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भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया(मैच प्रिव्यू): आर या पार की लड़ाई लड़ने के लिए उतरेंगी दोनों टीमें

दोनों टीमें सीरीज में 1-1 की बराबरी पर हैं। यह सीरीज का फाइनल टेस्ट है।

india vs Australia

जो चीजें कही जा रही थीं कि वो होनी चाहिए वे हो चुकी हैं। फाइनल और भारत- ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट मैच शुरू होने जा रहा है। सबसे अच्छी बात ये है कि उन सभी नकारात्मक बातों और विवादों का अंत हो चुका है जिसका साया पहले तीन टेस्ट मैचों में छाया रहा था। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही सीरीज में 1-1 की बराबरी पर हैं। ऐसे में फाइनल टेस्ट में जो भी जीत दर्ज करेगा वही सीरीज का हकदार होगा। टीम इंडिया अगर जीतती है तो  सीरीज विजयी अभियान में वह एक स्टेज और बढ़ जाएगी। खासकर न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, और बांग्लादेश को हराने के बाद। वहीं, दुनिया की नंबर 1 टीम को हराकर ऑस्ट्रेलिया अपना रुतबा हासिल करना चाहेगी।

टीम इंडिया चोट की परेशानियों से लगातार जूझ रही है। रांची टेस्ट मे फील्डिंग करते हुए विराट कोहली अपना कंधा चोटिल कर बैठे थे और अब तक उनकी चोट के बारे में कोई खबर नहीं आई है। हां, उनके बैक- अप के तौर पर श्रेयस अय्यर को जरूर टीम में बुला लिया गया गया है। जिससे ऑस्ट्रेलियाई खेमे में दबे तौर पर ये उम्मीद जग गई है कि हो सकता है कि विराट कोहली चौथे टेस्ट में न खेलें। कोहली के लिए अब तक यह सीरीज किसी बुरे सपने की तरह रही है। तीन टेस्ट में वह अबतक कुल 46 रन बनाने में कामयाब हुए हैं। इस दौरान उनका बैटिंग औसत 9.20 का रहा है। पिछली सीरीजों में कोहली ने बल्ले से कमाल किया था और हर सीरीज में दोहरा शतक तो जरूर बनाया था।

ऐसे में मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी खराब फॉर्म को देखकर लगता है जैसे वह किसी दूसरे ग्रह में क्रिकेट खेल रहे हैं। कोहली के लिए मैदान के बाहर भी चीजें अच्छी नहीं रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘सी’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर उनकी कड़ी आलोचना की थी, जो वास्तव में उन्होंने नहीं किया। यहां तक कि विपक्षी टीम के चेयरमेन ने भी कोहली पर दो बार जुबानी हमला किया है।

भले ही कोहली खराब फॉर्म से गुजर रहे हों लेकिन कोहली का विकेट लेना ऑस्ट्रेलिया की अभी भी प्राथमिकता है। सवाल ये है कि कैसे कोहली की टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को चौथे टेस्ट में जवाब दे पाती है। जाहिर है कि इसी टेस्ट से दोनों टीमों के बीच विजेता कौन होगा ये भी तय होना है। धर्मशाला देश का 27वां टेस्ट वेन्यू होगा और टेस्ट की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हिमाचल में टेस्ट ग्राउंड तो है लेकिन ये भी गौर करने वाली बात है कि हिमाचल भारत का पांचवा राज्य है(छत्तीसगढ़ को छोड़कर) जो कभी टेस्ट क्रिकेटर टीम इंडिया को नहीं दे पाया।

अब कोहली के बारे में बहुत बातें हो गईं। टीम के अन्य खिलाड़ियों के बारे में भी बातें कर लेते हैं। चेतेश्वर पुजारा ने पिछली पांच पारियों में दो अर्धशतक जमाए हैं। ऐसे में पुजारा एक बार फिर से इसी जोश खरोश के साथ मैदान पर उतरना चाहेंगे। केएल राहुल की बात करें तो उन्होंने पिछली पांच पारियों में चार अर्धशतक जमाए हैं। वहीं मुरली विजय भी पूरे कंट्रोल में नजर आ रहे हैं। रहाणे अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पा रहे हैं। वह हर मौके पर दहाई के आंकड़े को छूते हैं लेकिन उसके बाद आउट हो जाते हैं। 13 से 18 के बीच में वह कुल चार बार आउट हुए हैं। बैंगलुरू में पहली पारी में करुण नायर ने अच्छी बल्लेबाजी की झलक दिखाई थी। लेकिन जल्दी ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उनकी कमी जान गए और उन्हें लगातार पारियों में सस्ते में लौटाया। हो सकता है कि टीम इंडिया अय्यर को प्लेइंग इलेवन में शामिल करे। उन्होंने टूर मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 210 गेंदों में 201 रन मारे थे। [ये भी पढ़ें: धर्मशाला टेस्ट: टीम इंडिया में हो सकते हैं 3 बदलाव!]

