सुरेश रैना के टीम से बाहर होने के बाद भारतीय टीमएक अच्छे फिनिशर की तलाश में थी। लेकिन न्यूजीलैंडके खिलाफ रैना की वापसी से भारतीय टीम को एक बार फिर से उम्मीद जगी थी कि रैना एक बार फिर से इस भूमिका पर खरे उतरेंगे और तेज तर्रार पारी खेलेंगे। लेकिन पहले मैच से ठीक पहले रैना वायरल बुखार की चपेट में आ गए और वनडे सीरीज से बाहर हो गए। हालांकि रैना को जब टीम में चुना गया था तो उनका कुछ खास प्रदर्शन नहीं था। ऐसे में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में केदार जाधव को आजमाया गया। कीवी टीम के खिलाफ सीरीज में जाधव अच्छी शुरुआत के बाद आउट हो गए लेकिन उन्होंने दिखाया कि उनके अंदर प्रतिभा है और जरूरत है तो बस मौके की। इंग्लैंड के खिलाफ जाधव को मौका मिला और उन्होंने खुद को साबित कर दिया साथ ही उन्होंने रैना के लिए वनडे टीम के दरवाजे भी लगभग बंद कर दिए। आइए जानते हैं रैना के लिए क्यों बंद हो सकते हैं वनडे टीम के दरवाजे।
केदार जाधव ने हाल फिलहाल टीम के लिए शानदार खेल दिखाया है। जाधव ने ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी से भी कमाल दिखाते हुए खुद को ऑलराउंडर की तर्ज पर पेश किया है। केदार जाधव ने बहुत ही कम समय में खुद को टीम में स्थापित कर लिया है। जाधव ने छठें नंबर पर खेलते हुए शानदार बल्लेबाजी का मुजाहिरा पेश किया और अपना विकेट फेंका नहीं। उन्होंने हालात के अनुकूल बल्लेबाजी करते हुए टीम को बीच मझधार में नहीं छोड़ा। ये भी पढ़ें: अश्विन-जडेजा इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से बाहर
जाधव के अब तक के करियर की बात करें तो उन्होंने 15 वनडे मैचों की 11 पारियों में 58 की बेहतरीन औसत के साथ 468 रन बनाए। इस दौरान जाधव ने 2 शतक और 1 अर्धशतक भी लगाया। जाधव का सर्वोच्च 120 रन रहा तो उनका स्ट्राइक रेट 121 का रहा। लेकिन जाधव साल 2016 और उसके बाद साल 2017 में तो और खतरनाक हो गए। साल 2016 में जाधव ने 8 मैचों की 4 पारियों में 45 की औसत के साथ 90 रन बनाए। इस दौरान उनका सर्वोच्च 41 रन रहा। लेकिन जैसा कि पारियों से साफ है कि जाधव को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका नहीं मिल रहा था और ऐसे में उनपर सवाल उठाना भी गलत था। लेकिन आलोचक उन्हें निशाने पर लेने लगे थे।
भारत को अब साल 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलनी थी ऐसे में इसे जाधव के लिए आखिरी मौके के तौर पर देखा जा रहा था और यह बात जाधव भी बखूबी जानते थे। पहले मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को लगातार झटके लगे और सभी बड़े बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। ऐसे में जाधव ने अपने कप्तान के साथ मिलकर बेहतरीन बल्लेबाजी की और छठें विकेट के लिए 200 रनों की साझेदारी कर भारत को अप्रत्याशित जीत दिला दी। यहां से जाधव की नई पारी की शुरुआत हो चुकी थी। इसके बाद जाधव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और दूसरे मुकाबले में 10 गेंदों में 22 और तीसरे मैच में एक बार फिर से जरूरत के समय तेज गति से 75 गेंदों में 90 रनों की पारी खेल डाली।
जाधव ने तीसरे मैच में परिपक्वता दिखाते हुए शानदार बल्लेबाजी का मुजाहिरा पेश किया और सभी बड़े बल्लेबाजों के पवेलियन लौट जाने के बाद हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर भारत को मैच में वापस ला दिया। जाधव की बेहतरीन बल्लेबाजी की दम पर हारे हुए मैच को भारत ने सिर्फ 5 रन से ही गंवाया। जाधव की खासियत यह है कि वह अपने ऊपर दबाव नहीं आने देते और मैदान पर आते ही जबर्दस्त शॉट खेलते हैं। साल 2017 में जाधव के प्रदर्शन की बात करें तो इस साल उन्होंने 3 मैचों की 3 पारियों में 77 की औसत के साथ 232 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 1 अर्धशतक लगाया। जाधव का सर्वोच्च 120 और उनका स्ट्राइक रेट 144 का रहा। वहीं जाधव ने संकट के समय अपना विकेट फेंका नहीं और अंत तक बल्लेबाजी की। ऐसे में साफ है कि वापसी की कोशिश में लगे रैना को जाधव ने फिलहाल और इंतजारर में डाल दिया है। ये भी पढ़ें: जब विराट कोहली को महेंद्र सिंह धोनी ने यादगार के तौर पर दी हस्ताक्षर की हुई गेंद
आपको बता दें कि सुरेश रैना को एक साल पहले खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर निकाल दिया गया था। उन्होंने अपना अंतिम वनडे मैच भारत की ओर से साल 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। इसके बाद जब उन्हें टीम से बाहर निकाला गया तो उनकी टीम में लंबे समय तक वापसी नहीं हुई। अंततः उन्हें जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया। सुरेश रैना उसके बाद लगातार मार्च तक यानि टी20 विश्व कप तक टीम इंडिया के सदस्य रहे। लेकिन इस दौरान रैना के बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला और खामियाजन उन्हें एक बार फिर से टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा। अब सुरेश रैना के गले में फिर से तलवार अटक गई है, क्योंकि टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें फिर से टी20 में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है। अगर वह टी20 सीरीज में खुद को साबित नहीं कर पाए तो उन्हें टीम से बाहर होना पड़ सकता है।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookies
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.