भारत बनाम इंग्लैंड वनडे मैच जीत कर भारत ने सीरीज पर कब्जा कर लिया है। आज के इस रोमांचक मैच में कई खास बातें देखने को मिली। भारतीय टीम ने पहले टॉस हारा लेकिन इंग्लैंड का पहले गेंदबाजी करने का फैसला भी मेहमान टीम के हक में नहीं गया। हालांकि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने भारत को शुरुआती झटके जरूर दिए लेकिन 25 रन पर तीन विकेट गिरने के बाद युवराज सिंह ने अपने पॉर्टनर महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर पारी को संभाला। युवराज शुरु में थोड़ा लड़खड़ाए जरूर लेकिन फिर वह अपने पुराने चिरपरिचित अंदाज में लौट आए। वहीं धोनी ने पारी की शुरुआत से ही अपने कुल अंदाज में ही बल्लेबाजी की। ये भी पढ़ें:धोनी, युवराज के शतको की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को दिया 382 रनों का लक्ष्य
भारत की ओर से पारी की शुरुआत करने आए सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और शिखर धवन पहले वनडे की तरह एक बार फिर फ्लॉप साबित हुए। राहुल जहां पांच रन पर बेन स्टोक्स के हाथों कैच आउट हुए, वहीं शिखर धवन 11 रन पर बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। कप्तान विराट कोहली जिन्होंने पहले वनडे में 122 रनों की शानदार पारी खेली थी वह भी कटक में कुछ खास नहीं कर पाए। कोहली भी वोक्स की गेंद पर स्टोक्स को कैच थमा बैठे। कोहली के जाने के बाद दर्शक दीर्घा में खामोशी छा गई लेकिन जल्द ही यह यूवी-धोनी के शोर में बदल गई। युवराज सिंह ने आज अपना पुराना रूप दिखाते हुए आक्रामक बल्लेबाजी की। उन्होंने 127 गेंदो पर ताबड़तोड़ 150 रन बनाए। वहीं धोनी भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने 122 गेंदो पर 134 रनों की विस्फोटक पारी खेली और भारत का स्कोर 300 का पार पहुंचाया। हालांकि यह दोनों शतकवीर आखिरी ओवर तक क्रीज पर नहीं टिक पाए लेकिन अंतिम ओवरों का जिम्मा संभाला हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा ने। वहीं पुणे में शतक लगाने वाले केदार जाधव ने भी 22 रनों की तेज पारी खेली। भारत ने 50 ओवर में 381 रन का स्कोर बनाया और इंग्लैंड के सामने 382 का लक्ष्य रखा। ये भी पढ़ें: महेंद्र सिंह धोनी वनडे में 200 छक्के लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने
सीरीज में वापसी करने उतरी इंग्लैंड की टीम की तरफ से मैदान पर आए जेसन रॉय और एलेक्स हेल्स। वहीं रणनीति में बदलाव करते हुए कप्तान कोहली ने हार्दिक पांड्या की बजाय जसप्रीस बुमराह से गेंदबाजी की शुरुआत कराई। वहीं बुमराह भी कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरे और भारत क पहली सफलता दिलाई। चौथे ओवर की आखिरी गेंद पर एलेक्स हेल्स के बल्ले से लगकर गेंद सीधा महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों में गई और इंग्लैंड ने अपना पहला विकेट खोया। पहला विकेट गिरने के बाद इंग्लैंड के सबसे खतरनाक बल्लेबाज जो रूट मैदान पर आए और उन्होंने जेसन रॉय के साथ मिलकर साझेदारी बनाई। दोनों ही बल्लेबाजों ने लगातार बाउंड्री लगाई और अपने-अपने अर्धशतक पूरेे किए। लगातार रन बनते रहने के भारतीय गेंदबाज दबाव में आने लगे, तब कप्तान कोहली ने खेला अपना ट्रंप कॉर्ड और अटैक में लाए रविचंद्रन अश्विन को। स्पिन किंग ने आते ही भारत को बड़ी सफलता दिलाई और अर्धशतक बना चुके जो रूट को 54 रन पर आउट कर पवेलियन भेजा। ये भी पढ़ें:50 वनडे मैचों में कप्तानी करने वाले छठें इंग्लिश खिलाड़ी बने इयॉन मॉर्गन
