रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम आईपीएल 10 के प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। लेकिन ऐसा क्या हुआ जो सितारों से सजी हुई टीम का एकदम से बुरा हाल हो गया? इसका एक कारण साफ दिखाई देता है, और वह है टीम की विराट कोहली, एबी डीविलियर्स और क्रिस गेलपर अति- आत्मनिर्भरता और इनके फेल हो जाने के बाद कोई ‘बी प्लान’ का न होना। पिछले सीजन में विराट कोहली ने जहां रिकॉर्ड 973 रन बनाए थे, वहीं एबी डीविलियर्स ने 687 रन ठोंक दिए थे और इस तरह उन्होंने पूरे सीजन में दूसरी टीमों की नाक पर दम कर रखा था। जाहिर है कि जब उन्होंने इस सीजन का आगाज किया तो उनके दिलो- दिमाग में वही खुमारी छाई हुई थी। यही कारण है कि न ही आरसीबी के मैनेजमेंट ने और न ही खुद कप्तान कोहली ने इस संबंध में सोचा कि अगर डीविलियर्स, गेल और वह खुद फेल हो जाते हैं तो वे क्या करेंगे? केएल राहुल की चोट ने उनकी रही सही कमर और तोड़ दी और बल्लेबाजी बिखर सी गई।
वहीं गौर करने वाली बात ये है भी है कि जिस एम. चिन्नास्वामी मैदान में वह खेले उसकी पिच दोहरी पेस वाली थी। ये यहां पहली बार देखने को मिला, जिसके कारण उनके बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए बार- बार मोहताज होना पड़ा। डीविलियर्स और कोहली ने हाल ही में चोट से उबरते हुए वापसी की थी। डीविलियर्स बीच आईपीएल में चोटिल हो गए थे और उसके बाद से उनकी वापसी बेहद खराब रही और लगातार तीन पारियों में 8, 5 और 3 रन बनाकर आउट हुए। आईपीएल इतिहास में यह पहला मौका है जब डीविलियर्स लगातार तीन पारियों में दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए हैं। डीविलियर्स की खराब फॉर्म का असर साफतौर पर आरसीबी के मध्यक्रम पर पड़ा और वह एकदम से बिखर गया।
आईपीएल में अबतक आरसीबी की ओर से 6 अर्धशतक लगे हैं जिनमें तीन अर्धशतक विराट कोहली ने तो एक- एक अर्धशतक गेल, डीविलियर्स और जाधव ने लगाए हैं। गौर करें कि पिछले साल कोहली और डीविलियर्स ने एक साथ मिलकर चार शतक और 13 अर्धशतक लगाए थे। और 75 छक्के ठोंके थे। लेकिन इस सीजन में दोनों ये करने में कामयाब नहीं हो पाए तो निचले क्रम की पोल खुल गई।[ये भी पढ़ें: बैंगलोर का घटिया प्रदर्शन जारी, पुणे ने 61 रनों से धोया]
उनकी टीम के दो घरेलू ऑलराउंडरों स्टुअर्ट बिन्नी और 1 करोड़ में इस साल खरीदे गए पवन नेगी ने सबसे ज्यादा निराश किया है। नेगी ने जहां 8 मैचों में 14 की बेहद खराब औसत से 70 रन बनाए हैं वहीं स्टुअर्ट बिन्नी ने इतने ही मैचों में 15.60 की औसत से 78 रन बनाए हैं। इस तरह ये दोनों ही टीम को खराब परिस्थिति में मदद देने में सहायक साबित नहीं हुए। इनके अलावा सबसे खराब प्रदर्शन मनदीप सिंह का रहा। मनदीप ने 8 मैचों में 10.42 की औसत से 73 रन बनाए। इस तरह इन तीनों बल्लेबाजों ने आरसीबी की बल्लेबाजी की बखिया उधड़वाने में अहम भूमिका निभाई।
राइजिंग पुणे सुपरजायंट के हाथों मिली करारी शिकस्त का असर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। इसी कारण कोहली का कहना था कि टीम के ऐसे प्रदर्शन के बाद एक कप्तान के लिए कुछ भी कहना मुश्किल होता है। कोहली ने कहा, “मुझे लगता कि ऐसे प्रदर्शन के बाद एक कप्तान के लिए कोई भी टिप्पणी करना मुश्किल होता है। हालांकि हमें ऐसे अनुभवों से सबक लेकर आगे बढ़ना चाहिए। हमने इस मैच को बुरी तरह हारा है।”
कोहली ने आगे कहा, “इस हार के पीछे कुछ भी कारण हो सकते हैं। फिर चाहे वो उम्मीदें हों। लोगों को लगा था कि हमारी बल्लेबाजी अच्छी होगी, जैसे पिछले साल प्लेऑफ में रही। मैं किसी एक चीज पर दोष नहीं दे सकता। हम प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं। अब हम केवल एक ही चीज कर सकते हैं और वो है टूर्नामेंट में बाकी बचे चार मैंचों में खुलकर खेलना और अपने खेल का लुत्फ उठाना।” कोहली ने ये बात तो जरूर कह दी, लेकिन क्या अंतिम चार मैचों में वह मंदीप सिंह, बिन्नी और नेगी को बाहर करते हुए एक अच्छे टीम संयोजन को नहीं उतारना चाहेंगे। खैर, ये तो वक्त बताएगा। आईपीएल के इतिहास में आरसीबी की इतनी दुर्गति पहले कभी नहीं हुई, जितनी इस बार हुई है। बैंगलोर टीम को चोटों, और बिना किसी ठोस योजना के उतरने से खासा नुकसान उठाना पड़ा। जाहिर है कि अगले चार मैचों में वे इस बात पर जोर देना चाहेंगे ताकि अगले आईपीएल में वे इस गलती को भुनाते हुए अपने लिए एक अच्छा रास्ता तैयार कर सकें।
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