भारत के खिलाफ दांबुला वनडे के पहले जानें श्रीलंका टीम की मजबूती और कमजोरी
आखिरी बार टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ साल 2012 में द्विपक्षीय वनडे सीरीज खेली थी। इस दौरान खेले गए पांच मैचों में से टीम इंडिया ने 4-1 से बड़ी जीत दर्ज की थी।
टेस्ट सीरीज में 3-0 से ऐतिहासिक जीत दर्ज के बाद टीम इंडिया अब श्रीलंकाके साथ 20 अगस्त से शुरू होने जा रही 5 मैचों की वनडे सीरीज में भिड़ेगी। साल 1985 के बाद से भारत और श्रीलंका के बीच यह 27वीं द्विपक्षीय वनडे सीरीज होगी। वहीं श्रीलंका की सरजमीं पर यह सातवीं द्विपक्षीय वनडे सीरीज होगी। आखिरी बार टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ साल 2012 में द्विपक्षीय वनडे सीरीज खेली थी। इस दौरान खेले गए पांच मैचों में से टीम इंडिया ने 4-1 से बड़ी जीत दर्ज की थी। अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 26 वनडे द्विपक्षीय सीरीजें खेली गई हैं। जिसमें श्रीलंका ने 13 जीती हैं और 10 हारी हैं वहीं तीन सीरीजों का कोई परिणाम नहीं निकला। जाहिर है कि टेस्ट सीरीज हारने के बाद श्रीलंका भारत के सामने कड़ी चुनौती पेश करना चाहेगी। जैसा कि पहला वनडे रविवार को खेला जाना है ऐसे में जान लेते हैं श्रीलंका टीम की मजबूती और कमजोरी।
मजबूती
अनुभवी तेज गेंदबाज: श्रीलंका के तेज गेंदबाजी आक्रमण में लसिथ मलिंगा और थिसारा परेरा हैं जिन्होंने साथ मिलकर अपनी टीम को कई मैच जितवाए हैं। मलिंगा भले ही जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज में सिर्फ 4 विकेट लेने में कामयाब हुए थे। लेकिन वह पूरे दमखम से वापसी करने को तैयार होंगे। उन्होंने पिछले महीनों के दौरान चोट से उबरते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी। जाहिर है कि मलिंगा इस सीरीज में अपना दमखम दिखाने को तैयार होंगे। इस सीरीज के साथ थिसारा परेरा की भी वापसी हो रही है ।
इसके पहले वह चैंपियंस ट्रॉफी में श्रीलंका की ओर से दो मैच खेलते नजर आए थे। परेरा एक अच्छे ऑलराउंडर हैं और वह बैट और गेंद दोनों से अच्छा योगदान देने के लिए जाने जाते हैं। जाहिर है कि वह मलिंगा का साथ निभाने के लिए बेताब होंगे। मलिंगा ने भारत के खिलाफ अबतक 34 मैचों की 33 पारियों में 40 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 64 रन देकर 3 विकेट रहा है। वहीं बात करें परेरा की तो उन्होंने भारत के खिलाफ 27 मैचों की 26 पारियों में 31 विकेट लिए हैं। उन्होंने एक बार भारत के खिलाफ 28 रन देकर 5 विकेट झटके थे।[ये भी पढ़ें: नंबर चार पर खेलेंगे केएल राहुल, इस बड़े बल्लेबाज को करना होगा इंतजार]
ओपनिंग जोड़ी है फॉर्म में: वनडे में श्रीलंका टीम की अगुआई कर रहे उपुल थरंगा भले ही टेस्ट सीरीज में कुछ खास न कर पाए हों लेकिन वनडे क्रिकेट में उनकी फॉर्म से इंकार नहीं किया जा सकता। उनकी पछली 6 पारियों की बात करें तो उन्होंने गजब की बल्लेबाजी की है। इस दौरान उनका स्कोर 6, 22, 44*, 75*, 79*, और 57 रहा है। वैसे थरंगा ने इस दौरान कुछ मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की है। उन्होंने अपनी बैटिंग पोजीशन पर जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज में प्रयोग किया था। जैसा कि अब सीरीज भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ है ऐसे में वह एक बार फिर से निरोशन डिकवेला के साथ ओपनिंग करते नजर आ सकते हैं।
