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दर्द से कराहने के बावजूद जब युवराज सिंह ने 64 गेंदों में जड़ दिया था शतक

स्टीव हार्मिसन ने पहली गेंद युवराज को बाउंसर फेकी। युवराज ने शानदार पुल खेला और चार रन बटोरे। अगली गेंद फिर से हार्मिसन ने बाउंसर फेकी। इस बार फिर से युवराज ने बैकवर्ड स्क्वेयर लेग का चौका जड़ दिया।

युवराज सिंह  © Getty Images
युवराज सिंह © Getty Images

साल 2008 में इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया। वनडे सीरीज का पहला मैच राजकोट में खेला गया। मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को दोनों ओपनिंग बल्लेबाजों गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने शानदार शुरुआत दी। सहवाग जहां एक छोर से लगातार प्रहार कर रहे थे वहीं दूसरे छोर से गौतम गंभीर आराम से रन बटोर रहे थे। सहवाग ने अपने आक्रमण की शुरुआत तीसरे ओवर से की और एंडरसन के ओवर में दो चौके जड़ दिए। उसके बाद पारी का छठवां ओवर फेकने आए स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में गौतम गंभीर ने तीन चौके जड़ दिए। इसके बाद 15वें ओवर तक दोनों बल्लेबाजों ने ज्यादा आक्रामकता न दिखाते हुए 90 रन बनाए। 16वां ओवर पॉल कॉलिंगवुड लेकर आए। सहवाग तो जैसे पहले से ही मूड में थे तो उन्होंने इस ओवर में 2 छक्के जड़ते हुए कुल 19 रन बटोरे। सहवाग यहीं नहीं रुके और उन्होंमे जीतन पटेल के अगले ओवर में 2 चौके जड़ते हुए कुल 11 रन बटोरे। लेकिन इसी बीच गंभीर को पटेल ने शाह के हाथों झिलवाते हुए 55 के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट कर दिया। [ये भी पढ़ें: बर्थडे स्पेशल: युवराज सिंह- एक खिलाड़ी जिसने लड़कर पाया सबकुछ]

अगले कुछ ओवरों तक सहवाग ने संभलकर बल्लेबाजी की। लेकिन जैसे उन्हें एहसास हुआ कि इंग्लैंड के गेंदबाज उन पर दबाव बना रहे हैं तो उन्होंने 24वें ओवर में ही मोर्चा फिर से खोल दिया और जीतन पटेल की पहली ही गेंद पर छक्का जड़ दिया। इसके बाद उन्होंने चौथी और पांचवीं गेंद पर चौके जड़ दिए। सहवाग को रोकना कतई मुमकिन नजर नहीं आ रहा था और वह विपक्षी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ रहे थे। इसी बीच उन्होंने जीतन पटेल की गेंद को मिड विकेट के ऊपर उड़ाकर खेलना चाहा लेकिन गेंद बल्ले पर पूरी तरह से नहीं आई और उन्होंने इयान बेल को अपना कैच दे दिया। हालांकि तब तक सहवाग अपना काम कर चुके थे और उन्होंने 73 गेंदों में 85 रन बटोरे। टीम इंडिया ने 153/2 के साथ ही सहवाग का विकेट गंवाया। ऐसी परिस्थिति में युवराज सिंह बल्लेबाजी के लिए आए। युवराज ने शुरुआत बड़े आराम से की। [ये भी पढ़ें: जब इरफान पठान ने एक ओवर में जड़े 5 चौके]