लगातार विकेट गिरने के बाद भी जेसन रॉय शानदार बल्लेबाजी करते जा रहे थे। अर्धशतक से वह जल्द ही 82 के स्कोर पर आ गए लेकिन उनके शतक बनाने के सपने को तोड़ा सर जडेजा ने और 27वें ओवर की पहली ही गेंद पर रॉय को बोल्ड किया। इस विकेट में जडेजा के साथ धोनी भी शामिल थे क्योंकि धोनी ने ही जडेजा से गेंद को विकेट पर रखने को कहा था। जिस वजह से क्रीज के अंदर खड़े रॉय बोल्ड हुए। वहीं इंग्लैंड का पांचवा विकेट भी धोनी की तेजी और अश्विन की चालाकी की वजह से गिरा। अश्विन की गेंद को आगे खेलने के चक्कर में जॉश बटलर बीट हुए और धोनी ने बिना मौका गंवाए गिल्लियां उड़ा दी। इसके बाद मैदान पर कप्तान इयॉन मॉर्गन और मोइन अली आए। 36 ओवर के बाद मैदान पर ओस बढ़ जाने की वजह से खेल रोक कर कुछ देर के लिए मैदान को सुखाने का काम किया गया। इसी बीच कप्तान मॉर्गन ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया। 40 ओवर के बाद इंग्लैंड ने पांच विकेट पर 269 रन बना लिए थे। मैच हर पल रोमांचक होता जा रहा था और जीत का पलड़ा कभी भारत तो कभी इंग्लैंड की ओर झुक रहा था। 41 वें ओवर में कप्तान भुवनेश्वर कुमार को वापस लाए। हालांकि भुवी भी को कोई सफलता नही दिला सके। ये भी पढ़ें:धोनी-युवी ने शतक जड़ने के साथ बनाए ये चार बड़े रिकॉर्ड
43वें ओवर में मोइन अली ने भी अपना अर्धशतक पूरा किया और इंग्लैंड टीम की उम्मीद को बढ़ाया। वहीं दूसरी ओर हर एक बाउंड्री पर दर्शक दीर्घा में खामोशी छा जाती थी। भारत का बनाया 381 जैसा बड़ा लक्ष्य भी जीत सुनिश्चित करने के लिए काफी नहीं था। गेंदबाजों को जल्द से जल्द इंग्लैंड को ऑल आउट करना होगा। और यह काम किया उमेश यादव की जगह टीम में आए भुवी ने, जिन्होंने मोइन अली को आउट कर बड़ी साझेदारी तोड़ी। 299 पर छह विकेट खोने के बाद लड़खड़ा गई इंग्लैंड की टीम, अब उन्हें 37 गेंदो पर 82 रन चाहिए थे और केवल चार वितेट हाथ में हैं। वहीं इंग्लैंड को अगला झटका दिया भारतीय टीम के यॉर्कर स्पेशलिस्ट बुमराह ने। बुमराह ने नए गेंदबाज क्रिस वोक्स को पांच रन के स्कोर पर बोल्ड कर दिखा दिया कि डेथ ओवरों में उनसे बेहतर गेंदबाज कोई नहीं है। कप्तान मॉर्गन अब भी क्रीज पर टिके हुए थे और एक छोर से रनों की गति बनाए हुए थे। इसके बाद बुमराह ने लियाम प्लंकेट को एलबीडबल्यू की अपील की और फील्ड अंपायर ने आउट का इशारा किया लेकिन इंग्लैंड ने डीआरएस का फैसला किया। जिसके बाद फैसले को बदल दिया गया। ये भी पढ़ें: भारत ने इंग्लैंड को 15 रनों से हराकर सीरीज पर किया कब्जा
मैच आखिरकार अंतिम ओवर तक आ ही गया। मॉर्गन ने टीम का भार अपने कंधे पर उठाया हुआ था। 49वें ओवर के लिए बुमराह को लाया गया और पहली ही गेंद पर चौके के साथ मॉर्गन ने अपना शतक पूरा किया। कमाल की बल्लेबाजी की आज मॉर्गन ने अपनी टीम के लिए। लेकिन एक बार किस्मत ने खाया पलटा और ओवर की तीसरी गेंद पर बुमराह ने रन आउट किया मॉर्गन को। इंंग्लैंड को अब जीत के लिए 9 गेदों में 28 रन चाहिए थे। मैच खतरनाक मोड़ पर आ चुका था। यहां से जीत किसी के भी पक्ष में जा सकता है। आखिरी 50वें ओवर की जिम्मेदारी कोहली ने दी भुवी को। 6 गेदों पर 22 रनों की जरूरत है। आखिरी ओवर में एक बार फिर भुवनेश्वर ने अपनी गेंदबाजी का कमाल दिखाया और इंग्लैंड के पक्ष से जीत छीन ली। पहली गेंद पर विली ने एक रन लिया और अगली गेंद पर भी केवल सिंगल ही गया। भुवी लगातार कसी गेंदबाजी कर रहे थे। तीसरी गेंद पर दो रन लेने के बाद इंग्लैंड को जीत के लिए 18 रनों की जरूरत थी। चौथी गेंद पर एक बार फिर बड़े शॉट की कोशिश में विली केवल एक ही रन ले पाए। पांचवी गेंद पर कोई रन नहीं बना जिसके बाद भारत की जीत सुनिश्चित हो गई। आखिरी गेंद पर भारत ने यह मैच 15 रनों से जीत लिया।
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