईसीसी महिला विश्व कप में आज भारत और मेजबान इंग्लैंड के बीच खिताबी टक्कर होगी। दोनों देशों के लिए ये बेहद ही अहम और बड़ा मुकाबला है। भारतीय टीम अगर आज फाइनल जीत लेती है तो वो विश्व कप जीतने वाली दुनिया की चौथी टीम बन जाएगी। अब तक ऑस्ट्रेलिया ने 6, इंग्लैंड ने 3 और न्यूजीलैंड ने 1 बार इस खिताब पर कब्जा किया है। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और फाइनल मुकाबले में भी टीम अपना सर्वश्रेष्ठ देकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाना चाहेगी। आइए नजर डालते हैं मैच से पहले कुछ दिलचस्प आंकड़ों पर। ये भी पढ़ें: महिला विश्व कप 2017, प्रिव्यू: इंग्लैंड के खिलाफ इतिहास रचने उतरेगी टीम इंडिया

भारत बनाम इंग्लैंड अब तक के मुकाबलों के नतीजे: भारत और इंग्लैंड के बीच इससे पहले भी कई मैच खेले जा चुके हैं। दोनों के बीच अब तक खेले मुकाबलों में इंग्लैंड ने 34 और भारत ने कुल 26 मैच जीते हैं। इस दौरान महिला विश्व कप में इंग्लैंड ने भारत को 6 बार, जबकि भारत ने इंग्लैंड को 4 बार हराया है। इस दौरान इंग्लैंड में खेले गए दोनों के बीच मुकाबलों में भारत को 3 और इंग्लैंड को 21 मैचों में जीत मिली है। इसके अलावा लॉर्ड्स में दोनों के बीच 3 मैच खेले गए हैं और दोनों टीमों ने ने इस दौरान 1-1 मैच जीता है। वहीं साल 2017 के ग्रुप मैच में भारत ने इंग्लैंड को हरा दिया था।

मिताली के पास होगा टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज बनने का मौका: भारत की कप्तान मिताली राज के पास टूर्नामेंट में मिताली के बल्ले से (392) रन निकले हैं और उनसे आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया की एलिस पैरी (404) ही हैं। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में मिताली के पास पैरी को पीछे छोड़ने का मौका होगा। मिताली के अलाव इंग्लैंड की 3 बल्लेबाज टूर्नामेंट में 350 से ज्यादा रन बना चुकी हैं। इंग्लैंड की डैमी ब्योमॉट (387), हीदर नाइट (363) और साराह टेलर के नाम (351) रन हैं। ये भी पढ़ें: फाइनल के लिए लॉर्ड्स की परंपरा में बदलाव, स्टेडियम में जमकर होगा ‘भांगड़ा’

दो बार फाइनल में पहुंचाने वाली पहली भारतीय कप्तान बनीं मिताली: भारतीय टीम की कप्तान मिताली राज महिला और पुरुष टीम को मिलाकर भारत की ऐसी पहली कप्तान बन गईं हैं जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने विश्व कप के फाइनल में 2 बार जगह बनाई हो। मिताली से पहले भारत का कोई भी कप्तान इस उपलब्धि को अपने नाम नहीं कर सका था। फिर चाहे वो कपिल देव, सौरव गांगुली या फिर महेंद्र सिंह धोनी ही क्यों न हों। मिताली ने बतौर कप्तान उस उपलब्धि को हासिल किया जिसे ये तीनों दिग्गज (कपिल देव, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी) भी हासिल नहीं कर सके।

भारत ने मिताली की कप्तानी में साल 2017 के विश्व कप में तो जगह बनाई ही है इसके अलावा टीम ने साल 2005 के विश्व कप में भी मिताली की कप्तानी में फाइनल तक का सफर तय किया था। इस तरह मिताली अब भारत की पुरुष टीम और महिला टीम को मिलाकर ऐसी पहली कप्तान बन गईं हैं जिनके नेतृत्व में टीम ने 2 बार विश्व कप के फाइनल का सफर तय किया। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने साल 1983, गांगुली की कप्तानी में भारत ने साल 2003 और धोनी की कप्तानी में भारत ने साल 2011 के विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी। ये भी पढ़ें: ”कपिल देव की तरह मिताली राज को भी लॉर्ड्स की बालकनी से विश्व कप उठाते देखना है सपना”

विश्व कप में 200 रन और 10 विकेट लेने वाली सबसे युवा क्रिकेटर बनीं दीप्ती शर्मा: 19 साल की दीप्ति शर्मा विश्व कप में 200 रन और 10 विकेट लेने वाली सबसे युवा क्रिकेटर बन गईं हैं। दीप्ति शर्मा ने टूर्नामेंट में अपने ऑलराउंड खेल से सभी को प्रभावित किया है और उन्होंने बल्ले, गेंद दोनों से अपना कमाल दिखाया है।

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