दूसरे छोर से रैना इक्का- दुक्का बड़े स्ट्रोक जरूर खेल रहे थे। युवराज ने अपने पहले 4 रन 9 गेंदों में बनाए। इसके बाद स्टीव हार्मिसन ओवर लेकर आए। हार्मिसन ने पहली गेंद युवराज को बाउंसर फेकी। युवराज ने शानदार पुल खेला और चार रन बटोरे। अगली गेंद फिर से हार्मिसन ने बाउंसर फेकी। इस बार फिर से युवराज ने बैकवर्ड स्क्वेयर लेग का चौका जड़ दिया। इस तरह युवराज ने हार्मिसन पर अपना दबदबा बना लिया था। अगली गेंदों में दोनों बल्लेबाजों ने सिंगल्स लिए। अंतिम गेंद पर हार्मिसन ने युवराज को यॉर्कर गेंद डाली, लेकिन युवराज तो जैसे तैयार बैठे थे और उन्होंने बड़ी खूबसूरती से मिड ऑफ का चौका जड़ दिया। इस तरह ओवर से युवराज ने 14 रन बटोरे। लेकिन इसी बीच उनके शरीर में कुछ खिंचाव आने लगा और वह मैदान पर निढाल होकर गिर पड़ा। यह देखकर फिजियोथेरेपिस्ट मैदान पर आए। उन्होंने युवराज को एक पट्टा कमर के ऊपर बांधने को कहा ताकि उन्हें खिंचाव महसूस न हो। युवराज अब एक काले पट्टे को कमर में बांधकर क्रिकेट खेल रहे थे। अगले कुछ ओवरों में फिर से युवराज शांत नजर आए।

लेकिन रैना यदा- कदा छक्का जरूर जड़ देते थे और स्कोरबोर्ड को संतुलन के साथ चला रहे थे। पारी के 35वें ओवर में जहां फ्लिंटॉफ की पांचवीं गेंद पर युवराज ने छक्का जड़ा तो अगले ही ओवर में हार्मिसन की चौथी और पांचवीं गेंद पर युवराज ने चौका और छक्का जड़ दिया। इस दौरान भारतीय टीम के लगातार दो विकेट गिर गए और अब टीम इंडिया का स्कोर 247/4 हो चुका था। लेकिन युवराज अब अर्धशतक जमा चुके थे। उन्होंने अपना अर्धशतक 42 गेंदों में पूरा किया। पारी के 42वें ओवर तक धोनी और युवराज ने ज्यादा हिटिंग करने पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन जैसे ही पारी का 43वां ओवर ब्रॉड लेकर आए। युवराज ने फिर से आतिशी बल्लेबाजी करना शुरू की और उन्होंने पहली दो गेंदों पर एक छक्का और एक चौका जड़ दिया और ओवर से 12 रन बटोरे। अगले ओवर में पटेल की पहली गेंद पर चौका जड़कर धोनी ने दूसरी गेंद पर युवराज को स्ट्राइक दी।

युवराज ने अगली चार गेंदों में 1 छक्का और 1 चौका जड़ा। साथ ही दो सिंगल्स लिए। इस तरह ओवर से कुल 17 रन आए। अगले ओवर में एंडरसन पर भी युवराज सिंह भड़के और ओवर में 1 छक्का और 1 चौका जड़ा और ओवर से 15 रन बटोरे। पारी का 46वां ओवर हार्मिसन लेकर आए उनकी पहली चार गेंदों पर दो चौके जड़ने के बाद उन्होंने पांचवीं गेंद पर दो रन लेकर अपना शतक 64 गेंदों में पूरा किया। युवराज ने अपने शतक के लिए 11 चौके और 4 छक्के जड़े। लेकिन अभी तो खेल बाकी था। अगला ओवर फ्लिंटॉफ लेकर आए और उनके ओवर में युवराज ने दो छक्के जड़ते हुए कुल 16 रन बटोरे। 48वें ओवर में धोनी 32 गेंदों में 39 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन युवराज नहीं रुके। हार्मिसन की बेहतरीन गेंदबाजी करने के बावजूद उन्होंने ओवर से 8 रन बटोरे।

पारी का 49वांओवर फ्लिंटॉफ लेकर आए। उनकी पहली दो गेंदों पर युवराज ने दो चौके जड़े और तीसरे गेंद पर एक रन लिया। चौथी गेंद पर रोहित शर्मा ने चौका जड़ दिया। पांचवीं गेंद पर उन्होंने 1 रन लिया और अंतिम गेंद पर युवराज ने आते ही चौका जड़ दिया। अंततः भारतीय टीम ने 50 ओवरों में 387/5 का स्कोर बनाया। साथ ही युवराज 78 गेंदों में 138 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे।

जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम शुरू से ही भारतीय टीम के द्वारा दिए गए भारी- भरकम लक्ष्य के दबाव में नजर आई और 37.4 ओवरों में 229 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस मैच में भारत की ओर से जहीर खान से सर्वाधिक 3 विकेट लिए। इस तरह टीम इंडिया ने मैच 158 रनों के विशाल अंतर से जीत लिया।

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