भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में खेले गए पहले क्रिकेट टेस्ट मैच में मेजबान टीम को 333 रनों से बड़ी हार का सामना करना पड़ा। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 260 रनों का स्कोर बनाया था। जवाब में टीम इंडिया पहली पारी में 40.1 ओवरों में 105 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी के आधार पर 155 रनों की बढ़त ले ली थी। तीसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने फिर से अच्छा खेल दिखाया और टर्निंग पिच होने के बावजूद फिर से 250 से ज्यादा का स्कोर बनाते हुए कुल 285 रन बनाए। इस तरह टीम इंडिया को चौथी पारी में जीतने के लिए 441 रन बनाने थे। लेकिन टीम इंडिया 107 रनों पर 33.5 ओवर खेलते हुए ऑलआउट हो गई और मैच 333 रनों से गंवा दिया। ऑस्ट्रेलिया की इस जीत के हीरो स्टीव ओ कीफ रहे। उन्होंने मैच में 12 विकेट लिए। लेकिन कुछ गलतियां भी रहीं जिन्होंने टीम इंडिया को मैच में पिछले कदमों पर खड़ा कर दिया। कौन थीं ये गलतियां आइए जानते हैं।
1. विराट कोहली की गैर जिम्मेदाराना बल्लेबाजी: विराट कोहली जब पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने को पहुंचे तो उन्होंने मिचेल स्टार्क पर पहली ही गेंद से धावा बोलना चाहा। अमूमन टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज शुरुआती क्षणों में अपनी आंखें जमाते हैं और फिर स्ट्रोक खेलते हैं। लेकिन कोहली ने आक्रमण करना ही ठीक समझा। खामियाजन दूसरी गेंद जो ऑफ स्टंप के काफी बाहर थी उस पर बल्ला चला बैठे और स्लिप में हैंड्सकॉम्ब ने उन्हें कैच आउट करके चलता किया। पिछली टेस्ट सीरीजों में ये देखा गया है कि जब-जब कोहली का बल्ला नहीं चला टीम इंडिया पर दबाव बढ़ता चला गया। और यही बात यहां देखने को मिली और कोहली के आउट होने के बाद टीम इंडिया के विकेट एक के बाद एक गिरे। यहीं से टीम इंडिया की हार की इबारत लिखी जा चुकी थी। जिससे टीम इंडिया अंत तक उबर नहीं पाई। [ये भी पढ़ें: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, पुणे टेस्ट का पूरा स्कोरकार्ड यहां देखें]
2. रिव्यू का खराब इस्तेमाल: विराट कोहली समेत भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने रिव्यू फालतू में बर्बाद किए। जब दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी को उतरी तब अश्विन और जयंत की दो बेहद टर्न होने वाली गेंदों पर कोहली ने रिव्यू ले डाले और ये दोनों रिव्यू शुरुआती ओवरों में ही व्यर्थ चले गए। बाद में दो बार जब रिव्यू लेकर टीम इंडिया विकेट हासिल कर सकती थी। तब उनके खाते में रिव्यू नहीं बचे थे और इस तरह टीम इंडिया को खराब रिव्यू का खामियाजा भुगतना पड़ा। इसके बाद जब टीम इंडिया दूसरी पारी में बल्लेबाजी को उतरी तो मुरली विजय और केएल राहुल ने साफ आउट होने के बावजूद रिव्यू का इस्तेमाल किया और दोनों रिव्यूज को व्यर्थ में खराब कर डाला।
बाद के ओवरों में जब साहा को पगबाधा आउट दे दिया गया तब संशय लग रहा था कि उनके बैट से लगकर गेंद पैड में लगी है। चूंकि, रिव्यू पहले ही इस्तेमाल किए जा चुके थे। इसलिए यहां भी टीम इंडिया को निराश होना पड़ा। जाहिर है कि कोहली को इस टेस्ट मैच से सीखने की जरूरत है। जब भी उनका खिलाड़ी उनसे रिव्यू लेने के लिए कहता है वह बिना सोचे समझे रिव्यू ले लेते हैं। उन्हें रिव्यू लेते समय इक्का- दुक्का बार बातचीत तो करनी ही चाहिए। क्योंकि रिव्यू 80 ओवरों में सिर्फ दो ही मिलते हैं।
