भले ही दूसरे टेस्ट में शामिल किए गए विजय शंकर का नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नया हो, भले ही इस युवा खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई भी ना पहचानता हो लेकिन अगर आपको इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी की प्रतिभा को परखना है तो फिर आपको घरेलू क्रिकेट का रुख करना पड़ेगा। घरेलू क्रिकेट में ये ऑलराउंडर खिलाड़ी किसी पहचान का मौहताज नहीं है। विजय शंकर घरेलू क्रिकेट में ना सिर्फ बल्ले से कमाल दिखाते हैं बल्कि अपनी मीडियम पेस गेंदबाजी से बल्लेबाजों के पसीने भी छुड़ाते हैं।
विजय को देखकर आपको बिल्कुल हार्दिक पांड्या की याद आ जाएगी। अब जब विजय शंकर को दूसरे टेस्ट में भारत के लिए खेलने का मौका मिल ही गया है तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या अब टीम इंडिया में विजय और हार्दिक दोनों ही खेलेंगे। टीम इंडिया को पांड्या के रूप में एक बेहतरीन ऑलराउंडर तो मिल ही गया है और अब क्या विजय के रूप में भारत को दूसरा ऑलराउंडर मिलने वाला है। इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि पांड्या ने टीम इंडिया का सफर विजय की वजह से ही तय किया है। आइए जानते हैं विजय शंकर ने कैसे तय किया टीम इंडिया तक का सफर।
ऑलराउंडर हैं विजय शंकर: विजय शंकर बल्लेबाजी ऑलराउंडर हैं। विजय उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने साल 2012-13 के बाद से घरेलू क्रिकेट में बल्ले से 1500 से ज्यादा रन बनाए हैं और 25 से ज्यादा विकेट झटके हैं। फर्स्ट क्लास मैचों में विजय ने 32 मैचों में 49.14 के औसत से 1,671 रन बनाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में विजय ने 5 शतक, 10 अर्धशतक लगाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 42.81 के औसत से 27 विकेट भी अपने नाम किए हैं।
घरेलू क्रिकेट में किया है बेहतरीन प्रदर्शन: घरेलू क्रिकेट में विजय शंकर ने बल्ले और गेंद दोनों से कमाल दिखाते हुए कई बार अपनी टीम को जीत दिलाई है। 2014-15 के रणजी ट्रॉफी में विजय ने बेहतरीन ऑलराउंड खेल दिखाया और उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत तमिलनाडू ने फाइनल तक का सफर तय किया था। उस सीजन में विजय ने 577 रन बनाए थे और 8 विकेट भी झटके थे।
तमिलनाडू को जिताया विजय हजारे का खिताब: विजय अपनी प्रतिभा को मैच दर मैच साबित कर रहे थे। इसी दौरान विजय ने विजय हजारे ट्रॉफी में तमिलनाडू की कप्तानी की और टीम को खिताब दिला दिया। विजय ने कप्तानी तो शानदार की ही इसके अलावा टूर्नामेंट में उन्होंने 198 रन बनाए और 8 विकेट हासिल किए।
आईपीएल में कमाया नाम: घरेलू क्रिकेट के बाद दुनिया की सबसे बड़ी टी20 क्रिकेट लीग में भी विजय ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। आईपीएल के सीजन-10 में विजय ने शानदार प्रदर्शन किया और हैदराबाद की तरफ से कप्तान डेविड वॉर्नर के साथ मिलकर 133 रनों की साझेदारी कर खुद को फिनिशर के रूप में उभारा।
विजय की जगह पांड्या को मिल गया था खेलने का मौका: ये बात बेहद ही कम लोगों को पता होगी। अगर कहा जाए कि पांड्या अगर टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं तो इसके पीछे विजय का हाथ है, तो ये बिलकुल भी गलत नहीं होगा। दरअसल, साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए विजय को इंडिया ‘ए’ की टीम में शामिल कर लिया गया था लेकिन विजय उस दौरे पर नहीं जा पाए और उनके विकल्प के तौर पर हार्दिक पांड्या को टीम में खेलने का मौका मिल गया। इसके बाद पांड्या ने बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम इंडिया में अपनी जगह बना ली।
विजय के पास खुद को साबित करने का मौका: श्रीलंका के खिलाफ दूसरा टेस्ट विजय के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। दूसरे टेस्ट में मौका मिलने पर विजय के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने का मौका होगा। टीम इंडिया काफी लंबे समय से ऑलराउंडर खिलाड़ियों को तलाशती रही है और ऐसे में अगर विजय बेहतरीन खेल दिखाने में कामयाब होते हैं तो फिर ये उनके साथ-साथ टीम इंडिया के लिए भी ‘सोने पर सुहागा’ जैसा होगा।
टेस्ट के जरिए बनाएंगे वनडे में जगह: अगर विजय टेस्ट सीरीज में बेहतरीन खेल दिखा देते हैं तो फिर उन्हें श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भी टीम में शामिल किया जा सकता है। माना जा रहा है कि श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया में कई बड़े खिलाड़ियों को आराम दिया जा सकता है और ऐसे में अगर विजय टेस्ट में अच्छा खेल दिखा देते हैं तो उनके लिए वनडे टीम के दरवाजे भी खुल सकते हैं। अगर विजय मिले हुए मौके को भुनाने में कामयाब होते हैं तो हमें टीम इंडिया में दो-दो हार्दिक पांड्या खेलते नजर आ सकते हैं।
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