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टीम इंडिया को सीखना होगा 'डीआरएस' का सही इस्तेमाल

पहले टेस्ट मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने 6 रिव्यू खराब किए

भारतीय टीम  © PTI
भारतीय टीम © PTI

पहले टेस्ट में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। पहले टेस्ट में भारतीय टीम की बल्लेबाजी तो खराब रही ही, साथ ही टीम इंडिया ने रिव्यू का भी सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया। रिव्यू के मामले में टीम इंडिया बिल्कुल नौसीखिए की तरह नजर आ रही थी। बिना सोचे-समझे कोई भी खिलाड़ी रिव्यू ले रहा था और उसे बर्बाद करता जा रहा था। पहले मैच में कई बार देखने को मिला कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने रिव्यू का इस्तेमाल बिना सोचे-समझे कर उसे खराब कर दिया। वहीं भारत के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू को सही तरीके से इस्तेमाल किया और इसका उन्हें फाएदा भी मिला।

भारतीय टीम की बात करें तो दूसरी पारी में जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी को उतरी तब अश्विन और जयंत की दो बेहद घूमती गेंदों पर कोहली ने रिव्यू ले डाले और ये दोनों रिव्यू शुरुआती ओवरों में ही व्यर्थ चले गए। बाद में दो बार जब रिव्यू लेकर टीम इंडिया विकेट हासिल कर सकती थी। तब उनके खाते में रिव्यू नहीं बचे थे और इस तरह टीम इंडिया को खराब रिव्यू का खामियाजा भुगतना पड़ा। इसके बाद जब टीम इंडिया दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो मुरली विजय और केएल राहुल के साफ आउट होने के बावजूद रिव्यू का इस्तेमाल किया और दोनों रिव्यूज को व्यर्थ में खराब कर डाला। ये भी पढ़ें: विराट कोहली ने बताया टीम इंडिया की हार का कारण

बाद के ओवरों में जब साहा को पगबाधा आउट दे दिया गया तब संशय लग रहा था कि उनके बैट से लगकर गेंद पैड में लगी है। चूंकि, रिव्यू पहले ही इस्तेमाल किए जा चुके थे। इसलिए यहां भी टीम इंडिया को निराश होना पड़ा। जाहिर है कि कोहली को इस टेस्ट मैच से सीखने की जरूरत है। जब भी उनका खिलाड़ी उनसे रिव्यू लेने के लिए कहता है वह बिना सोचे समझे रिव्यू ले लेते हैं। उन्हें रिव्यू लेते समय इक्का- दुक्का बार बातचीत तो करनी ही चाहिए। क्योंकि रिव्यू 80 ओवरों में सिर्फ दो ही मिलते हैं।

फील्डिंग के दौरान भारतीय टीम ने 4 रिव्यू लिए और चारों ही मरतबा वे गलत रहे। वहीं फील्डिंग के दौरान ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ एक ही रिव्यू लिया और वह भी सही निकला। वहीं बल्लेबाजी के दौरान भारतीय बल्लेबाजों ने 3 बार रिव्यू का इस्तेमाल किया और सिर्फ एक ही बार वह सही रहा बाकी 2 बार उनका रिव्यू गलत रहा। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी के दौरान 6 बार रिव्यू लिया और उन्हें 2 बार सफलता भी मिली। दूसरी पारी में जब भारत गेंदबाजी कर रहा था तो उस समय भारत ने जयंत यादव के लगातार दो ओवरों में दो रिव्यू लिए और दोनों ही मौकों पर भारत को सफलता नहीं मिली। 56वें ओवर में जब स्मिथ के खिलाफ अंपायर ने अपील को ठुकरा दिया था और अगर उस समय भारत के पास रिव्यू होते तो हो सकता है कि स्मिथ आउट हो जाते।

लेकिन भारतीय टीम ने अपने सभी रिव्यू पहले ही खराब कर दिए थे। वहीं बल्लेबाजी के दौरान भारत के दोनों सलामी बल्लेबाजों ने रिव्यू का गलत इस्तेमाल किया और दोनों रिव्यू बर्बाद कर दिए। दोनों बल्लेबाजों को देखकर साफ लग रहा था कि वे टीम के हित में नहीं, बल्कि अपने हित में रिव्यू का उपयोग कर रहे थे। पहले कीफे की गेंद पर विजय के खिलाफ पगबाधा की अपील की गई, जिसपर अंपायर ने अपनी उंगली खड़ी कर दी। विजय को साफ पता था कि गेंद बल्ले पर कहीं भी नहीं लगी, फिर भी उन्होंने सिर्फ इस लिए रिव्यू ले लिया कि हो सकता है गेंद विकेटों को छोड़ती हुई निकल गई हो। लेकिन रिव्यू में साफ देखा गया कि गेंद सीधा विकेटों पर लगी और विजय ने अपने लिए एक रिव्यू खराब कर दिया। वहीं दूसरे सलामी बल्लेबाज राहुल भी ठीक विजय की ही तर्ज पर रिव्यू लिया और खराब कर दिया। ये भी पढ़ें: देखना दिलचस्प होगा कि बेंगलुरू में कैसी पिच बनाते हैं भारतीय: स्टीवन स्मिथ

राहुल भी लियोन की गेंद पर पगबाधा आउट करार दि जा चुके थे। लेकिन उन्होंने भी अपनी शंका को दूर करने के लिए रिव्यू का इस्तेमाल किया। रिव्यू में साफ देखा गया कि गेंद कहीं भी बल्ले पर नहीं लगी और सीधा विकेटों पर ही लग रही थी। इस लिहाज से दोनों ही बल्लेबाजों ने भारत के दोनों रिव्यू खराब कर दिए। मैच में कुल दोनों टीमों ने 7 बार रिव्यू लिया, जिनमें से ऑस्ट्रेलिया को 3 में और भारत को सिर्फ 1 में ही सफलता मिली। आंकड़ों से साफ है कि भारत के लिए पहले मैच में रिव्यू लेने का अनुभव सही नहीं रहा और जिसका उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ा। भारत को अगर रिव्यू का सही इस्तेमाल करना है तो कोहली को जोश से नहीं, बल्कि होश से काम लेना होगा और हालात को परखते हुए रिव्यू लेने का फैसला करना होगा।

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