3. स्टीवन स्मिथ के छोड़े तीन कैच: दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 10 रनों पर ही ऑस्ट्रेलिया का पहला विकेट गिरा दिया था और एक निश्चित अंतराल में टीम इंडिया को विकेट मिल रहे थे। लेकिन इसी बीच स्टीवन स्मिथ के भारतीय फील्डरों ने एक के बाद एक तीन कैच छोड़े। स्मिथ ने इसका खूब फायदा उठाया और 109 रनों की पारी खेली। इसके अलावा मिचेल मार्श के भी कैच छोड़े गए और उन्होंने स्मिथ का अच्छा साथ निभाते हुए ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर की ओर अग्रसित किया। अगर टीम इंडिया स्मिथ का विकेट जल्दी ले पाती तो ऑस्ट्रेलिया को 100 से 150 के आसपास लुढ़काया जा सकता था। और 300 रनों की अगर लीड चौथी पारी में होती तो टीम इंडिया पर दबाव कम होता और शायद टीम इंडिया पलटवार कर सकती थी।
4. टॉस ने निभाई अहम भूमिका: ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। जब वे पहली पारी में बल्लेबाजी करने को उतरे थे तब पिच उतनी खतरनाक नहीं थी और उन्होंने विकट गंवाने के बावजूद रन बनाए। अंतिम क्षणों में स्टार्क ने तेजतर्रार अर्धशतक जड़ा और ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 260 के स्कोर तक पहुंचा दिया। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया का 260 रन बनाना महत्वपूर्ण साबित हुआ। कई लोग कहेंगे कि ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में भी तो 285 रन बनाए। लेकिन वो इसलिए क्योंकि कई कैच छोड़े गए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया पर दबाव बनाया और जीत दर्ज की।
5. अजिंक्य रहाणे और ईशांत शर्मा को खिलाना साबित हुआ महंगा: विराट कोहली ने हार का कारण बताते हुए कहा कि हमारे बल्लेबाजों ने अपने आपको क्रियान्वित नहीं किया और यही कारण रहा कि हमारे बीच साझेदारी नहीं बन पाई। वैसे कोहली ने किसी खिलाड़ी का अलग से नाम नहीं लिया। लेकिन अजिंक्य रहाणे एक ऐसा नाम हैं। जिनको लेकर सवाल उठ रहे हैं। हार के बारे में बातचीत करते हुए विराट कोहली ने कहा कि हमें इस तरह के झटके की जरूरत थी ताकि हम समझ पाएं कि हम कितने पानी में हैं। रहाणे तो पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे थे उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में ये कहते हुए अंतिम एकादश में शामिल किया गया था कि वह ज्यादा अनुभवी क्रिकेटर हैं। लेकिन दोनों पारियों में रहाणे गैर- जिम्मेदाराना स्ट्रोक खेलते हुए क्रमशः 13 और 18 रन बनाकर आउट हुए। गौर करने वाली बात है कि रहाणे को टीम में तिहरे शतक जमाने वाले करुण नायर की जगह शामिल किया गया था। जाहिर है कि जब टीम इंडिया बैंगलुरू टेस्ट में उतरेगी तब रहाणे को लेकर खूब चर्चा होगी। वहीं ईशांत शर्मा मैच में पूरी तरह से फीके रहे और यही कारण रहा कि कोहली ने उनसे कम गेंदबाजी करवाई। ईशांत अगर थोड़ा प्रभावी साबित होते तो शायद इस मैच में टीम इंडिया अपने कदम मजबूत कर सकती थी।
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