क्रिकेट इतिहास में ऐसे बहुत से प्रतिभाशाली खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन से एक अच्छे टेस्ट खिलाड़ी बनने की उम्मीद जताई, लेकिन जैसे ही टेस्ट क्रिकेट में उनको मौका दिया गया वो अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। वनडे क्रिकेट में जिस आत्मविश्वास के साथ उन्होने सफेद गेंद का सामना किया टेस्ट क्रिकेट में लाल गेंद के सामने लाचार नजर आए। माइकल बेवन, युवराज सिंह, अजय जडेजा जैसे बहुत से उदाहरण आपको मिल जाएंगे। तो आइए जानते है ऐसे भारतीय बल्लेबाजों के बारे में जिन्होने वनडे क्रिकेट में तो शानदार प्रदर्शन किया लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वो उस प्रदर्शन को जारी रखने में नाकाम रहे।
1. रोहित शर्मा: ‘मिस्टर टैलेंटेड’ के टाइटल के साथ भारतीय क्रिकेट में कदम रखने वाले रोहित शर्मा ने वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। वनडे क्रिकेट में अपने खेल के आधार पर रोहित ने एक अच्छा टेस्ट खिलाड़ी बनने की उम्मीद जगाई। लेकिन जब उनको सफेद की जगह लाल गेंद का सामना करने का मौका मिला उनके खेल में वो दम नहीं दिखा। अगर रोहित के वनडे और टेस्ट के प्रदर्शन की तुलना करे तो आपको रोहित के प्रदर्शन में अंतर साफ दिख जाएगा।
रोहित अब तक खेले 153 वनडे मैचों में 41 की औसत से 5 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आते ही रोहित का औसत 42 से कम होकर 37 का हो जाता है। रोहित ने 21 टेस्ट मैचों में 1,184 रन बनाए हैं। वैसे न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रोहित ने जरूर टेस्ट क्रिकेट में रन बनाए थे। लेकिन उस सीरीज के बाद वह चोटिल हो गए। उनसे उम्मीद है कि वह भविष्य में अपने ऊपर लगे इस तमगे को उखाड़ फेकेंगे।
2. सुरेश रैना: सुरेश रैना भी उन भारतीय बल्लेबाजों की शुमार में शामिल हैं जिनका प्रदर्शन वनडे में तो अच्छा रहा लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आते ही उनके खेल की कमियां उजागर होने लगी। खेल के लंबे प्रारूप में उनकी शार्ट पिच गेंदों को ना खेल पाने की कमी सबसे ज्यादा उजागर हुई। रैना ने वनडे क्रिकेट में 223 मैचों में 35 की औसत से 5,568 रन बनाए हैं। लेकिन रैना 18 टेस्ट मैचों में कुल 786 रन ही बना सके। टैस्ट मैचों में उनके रन बनाने के औसत में भी गिरावट देखने को मिली। टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 35 से गिरकर 26 हो जाता है।
3. युवराज सिंह:युवराज ने जिस अंदाज में वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजी की उससे सबको उम्मीद थी कि वो एक अच्छे टेस्ट प्लेयर भी बनेंगे लेकिन टेस्ट क्रिकेट में मौका मिलने पर युवराज अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके। युवराज 40 टेस्ट मैचों के करियर में सिर्फ 1,900 रन ही बना सके। इस दौरान उनका रन बनाने का औसत 33.92 का रहा। जो टेस्ट क्रिकेट के हिसाब से साधारण दिखाई देता है। युवराज ने तीन साल के लंबे अंतराल के बाद वनडे क्रिकेट में वापसी हाल ही में की थी। हालांकि, वनडे में उनका प्रदर्शन टेस्ट से बेहतर है। और उनके नाम 14 शतकों के साथ 8,539 रन दर्ज हैं। वहीं टेस्ट में उनके नाम सिर्फ तीन सैकड़े ही हैं।
4. अजय जडेजा: अपने दौर के आक्रामक बल्लेबाज रहे अजय जडेजा भी टेस्ट क्रिकेट में नाकाम साबित हुए। वनडे क्रिकेट में सबका दिल जीतने वाले जडेजा भारत के लिए सिर्फ 15 टेस्ट मैच खेले। इन 15 मैचों में 26 की औसत से 576 रन बनाए। जबकि वनडे में जडेजा के प्रदर्शन को देखा जाए तो उन्होने शानदार प्रदर्शन किया है। जडेजा ने भारत के लिए खेले 196 मैचों में 37 से ज्यादा की औसत से 5359 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से बहुत सी मैच जीताऊ पारियां भी निकली।
5.रॉबिन सिंह: एक ऑलराउंडर के तौर पर रॉबिन सिंह पर वनडे विशेषज्ञ का दर्जा दे दिया गया। सीमित ओवरों की क्रिकेट में रॉबिन ने भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन टेस्ट मैचों की योग्यता उनके अंदर नहीं दिखी। रॉबिन ने भारत के लिए सिर्फ 1 टेस्ट मैच खेला जिसमें उनके बल्ले से सिर्फ 27 रन निकले तो विकेट चटकाने में उनको नाकामी हाथ लगी। जबकि अगर उनके वनडे के प्रदर्शन को देखें तो वो एक बेहतर ऑलराउंडर नजर आते हैं। 136 वनडे मैचों में रॉबिन सिंह ने 2 हजार से ज्यादा रन बनाने के अलावा 69 विकेट भी चटकाए।
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