कटक वनडे कई हिसाब से मैदान के भीतर और बाहर नाटकीय साबित हुआ। कटक में युवराज सिंह ने जैसे ही शतक जड़ा वैसे ही उनके पिता योगराज सिंह के धोनी के प्रति तेवर नर्म पड़ गए। धोनी ने युवराज के साथ चौथे विकेट के लिए रिकॉर्ड 256 रनों की साझेदारी की और टीम इंडिया को 381 रनों के विशाल स्कोर पर ला खड़ा किया। इंग्लैंड महज 15 रन से ये मैच हार गया। लेकिन वर्तमान वनडे सीरीज में जिस तरह से रनों की बारिश हुई है उसने ये जरूर जता दिया है कि अब वनडे में 350 का स्कोर सेफ नहीं रहा। इंग्लैंड ने लगातार दो मैचों में भारत के खिलाफ अपना सर्वोच्च वनडे स्कोर बनाया लेकिन दोनों ही मौकों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। क्या यही रनों का अंबार कोलकाता में भी लगेगा, जहां दोनों टीमें सीरीज के अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में एक दूसरे के आमने- सामने होंगी। चलिए आपको बताते हैं।
किसी अन्य मैच ही तरह टीम इंडिया ने कटक में भी 133 डॉट गेंदें खेलीं। लेकिन ये देखना दिलचस्प रहा कि कैसे युवराज सिंह और एमएस धोनी ने कमियों को पाटते हुए भारतीय पारी का रुख बड़े स्कोर की ओर कर दिया। धोनी ने 134 रनों की पारी खेली तो ऐसा लगा कि वह अपने करियर के उत्तरार्ध में क्रांति लाने को तत्पर हैं। वहीं युवराज की 150 रनों की पारी के साथ भावनाओं और क्लास का संगम नजर आया। इन दोनों बातों का अंदाजा आप दोनों के शतकों को देखकर लगा सकते हैं। युवराज का फॉर्म में लौटना सिर्फ उनकी मुराद का पूरा होना नहीं था बल्कि उन करोड़ो क्रिकेट प्रेमियों की मुरादों का पूरा होना भी था जो वर्षों से अपने सिक्सर किंग की कमी मैदान में महसूस कर रहे थे।
युवराज ने अपनी वापसी के बारे में बातचीत करते हुए कहा था, “अच्छा महसूस होता है जब आप कई उतार- चढ़ाव देखने के बाद टीम में वापसी करते हो। वापसी करना और टीम में अपनी जगह बनाना कठिन था। मैं पिछले कुछ समय से टीम से भीतर और बाहर होता रहा हूं। लेकिन मैं इस बात पर खुश हूं कि मैंने कठिन मेहनत की और अपने पर भरोसा किया। भावनाओं को बयां करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि ये लंबा समय हो गया जबसे मैं शतक नहीं बना पा रहा था। मैंने इन सालों में बहुत कड़ी मेहनत की। मैंने अपनी फिटनेस, डाइट(खान- पान), में मेहनत की। मुझे अपने आपको सिद्ध करना बहुत जरूरी था क्योंकि बाहर बहुत कम को मेरे पर विश्वास था।” युवराज की बातों में आप उनके दर्द को साफतौर पर महसूस कर सकते हैं। अब ईडेन में एक बार फिर से दर्शकों की निगाहें युवराज सिंह पर होंगी। [ये भी पढ़ें: भारत बनाम इंग्लैंड तीसरे वनडे में होंगे ये रोमांचक मुकाबले]
भारत और इंग्लैंड के बीच ईडेन गार्डन में पहला वनडे मुकाबला साल 2001-02 में हुआ था। इस मैच में भारत ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराने में सफलता हासिल की थी। उस समय सौरव गांगुली टीम इंडिया के कप्तान थे और अब वह क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष हैं।
