करीब 12 साल पहले ऑस्ट्रेलिया ने भारत दौरे पर टीम इंडिया को हराने में सफलता हासिल की थी। उसके बाद से उनकी टीम ने जब भी भारत का दौरा किया उन्हें मुंह की खानी पड़ी। अब जब स्टीवन स्मिथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया टीम भारत आई है तो वे उम्मीद कर रहे होंगे कि उन्हें फिर से शर्मनाक तरीके से सीरीज हार का सामना न करना पड़े। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका का दौरा किया था और वहां उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने उन्हें उनके घर में ही पटकनी दे दी। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया का अपने ऊपर विश्वास बहुत कम रह गया है। जाहिर है कि जब वे पुणे में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में उतरेंगे तो उनका लक्ष्य अपने अनिरंतर प्रदर्शन को किनारे करते हुए टीम इंडिया को कठिन चुनौती देने पर होगा।
दोनों के बीच सीरीज जीतने के लिए भिड़ंत तो होगी ही, साथ ही दोनों के बीच आईसीसी रैंकिंग में पहले पायदान के लिए भी कड़ा संघर्ष होगा। भारतीय टीम रैंकिंग में पहले पायदान पर काबिज है और अगर ऑस्ट्रेलिया भारत को 4-0 से हराने में कामयाबी पाता है, तो वह भारत को पछाड़कर पहले स्थान पर आ जाएगा। जो लगभग असंभव सा नजर आता है। क्योंकि भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में लगातार अच्छा खेल दिखा रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत को भारत में हराना एक चुनौती होगी। ऑस्ट्रेलिया पिछले कुछ सालों से भारतीय उपमहाद्वीप में कुछ खास नहीं कर सका है। ऐसे में इस टेस्ट सीरीज के जरिए वह खुद को साबित करने का मौका गंवाना नहीं चाहेंगे। पिछले चार सालों में भारतीय उपमहाद्वीप पर ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस दौरान कुल नौ टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उसने एक में भी जीत दर्ज नहीं की है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया टीम अपने रिकॉर्ड को सुधारने की भरपूर कोशिश करेगी।
स्पिन के सामने होगी कंगारुओं की अग्निपरीक्षा: भारत ने अभी तक अपनी मेजबानी में अगर मेहमानों को धूल चटाने में कामयाबी हासिल की है तो इसके पीछे भारत की सबसे मजबूत कड़ी स्पिन गेंदबाजी रही है। भारत के फिरकी गेंदबाजों ने मेहमान टीम के बल्लेबाजों को अपने स्पिन के जाल में कुछ इस तरह फंसाया कि वह उससे बाहर निकल ही नहीं सके। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के लिए भी भारतीय स्पिनरों से पार पाना आसान नहीं होगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत आने से पहले यूएई में स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ जमकर अभ्यास किया था और उसका असर भारत ए के खिलाफ खेले गए अभ्यास मैच में देखने को भी मिला था। लेकिन भारत के विश्वस्तरीय गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा से निपटना ऑस्ट्रेलिया के लिए आसान नहीं रहेगा। अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक 10 मैचों में 34.64 की औसत के साथ 50 विकेट झटके हैं। वहीं इस दौरान अश्विन ने एक पारी में 5 विकेट चार बार, तो वहीं एक मैच में 10 या इससे ज्यादा विकेट एक बार लिए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अश्विन का सर्वश्रेष्ठ एक पारी में 7/103 रहा है और एक मैच में 12/198 है। वहीं जब साल 2013 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी, तो अश्विन ने 4 मैचों में 29 विकेट झटके थे। ऐसे में साफ है कि अश्विन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खतरनाक तो हैं ही, साथ ही वह भारत में और भी खतरनाक हो जाते हैं।
वहीं टीम के दूसरे स्पिन गेंदबाज रविंद्र जडेजा की बात करें तो वह अश्विन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर गेंदबाजी करते हैं और भारत को जरूरत के वक्त विकेट निकालकर देते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जडेजा के आंकड़ों को देखें तो उन्होंने अब तक खेले गए 4 मैचों में 24 विकेट झटके हैं और उनका औसत 17.45 का है। वहीं उन्होंने इस दौरान एक बार 5 विकेट भी अपने नाम किया है। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 58 रन देकर 5 विकेट रहा है। भले ही जडेजा को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ज्यादा गेंदबाजी का मौका ना मिला हो, लेकिन इस बार वह कंगारू बल्लेबाजों को अपनी घूमती गेंदों पर गच्चा देने की पूरी कोशिश करेंगे।
भारत के अंदाज में जवाब देने के लिए तैयार ऑस्ट्रेलिया: इस बात को सभी जानते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप की पिचें स्पिन गेंदबाजों के लिए वरदान से कम नहीं होतीं। इसी को ध्यान में रखते हुए ऑस्ट्रेलिया भी भारत दौरे पर पांच स्पिन गेंदबाजों के साथ आई है। उनके टीम में कुल पांच स्पिनर (नाथन ल्योन, स्टीव ओ’ कैफे, एश्टन एगर, मिचेल स्वेम्पसन, और ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल) हैं। जाहिर है कि ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारतीय पिचों पर टीम इंडिया को उसी की भाषा में जवाब देने का निर्णय लिया है। लेकिन देखना ये होगा कि क्या ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों पर कोई प्रभाव छोड़ पाते हैं या नहीं।
जब से विराट कोहली ने भारतीय टेस्ट टीम की कमान अपने हाथों में ली है, तब से ही भारतीय टीम के प्रदर्शन में जबरदस्त उछाल आया है। नतीजा भारतीय टीम लगातार सीरीज जीत रही है और एक भी सीरीज में टीम को हार नसीब नहीं हुई है। टेस्ट में कोहली की नियमित कप्तानी बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से शुरू हुई थी। बांग्लादेश के खिलाफ वह टेस्ट बराबरी पर समाप्त हुआ था। इसके बाद टीम श्रीलंका के दौरे पर 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए गई। दौरे पर भारत को पहले मुकाबले में हार झेलनी पड़ी। लेकिन इसके बाद कोहली ने अगले दोनों मुकाबले जीतकर सीरीज को अपने नाम कर लिया था और यहीं से शुरू हुआ था विराट कोहली का विजय रथ, जो अभी तक जारी है। श्रीलंका के बाद भारत ने अपनी मेजबानी में दक्षिण अफ्रीका को 3-0, वेस्टइंडीज को उसी की धरती पर 2-0, फिर अपनी मेजबानी में न्यूजीलैंड को 3-0 और इसके बाद इंग्लैंड को 4-0 और बांग्लादेश को एकमात्र टेस्ट में करारी शिकस्त देकर दर्शाया कि वह कितनी खतरनाक टीम है। अब भारतीय टीम का अगला लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया को करारी मात देने का होगा। इससे पहले अपनी मेजबानी में ऑस्ट्रेलिया को मात दे चुकी भारतीय टीम इस बार भी ऑस्ट्रेलिया को नाको चने चबवाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी।
ऑस्ट्रेलिया भी भारत को हराकर उसके विजय रथ पर सेंध लगाने की भरपूर कोशिश करेगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम स्मिथ की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन कर रही है और हाल ही में उसने अपनी मेजबानी में पाकिस्तान को सीरीज में शिकस्त दी थी। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत को झटका देने का माद्दा रखती है। हाल ही में कप्तान स्मिथ ने कहा भी था कि उनकी टीम भारत को भारत में हराकर सर्वकालीन महान टीम साबित हो सकती है। साफ है ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत को हराने के लिए कमर कस चुकी है।
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