×

इन कारणों की वजह से टीम इंडिया नहीं जीत पाई कोलकाता टेस्ट

भारत बनाम श्रीलंका कोलकाता मैच पांचवें दिन ड्रॉ हो गया।

विराट कोहली © Getty Images

ईडन गार्डन्स के मैदान पर खेला जा रहा भारत बनाम श्रीलंका पहला टेस्ट आज पांचवें दिन ड्रॉ पर आकर खत्म हुआ। मैच के पहले दिन की शुरुआत से ही श्रीलंका मैच में हावी था, लेकिन चौथे दिन तक टीम इंडिया ने मैच में वापसी कर ली थी। पांचवें दिन की शुरुआत में भारतीय कप्तान विराट कोहली की शतकीय पारी की मदद से टीम इंडिया ने 352 रनों का स्कोर खड़ा किया लेकिन फिर भी भारत मैच जीत नहीं सका। आखिर क्या कारण रहे जो भारत इतनी करीब आकर भी मैच जीत नहीं सका। यहां हम इन्हीं कारणों की चर्चा करने जा रहे हैं।

खराब बल्लेबाजी: मैच की शुरुआत ही टीम इंडिया की खराब बल्लेबाजी से हुई। पहली पारी में भारत के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके। इन खिलाड़ियों में केएल राहुल, शिखर धवन, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे जैसे मंझे हुए बल्लेबाज शामिल थे। टेस्ट मैच में अगर आपको पहले बल्लेबाजी का मौका मिलता है तो आपकी कोशिश यही रहती है कि पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाकर बढ़त हासिल कर ली जाय लेकिन भारत इसी पक्ष में फेल रहा।

[link-to-post url=”https://www.cricketcountry.com/hi/news/india-vs-sri-lanka-1st-test-thrilling-match-ends-in-draw-661467″][/link-to-post]

अति उत्साही गेंदबाजी: पहली पारी में 172 पर ऑल आउट होने के बाद जब टीम इंडिया गेंदबाजी करने उतरी तो सभी को लगा कि जो पिच श्रीलंका के तेज गेंदबाजों को इतनी मदद दे रही थी, उस पिच पर भारतीय पेसर कमाल कर दिखाएंगे। इसी वजह से भारतीय तेज गेंदबाज ज्यादा उत्साहित हो गए और महंगे साबित हुए। उमेश यादव, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार ने विकेट जरूर लिए लेकिन तीनों ने रन भी खूब लुटाए। शमी ने तो गेंदबाजी में ही रनों का शतक लगा दिया। भुवनेश्वर कुमार ने चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को स्वीकार भी किया।

विराट कोहली: पहली पारी में फ्लॉप रही भारतीय बल्लेबाजी दूसरी पारी में कमाल साबित हुई लेकिन वो कहते हैं ना कि कभी कभी जरूरत से ज्यादा कोशिश भी काम खराब कर देती है। भारत के ये टेस्ट मैच ना जीत पाने की सबसे बड़ी वजह खुद कप्तान हैं। विराट कोहली ने अपने शतक को पूरा करने के लिए पारी देर से घोषित की। इसी वजह से गेंदबाजों को 10 विकेट लेने के लिए कम समय मिला। मैच के पांचवें दिन 250 से ज्यादा का स्कोर भी जीत के पर्याप्त होता लेकिन कोहली ने अपने शतक के पूरे होने का इंतजार किया और फिर पारी 352 पर घोषित की, जो जरूरी बिल्कुल नहीं था। वह पहले पारी घोषित करके गेंदबाजों को थोड़ा और समय दे सकते थे। जिन गेंदबाजों ने 2 घंटे में 7 विकेट निकाले वह थोड़ा और समय मिलने पर 3 और विकेट तो ले ही सकते थे।

[link-to-post url=”https://www.cricketcountry.com/hi/news/india-vs-sri-lanka-1st-test-bhuvneshwar-kumar-completes-50-test-wickets-661439″][/link-to-post]

स्पिन गेंदबाजों का खाता रहा खाली: कोलकाता टेस्ट में ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय स्पिनर किसी घरेलू टेस्ट मैच में एक भी विकेट ना ले पाएं हो। यकीनन तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और 17 विकेट निकाले लेकिन अगर स्पिन गेंदबाजों को भी पिच से थोड़ी मदद मिलती या थोड़े ज्यादा मौके मिलते तो शायद भारत ये मैच जीत जाता। दोनों पारियों को मिलाकर स्पिनरों को कुल 10 ही ओवर डालने को मिले। जिसमें से रविचंद्रन अश्विन ने 8 और रवींद्र जडेजा ने केवल 2 ओवर डाले।

श्रीलंकाई खिलाड़ी: कोहली के 352 रन पर पारी घोषित करते ही श्रीलंका की जीत की उम्मीदें तो खत्म हो गई थी और यहां से शुरू हुई थी समय खराब करने की कोशिशें। श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने कई बार बिना किसी वजह के खेल को रोका, कभी वह गेंदबाज के गेंद डालने से ठीक पहले रूक गए तो कभी फीजियो को बिना बात के मैदान पर बुलाया गया। 19वें ओवर में कप्तान दिनेश चांदीमल अंपायर से कुछ बातचीत करने के लिए रुक गए थे। इसी ओवर में निरोशन डिकवेला ने स्ट्राइक लेने में काफी समय लिया और जानबूझकर खेल रोका। जिसके बाद अंपायर ने कोहली और डिकवेला दोनों को बुलाकर कुछ बातचीत की। इसी बीच दोनों टीमों की तरफ से 3 बार डीआरएस का इस्तेमाल हुआ, जिसमें भी काफी समय खराब हुआ।

trending this week