टीम इंडिया के निचले क्रम(अश्विन, साहा, जडेजा) ने पूरे सीजन में अपने बल्ले से धमाल मचाया था। लेकिन इस सीरीज में इन दोनों के बल्ले से वो आग नहीं निकली है। रांची टेस्ट में बल्लेबाजों ने अच्छी बल्लेबाजी तो की लेकिन वो भी तक जब चार विकेट गिर गए। जाहिर है कि अगर यहां टेस्ट मैच जीतना है तो पूरी टीम को एक ईकाई में प्रदर्शन करना होगा तभी बात बन पाएगी।

डेविड वॉर्नर आजकल फॉर्म में नहीं हैं। वह हमेशा ही अपनी फॉर्म से एक पारी दूर ही दिखाई दिए हैं। वह प्लान के साथ आते हैं कि विपक्षी टीम पर सैटल होने से पहले ही धावा बोल दिया जाए लेकिन उनका ये प्लान अब तक सफल नहीं हुआ है। वह भी टीम इंडिया के रहाणे की तरह ही हैं। वह दहाई के आंकड़े को तो छूते हैं लेकिन उसे बड़े स्कोर में बदल नहीं पाते। वह अब तक सीरीज में एक 40 भी नहीं लगा पाए हैं।

वॉर्नर के साथी बल्लेबाज मैट रेनशॉ के साथ ऐसी कोई परेशानी नजर नहीं है। उन्होंने अपनी लंबाई और लंबी पहुंच का इस सीरीज में अच्छा फायदा उठाते हुए रन बनाए हैं। इस सीजन में भारत में जितनी भी टीमों ने दौरा किया है उनमें से सबसे ज्यादा आसानी से बल्लेबाजी करते नजर आने वाले वह एकमात्र ओपनर हैं। उन्होंने ये भी दिखाया है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह तेजी से भी रन बना सकते हैं और अपनी सीनियर पार्टनर की असफलता की भरपाई कर सकते हैं। पीटर हैंड्सकॉम्ब और शॉन मार्श ने भले ही अब तक सीरीज में ज्यादा रन न बनाए हों लेकिन दोनों ने रांची टेस्ट की आखिरी पारी में जिस तरह से बल्लेबाजी की। उसने उनका विश्वास काफी बढ़ाया है। लेकिन ये बात भी है कि इतने बस से कुछ नहीं होने वाला। मार्श इस सीरीज की छह पारियों में से चार बार फेल हुए हैं। वहीं, निचले क्रम में ग्लेन मैक्सवेल और मैथ्यू वेड ने उम्मीद से इतर अच्छा प्रदर्शन किया है और स्पिनरों की अच्छी धुनाई की है।

इसी के साथ हम स्टीवन स्मिथ पर आते हैं, जो अब तक सीरीज में एक बेहतरीन बल्लेबाज साबित हुए हैं। साथ ही ये भी गौर करने वाली बात है कि उनकी कुछ हरकतों के कारण उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी है। जब भी वह बल्लेबाजी के लिए उतरे हैं उन्होंने भारतीय स्पिनरों की बखिया उधेड़ दी है। साथ ही उन्होंने रनों का भी अंबार लगाया है। हालांकि, वॉर्नर ने भी प्रयास किया है लेकिन वह असफल रहे हैं। शायद उनका बल्लेबाजी करने का तरीका वॉर्नर से ज्यादा सावधानी भरा है। जाहिर है कि धर्मशाला में एक बार फिर से स्मिथ एक बड़ी पारी खेलने की उम्मीद जता रहे होंगे।

मिचेल स्टार्क के चोटिल होने के बाद ऐसा लगा कि ऑस्ट्रेलिया टीम गर्त में डूब जाएगी लेकिन पैट कमिंस ने लंबे समय के बाद आते ही ऑस्ट्रेलियाई टीम को अच्छी हिम्मत दी है और टीम इंडिया के विकेट निकाले। उन्होंने पाटा पिच पर पेस प्राप्त करने के लिए पीठ से जोर लगाया और सफलता प्राप्त की। यही कारण रहा कि वह इस सीरीज में सबसे तेज गेंदें फेंकते नजर आए और इस दौरान उन्होंने बल्लेबाजों को भौंचक्का भी छोड़ दिया। वहीं, दूसरे छोर पर जोश हेजलवुड पर गेंदबाजी की जिम्मेवारी होगी।

पिच को छोड़ भी दें तो धर्मशाला में ठंडी हवाएं चलती हैं। इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की अपार संभावना है। ऐसे में संभावनाएं हैं कि दोनों टीमें तीन- तीन तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतर सकती हैं। ऑस्ट्रेलिया स्टीव ओ कीफ की जगह तेज गेंदबाज जैक्सन बर्ड को चुन सकती है। वहीं टीम इंडिया ईशांत शर्मा को ड्रॉप करते हुए भुवनेश्वर कुमार को अंतिम एकादश में चुन सकती है।

दोनों टीमें इस प्रकार हैं:

भारत: विराट कोहली(कप्तान), रिद्धिमान साहा(विकेटकीपर), मुरली विजय, केएल राहुल, अभिनव मुकुंद, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, करुण नायर, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, जयंत यादव, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, श्रेयस अय्यर।

ऑस्ट्रेलिया: स्टीवन स्मिथ(कप्तान), मैथ्यू वेड (विकेटकीपर), डेविड वॉर्नर, मैट रेन्शॉ, ग्लेन मैक्सवेल, शॉन मार्श, पीटर हेंडकॉम्ब, उस्मान ख्वाजा, मार्क्स स्टोइनिस, नेथन लायन, जोश हेजलवुड, स्टीव ओ कीफ, एश्टन एगर, मिचेल स्वैंपसन, पैट कमिंस, जैक्सन बर्ड।

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