आईपीएल के पहले सत्र से ही दिल्ली डेयरडेविल टीम गलत कारणों की वजह से लाइमलाइट में रही है। कभी खराब फील्डिंग की वजह से तो कभी नीलामी में गलत खरीदारी के लिए डेयरडेविल्स चर्चा में बनी रही। हालांकि प्रशंसको का प्यार इस टीम को खूब मिला। देश की राजधानी दिल्ली हर क्षेत्र और धर्म के लोगों से भरी है। इस टीम ने अब तक एक भी आईपीएल खिताब नहीं जीता है। हर सत्र में कई खिलाड़ी बदले गए, कई नए खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया लेकिन दिल्ली की टीम हर साल सूची में निचले क्रम पर ही बनी रही। खिलाड़ियों के साथ कोच के पद पर भी कई बड़े बदलाव हुए, इससे टीम में केवल हल्के सुधार आए लेकिन खिताबी जीत फिर भी नहीं मिली। नीलामी में इस टीम ने एक खिलाड़ी पर करोड़ों रुपए खर्च किए लेकिन यह बात उन्हें समझ नहीं आई कि एक खिलाड़ी के दम पर जीत हासिल नहीं की जा सकती।
2017 आईपीएल नीलामी में इस टीम को एक और मौका मिला सही खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का। डेयरडेविल के खाते में नीलामी के लिए कुल 23.10 करोंड़ रुपए थे। दिल्ली टीम ने नीलामी से पहले कई खिलाड़ियों को टीम से बाहर किया। जिनमें नाथन कॉल्टर नॉयल, इमरान ताहिर और पवन नेगी का नाम शामिल है। इस फैसले ने उन सवालों को बढ़ावा दिया जो डेयरडेविल टीम के गेंदबाजी क्रम को लेकर उठ रहे थे। फिलहाल मोहम्मद शमी चोटिल है और जहीर खान की फिटनेस पर संशय है ऐसे में इन तीन गेंदबाजों को निकालना समझदारी का फैसला नहीं लगता। इसलिए नीलामी में दिल्ली का सारा ध्यान गेंदबाजों पर ही था। दिल्ली ने सबसे पहले श्रीलंकन गेंदबाज एंजेलो मैथ्यूज को 2 करोड़ में खरीदा। इसके बाद सभी टीमों की तरह दिल्ली भी बेन स्टोक्स के लिए ऊंची बोली लगाने लगी। हालांकि पुणे ने सबसे अधिक 14.5 करोड़ देकर स्टोक्स को खरीद लिया। इसके बाद दिल्ली ने मुंबई इंडियंस के बाहर किए गए खिलाड़ी कोरी एंडरसन को 1 करोड़ में खरीदा। दोनों खिलाड़ियों को खरीदकर डेयरडेविल टीम ने ऑलराउंडर की संख्या को बढ़ाया। ये भी पढ़ें: आईपीएल 2017: गेंदबाजों पर दांव लगा क्या जीत हासिल कर पाएगी रॉयल चैलेंजर बैंगलौर
दिल्ली ने नीलामी में समझदारी जरूर दिखाई लेकिन कुछ पक्ष ऐसे हैं जिन पर शायद टीम मैनेजमेंट का ध्यान नहीं गया। मैथ्यूज की फिटनेस भी जहीर की तरह ही असंजस में है जो टीम के लिए खतरे की बात है। वहीं क्रिस मॉरिस अपनी राष्ट्रीय टीम साउथ अफ्रीका के लिए खेलने चले जाएंगे। वहीं कोरी एंडरसन को अब भी अपनी पीठ की चोट से उबरना बाकी है। साथ ही कार्लोस ब्रैथलवेट बढ़िया बल्लेबाज है लेकिन गेंदबाजी में अब भी कमी है। दिल्ली डेयरडेविल के सारे ऑलराउंडर कमजोर है। हालांकि दिल्ली ने कगीसो रबाडा को 5 करोड़ में खरीदकर समझदारी का काम किया है। रबाडा को भारतीय उपमहाद्वीप में खेलने का अच्छा खासा अनुभव है जो टीम के काम आएगा। साथ ही टी20 प्रारूप में उनका प्रदर्शन लाजवाब है। इसके बाद दिल्ली ने ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज पैट कमिन्नस को 4.5 करोड़ में खरीदा और नवदीप सैनी को भी 10 लाख में टीम में शामिल किया। वहीं दिल्ली की आखिरी खरीदारी रही मुरुगन अश्विन, जिन्हें डेयरडेविल ने 1 करोड़ में खरीदा। ये भी पढ़ें: आईपीएल नीलामी 2017: सर्वाधिक राशि में बिके शीर्ष पांच नए खिलाड़ी
आखिरकार इस नीलामी में दिल्ली ने बढ़िया गेंदबाजों पर पैसे खर्च किए। हालांकि एक परेशानी यह भी है कि रबाडा भी मॉरिस की तरह राष्ट्रीय टीम के लिए सत्र बीच में छोड़कर जाएंगे। वहीं इमरान ताहिर और कॉल्टर नॉयल को टीम से बाहर करने के डेयरडेविल के फैसले पर लंबी बहस की जा सकती है लेकिन अब इस टीम को उन खिलाड़ियों पर ध्यान देगा होगा जो टीम में है। जहीर खान की कप्तानी में इस बार दिल्ली को जीत से कम कुछ भी नहीं चाहिए।
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