वहीं बात करें निरोशन डिकवेला की तो ओपनिंग में बल्लेबाजी करते हुए वह जमकर चमकते हैं। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज में लगातार दो मैचों में दो शतक लगाए थे। वह निरंतर अच्छी बल्लेबाजी करते हैं और अपनी टीम को अच्छी शुरुआत देते हैं। वैसे भारत के खिलाफ उन्होंने अब तक दो मैच खेले हैं और दोनों में ही वह सस्ते में आउट हुए हैं। जाहिर है कि जब वह पहले मैच में उतरेंगे तो इस रिकॉर्ड को सुधारना चाहेंगे। वहीं तीसरे नंबर पर दनुष्का गुणाथिलिका एक बार फिर से अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी का कमाल दिखाने को बेताब होंगे। भारत के खिलाफ उन्होंने एकमात्र मैच खेला है जिसमें उन्होंने कमाल कर दिया था।
कमजोरी
बल्लेबाजों का अनिरंतर प्रदर्शन: कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के संन्यास लेने के बाद श्रीलंका के मध्यक्रम को सबसे तगड़ा झटका लगा है। श्रीलंका टीम कई बार अच्छी शुरुआत को नहीं भुना पाती क्योंकि उनका मध्यक्रम अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाता। श्रीलंका के मध्यक्रम की जिम्मेदारी चमारा कपुगेदरा, कुसल मेंडिस और एंजलो मैथ्यूज के कंधों पर होगी। ये तीनों ही निरंतरता से जूझ रहे हैं। कपुगेदरा की पिछली छह पारियों की बात करें तो उन्होंने एक अर्धशतक ही लगाया है और इस दौरान उन्होंने 0, 10, 12, 9, 9, और 62 का स्कोर बनाया है। जो उनकी अनिरंतरता को साफतौर पर बयां करता है। इसी के चलते उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज में टीम में जगह नहीं दी गई थी। अब उन्होंने इस सीरीज के साथ वापसी की है। भारत के खिलाफ भी कपुगेदरा का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है।
कुसल मेंडिस की बात करें तो उन्होंने रन तो खूब बनाए हैं लेकिन वह भी निरंतरता से जूझ रहे हैं। उनकी पिछली 6 पारियों की बात करें तो उन्होंने 2 अर्धशतक तो लगाए हैं लेकिन उसके बाद वह एकदम से वह छोटे स्कोर पर आउट हुए हैं। जिसका प्रभाव टीम की खराब फॉर्म पर सीधा पड़ता है। पिछली छह पारियों में उनका प्रदर्शन 1,0, 28*, 0, 86, 27 और 89 रहा है। वैसे भारत के खिलाफ उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। भारत के खिलाफ उन्होंने एक ही वनडे खेला है। उसमें उन्होंने 89 रनों की पारी खेली थी। टेस्ट सीरीज में भी उन्होंने श्रीलंकाई बल्लेबाजों के बीच सबसे बढ़िया प्रदर्शन किया था। जाहिर है कि उन्हें अपनी निरंतरता में ध्यान देने की जरूरत है।
वैसे तो एंजलो मैथ्यूज मौजूदा श्रीलंका टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से वह निरंतरता से जूझ रहे हैं। उन्होंने पिछले 6 मैचों में सिर्फ 1 अर्धशतक लगाया है और लगातार अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने में असफल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान 24, 42, 28*, 43, 39 और 52* का स्कोर बनाया है। वैसे भारत के खिलाफ उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। वह भारत के खिलाफ 31 मैचों की 28 पारियों में 46.75 की औसत से 935 रन बना चुके हैं। जाहिर है कि वह इस प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए अपनी टीम को मजबूती देना चाहेंगे।
कमजोर स्पिन विभाग: मुथैया मुरलीधरन के रिटायरमेंट के बाद से श्रीलंका विश्वस्तरीय स्पिनर्स पैदा नहीं कर पाया है। कुछ दिनों के लिए रंगना हेराथ ने जिम्मेदारी जरूर ली थी लेकिन उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अजंथा मेंडिस काफी उम्मीदों के साथ आए थे लेकिन वह बाद में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। लक्षन संदाकन जाहिरतौर पर प्रतिभाशाली चाइनामेन स्पिनर हैं लेकिन वनडे क्रिकेट में अभी तक वह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। मलिंदा पुष्पाकुमारा ने अभी तक कोई वनडे नहीं खेला है। उन्होंने भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था। ऐसे में अगर उन्हें वनडे में खिलाया जाता है तो बहुत कुछ दांव पर होगा।
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