भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे बल्लेबाज रहे हैं जिन्होंने कुछ यादगार पारियां खेली। कपिल देव, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे कई खिलाड़ी है जिन्होंने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में नए रिकॉर्ड बनाए हैं पर एक रिकॉर्ड ऐसा है जो बनाना हर बल्लेबाज के बस की बात नहीं, वह है वनडे में दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड। यह बात भी भारतीय फैंस के लिए अच्छी है भारत के तीन बल्लेबाजों ने यह कमाल कर दिखाया है- सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा। भारत के वर्तमान सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा तो वनडे में दो दोहरे शतक लगाने वाले अकेले बल्लेबाज हैं लेकिन एक और बात है जो इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक है। जिस मैच में इन तीनों बल्लेबाजों ने दोहरे शतक लगाए थे वह तीनों वनडे भारत 153 रन से जीता था। है न यह चौंकाने वाली बात, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। ये भी पढ़ें: टेस्ट से संन्यास लेने के बाद भी भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज पर नज़र बनाए हुए हैं महेंद्र सिंह धोनी
सचिन तेंदुलकर ने 2010 में साउथ अफ्रीका के भारत दौरे पर अपने करियर का पहला वनडे शतक लगाया था। प्रोटीज टीम ने भारत दौरे पर तीन वनडे मैचों की सीरीज खेली थी जो भारत ने 2-1 से अपने नाम की थी। इस सीरीज का दूसरा वनडे ग्वालियर के रूप सिंह स्टेडियम में खेला गया था। मुझे याद है कि इस मैच से पहले कई न्यूज चैनल यह खबर चला रहे थे कि सचिन के लिए यह मैदान लकी है पर सच बोलूं तो मैने सचिन को इससे पहले कभी भी उस मैदान पर या किसी भी और मैदान पर इतना अच्छा खेलते नहीं देखा था। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और भारत की सलामी जोड़ी सचिन-सहवाग मैदान पर आए। सहवाग हालांकि ज्यादा देर तक सचिन का साथ नहीं दे सके और चौथे ओवर में तेज गेंदबाज वेन पैरल की गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद सचिन ने मैदान पर वन मैन शो शुरू किया जो भारत की पारी खत्म होने के साथ ही खत्म हुआ। सचिन ने 136 के स्ट्राइक रेट से 226 गेंदों मे 200 रन बनाए और नाबाद रहे। सचिन ने इस पारी में रिकॉर्ड 25 छक्के लगाए और तीन छक्के भी जड़े। भारत का स्कोर 401 रन रहा जिसमें से आधे रन तो केवल सचिन ने ही बना डाले थे। जवाब में प्रोटीज टीम की तरफ से मिस्टर 360 कहे जाने वाले एबी डिविलियर्स ने शतक जड़ा लेकिन बाकी के बल्लेबाज 40 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके और साउथ अफ्रीका की टीम 248 रन पर सिमट गई। पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए और भारत ने 153 रनों से जीत हासिल की। इसमें कई ताज्जुब नहीं कि मैन ऑफ द मैच का खिताब सचिन को दिया गया। सचिन के दोहरे शतक के बाद एक और दोहरा शतक देखने की फैंस की ख्वाहिश जल्द ही पूरी हुई। ये भी पढ़ें: जयंत यादव ने कहा इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी के पीछे हैं कोच संजय बांगड़
भारत के सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने एक साल बाद ही सचिन का यह रिकॉर्ड तोड़ दिया। साल 2011 में वेस्ट इंडीज के भारत दौरे पर खेली गई पांच मैचों की वनडे सीरीज के चौथे मैच में सहवाग ने सचिन का यह कारनामा एक बार फिर दोहरा दिया। इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला गया यह मैच भी भारत ने 153 रनों से जीता था और सहवाग ने इस मैच में अपना पहला दोहरा शतक लगाया था। सहवाग का स्ट्राइक रेट इस पारी में सचिन से ज्यादा था, उन्होंने 146.97 के स्ट्राइक रेट से 149 गेंदो में 25 चौकों और सात छक्कों की मदद से 219 रन जड़े थे। साथ ही वह इस मैच में कप्तानी भी कर रहे थे और धोनी की गैर मौजूदगी में कीपरिंग की जिम्मेदारी पार्थिव पटेल ने संभाली थी। 418 रनों का पीछा करने उतरी विंडीज टीम 265 के स्कोर पर ही ढेर हो गई। दिनेश रामदीन ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 96 रन बनाए लेकिन वह अपनी टीम को हार से बचा नहीं सके। भारत ने इस मैच के साथ यह सीरीज भी 4-1 से जीती थी। मैन ऑफ द मैच वीरू ही थे होल्कर स्टेडियम में पांचवे स्थान पर बल्लेबाजी करने वाले रोहित शर्मा ने आगे चलकर सलामी बल्लेबाजी करते हुए एक नहीं बल्कि दो बार दोहरे शतक लगाए। ये भी पढ़ें: युवराज सिंह ने गोवा में हेजल कीच के साथ लिए सात फेरे
रोहित शर्मा ने साल 2014 में श्रीलंका के भारत दौरे पर अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक लगाकर वनडे में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी तोड़ा। रोहित इससे पहले भी 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक लगा चुके थे। बंगलौर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में उन्होने 209 रनों की धुआंदार पारी खेली थी। रोहित ने अपने इस करिश्मे को कोलकाता के इडेन गार्डन पर एक बार दोहराया। 13 नवंबर को भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए चौथे वनडे मैच में रोहित ने वनडे का सबसे बड़ा स्कोर बनाया। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और रोहित और अजिंक्य रहाणे बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आए। रोहित ने आते ही चौके छक्के लगाना शुरू कर दिया जो कि उनकी आदत है लेकिन इस बार एक बात अलग थी कि वह कोई बेवकूफी भरा शॉट खेलकर आउट नहीं हुए। रोहित ने पारी को आगे बढ़ाया और देखते ही देखते पहले अर्धशतक और फिर शतक तक पहुंच गए। रोहित 152.60 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे थे और इस पारी में उन्होंने कुल 33 चौके और 9 छक्के लगाए। रोहित ने अपने ही 209 रन के रिकॉर्ड को तोड़ कर शानदार 264 रन बनाए और भारत को 404 के स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में लंकाई टीम 251 रन पर सिमट गई और भारत ने यह मैच 153 रनों से जीत लिया। ये भी पढ़ें: जल्द ही नेट पर बल्लेबाजी का अभ्यास शुरू करेंगे रोहित शर्मा
सचिन, सहवाग और रोहित की इन पारियों में कई बातें एक जैसी हैं, तीनो ही मैच किसी टीम के भारत दौरे पर खेले गए थे। तीनों मैचों में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और मैन ऑफ द मैच का खिताब इन्ही बल्लेबाजों को मिला था। वहीं सभी मैचों में विपक्षी टीम 300 के स्कोर के अंदर ही ऑल आउट हो गई थी।
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