भारतीय टीम का दृष्टिकोण: पुणे वनडे में जहां कोहली और जाधव के शतकों ने टीम इंडिया के लिए जीत की जमीन तैयार की। वही काम कटक में धोनी और युवराज ने किया। इन दोनों मौकों पर टीम इंडिया एक समय शुरुआती विकेट गंवाने के बाद जूझती नजर आ रही थी। टीम इंडिया के जूझने का सबसे बड़ा कारण ओपनरों की खराब फॉर्म है। इन दोनों मैचों में अजिंक्य रहाणे को बाहर बिठाकर शिखर धवन और केएल राहुल को टीम में मौका दिया गया। लेकिन ये दोनों बल्लेबाज मौके का फायदा उठाने में नाकामयाब रहे। जैसा कि सीरीज खत्म होने को अग्रसर है। वहीं टीम इंडिया का चैंपियंस ट्रॉफी के पहले ये अंतिम वनडे मैच होगा। ऐसे में शीर्ष में एक परिवर्तन जाहिरतौर पर देखने को मिल सकता है। कल धवन अपना इलाज करवाने के लिए अपोलो अस्पताल गए थे ऐसे में उनकी फिटनेस पर संदेह है।
भारतीय टीम अपने एक नियमित स्पिनर को विश्राम देते हुए अमित मिश्रा को मौका देना चाहेगी। रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के दमपर टीम इंडिया को कटक वनडे में जीत दिलवाई थी। टीम इंडिया को इस सीजन में 5 टेस्ट खेलने हैं। जैसा कि इन दोनों को ही इन मैचों में स्पिन गेंदबाजी का भार संभालना है। ऐसे में एक ब्रेक तो बनता है। रोहित शर्मा ने ईडेन गार्डन के मैदान पर ही 264 रनों की पारी खेली थी और पूरे क्रिकेट जगत को अचंभित कर दिया था। लेकिन जबसे सौरव गांगुली सीएबी के अध्यक्ष बने हैं तबसे कोलकाता का ट्रेक ज्यादा बेहतर हो गया है। इस पिच पर तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। ऐसे में 350 का स्कोर बनना थोड़ा मुश्किल महसूस होता है। गांगुली ने कहा, “यह अच्छा विकेट होगा हम बेहतरीन क्रिकेट मैच होने की उम्मीद करते हैं।”
दूसरा फोकस एमएस धोनी पर होगा जिन्हें यहां सम्मानित किया जाएगा। उनके भारतीय कप्तान के तौर पर गौरवशाली सालों को सेलिब्रेट किया जाएगा। स्टेडियम में उनके साथ उनके परिवार के मौजूद होने की संभावनाएं हैं। वहीं कोहली के दिमाग में इंग्लैंड का सूपड़ा साफ करने की योजना उमड़- घुमड़ कर रही होगी।
इंग्लैंड का दृष्टिकोण: एलेक्स हेल्स हाथ में फ्रेक्चर होने के कारण दौरे से बाहर हो गए हैं। ऐसे में सैम बिलिंग्स को अंतिम एकादश में शामिल होने का मौका मिल सकता है। वह स्पिन के खिलाफ जबरदस्त बल्लेबाजी करने में माहिर बल्लेबाज हैं। जॉनी बेयरेस्टो, जिन्हें हेल्स की जगह टीम में शामिल किया गया है वह भी अंतिम एकादश में शामिल होने की बांट जो रहे हैं। हालांकि, ये बल्लेबाजी नहीं है जिसकी वजह से इंग्लैंड मुश्किल में है। कप्तान इयोन मॉर्गन के शतक ने लगभग इंग्लैंड को कटक वनडे जितवा दिया था लेकिन उस रन आउट ने इंग्लैंड की जीत पर पानी फेर दिया। इंग्लैंड ने साल 2015 के बाद से अच्छे रन रेट के साथ रन बनाए हैं लेकिन उनके गेंदबाजों ने इस दौरान रन भी खूब लुटाए हैं। गेंदबाजी में अनुभव की कमी साफतौर पर इंग्लैंड को खली है। हो सकता है कि इंग्लैंड टीम अंतिम वनडे में लियान डॉसन को टीम में जगह दे। डॉसन ने प्रेक्टिश मैच में अच्छी गेंदबाजी की थी। इस दौरे में लगातार 6 हार झेल चुकी इंग्लैंड टीम पहली जीत के लिए कोलकाता में हर प्रयास करना चाहेगी।
टीमें:
भारत: विराट कोहली(कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, शिखर धवन, महेंद्र सिंह धोनी(विकेटकीपर), रविन्द्र जडेजा, केदार जाधव, भुवनेश्वर कुमार, अमित मिश्रा, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, अजिंक्य रहाणे, लोकेश राहुल, उमेश यादव, युवराज सिंह।
इंग्लैंड: इयोन मोर्गन(कप्तान), मोइन अली, जॉनी बेयरेस्टो, जेक बॉल, सैम बिलिंग्स, जोस बटलर(विकेटकीपर), लियाम डॉसन, लियाम प्लंकेट, आदिल रशीद, जो रूट, जेसन रॉय, बेन स्टोक्स, डेविड विले, क्रिस वोक्स।
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