वर्तमान में केएल राहुलभारतीय टीमकी वनडे, टेस्ट, टी20I तीनों फॉर्मेटों में ओपनिंग करते हैं। जब वह अपनी फॉर्म में होते हैं तो किसी सुनहरे हीरे की तरह दिखाई देते हैं। उनका स्ट्रोक खेलने का अंदाज खूबसूरत और दर्शनीय होता है। उनकी क्रिकेट बुक में हर शॉट मौजूद है जो बल्लेबाजी को आसान बना देता है। उन्होंने विभिन्न फॉर्मेटों में अच्छा प्रदर्शन किया है और रनों का अंबार लगाया है। लेकिन इस सबके बावजूद वह अबतक लगातार रन बनाने वाले बल्लेबाज के रूप में अपनी साख नहीं बना पाए हैं। अभी तक टेस्ट क्रिकेट राहुल के लिए मिला- जुला रहा है। राहुल ने पिछले दिनों 199 रनों की पारी खेली थी और अब तक वह चार शतक जड़ चुके हैं।
लेकिन ये भी सही बात है कि उन्होंने अपने छोटे से टेस्ट करियर में कई बार छोटे स्कोर बनाए हैं। 24 साल के राहुल ने साल 2014 में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था। लेकिन पिछले एक साल से अनिरंतर प्रदर्शन उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है और पिछली 23 पारियों में वह 12 बार 10 से कम के स्कोर पर आउट हुए हैं। राहुल ने अब तक टेस्ट क्रिकेट में चार शतक(199, 158, 110 और 108) जड़े हैं। जिसकी बदौलत उनका बल्लेबाजी औसत एक दम से उछल पड़ता है और कुल 38 के आसपास का दिखाई देता है। अगर राहुल की इन चार पारियों को उनके करियर से हटा लिया जाए तो उनका बल्लेबाजी औसत 14 से भी नीचे पहुंच जाता है। जो बताता है कि राहुल कितने गहरे पानी में हैं। [ये भी पढ़ें: दूसरे टेस्ट मैच में इन तीन खिलाड़ियों पर गिर सकती है गाज]
टीम इंडिया पिछली कुछ सीरीजों से अच्छी शुरुआत को लेकर जूझती रही है। इसको लेकर इक्का- दुक्का प्रयोग भी किए गए और गौतम गंभीर को ओपनर के रूप में मौका दिया गया। लेकिन एक मैच में फेल होने के बाद ही उनकी घर वापसी कर दी गई। इसके बाद अन्य किसी खिलाड़ी को इस पोजीशन के लिए नहीं चुना गया क्योंकि वेस्टइंडीज में राहुल ने 158 रनों की पारी खेली थी और चोट से उबरने के बाद उन्होंने अपनी पोजीशन फिर से हथिया ली। लेकिन राहुल इस दौरान इक्का- दुक्का बार ही स्कोर करते नजर आए। चूंकि, टीम इंडिया दो बड़ी सीरीजों में व्यस्त थी और लगातार जीत दर्ज करते आ रही थी।
इसलिए राहुल की अनिरंतर फॉर्म को लगातार नजरअंदाज किया गया। लेकिन अब जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चारों खानें चित्त नजर आ रही है तो क्या कप्तान कोहली राहुल के प्रतिस्थापन के बारे में सोचेंगे। या यूं ही लुटिया डुबोते जाएंगे। पुणे टेस्ट में राहुल ने अच्छी बल्लेबाजी की थी और अर्धशतक जमाया था। लेकिन बीच में ही न जाने उन्हें क्या सूझी और एक बड़ा स्ट्रोक जड़ने के प्रयास में वह अपना विकेट गंवा बैठे। आखिर क्या जरूरत थी गैरजिम्मेदारी भरा स्ट्रोक जड़ने की जब आपकी टीम पहले से ही दबाव में चल रही थी। राहुल का वह स्ट्रोक टीम इंडिया को पूरे मैच में खला। लेकिन क्या राहुल को इस बात से फर्क पड़ा। कतई नहीं। दूसरी पारी में भी वह जानबूझकर बैकफुट में स्ट्रोक खेलने को गए और पगबाधा आउट हो गए।
भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा टेस्ट 4 फरवरी से बैंगलुरू में खेलना है। इस टेस्ट के बाद ही अगले दो टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया की घोषणा की जाएगी। और अगर यहां राहुल विफल रहते हैं। तो उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। लेकिन ऐसी परिस्थिति में उनकी जगह कौन लेगा? जाहिर है कि चयनकर्ता पार्थिव पटेल को बतौर ओपनर मौका दें। बहरहाल, राहुल की निगाहें अपनी निरंतरता जल्दी से जल्दी पाने पर होंगी।
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