भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने आज ही के दिन टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड बनाया था। 17 अगस्त 2002 को मिताली राज ने इंग्लैंड के खिलाफ टॉन्टन में 214 रनों की पारी खेली थी। मिताली की ये पारी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी पारी है। मिताली राज ने जब ये रिकॉर्ड बनाया था तो वो सिर्फ 19 साल की थीं। मिताली की बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया वो टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में सफलता हासिल की थी। कोच मिकी आर्थर के खिलाफ बयानबाजी पड़ी उमर अकमल को भारी, पीसीबी ने दिया नोटिस
मिताली ने कैसे खेली मैराथन पारी
इंग्लैंड ने पहली पारी में बनाए 329 रन: भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम के 6 विकेट मात्र 147 रनों पर ही गिर गए। भारतीय टीम मैच में दबदबा बनाते दिख रही थी लेकिन इसके बाद सीजे कॉनोर और एलके न्यूटन ने पारी को संभाल लिया और दोनों बल्लेबाजों ने अपनी टीम को संकट से उबारा। दोनों ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ सधी हुई बल्लेबाजी की और स्कोर को 250 के पार पहुंचा दिया। इसी बीच कॉनोर (48) पर आउट हो गईं। आखिर में न्यूटन के (98) और गॉलिमैन के (65) रनों की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी में 329 रन बनाए।
मितीला राज का धमाल: जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और टीम के 2 विकेट सिर्फ 45 रनों पर ही गिर गए। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरीं मिताली ने सधी हुई शुरुआत की और इंग्लैंड के गेंदबाजों के खिलाफ शानदार खेल दिखाया। इस दौरान मिताली को अंजुम चोपड़ा का अच्छा साथ मिला। मिताली ने सोच समझकर बल्लेबाजी की और शानदार खेल दिखाया।
देखते ही देखते मिताली ने स्कोर अर्धशतक जड़ दिया और भारत के स्कोर को 100 तक पहुंचा दिया। दूसरे छोर पर विकेट गिरते जा रहे थे लेकिन मिताली एक छोर संभाले हुए थीं। इसी बीच अंजुम चोपड़ा के आउट होने के बाद कुलकर्णी ने मिताली का साथ दिया। मिताली ने इसके बाद अपनी पारी को आगे बढ़ाया और शतक ठोक दिया। शतक लगाकर मिताली काफी खुश नजर आ रही थीं लेकिन मिताली शतक लगाने के बाद भी नहीं रुकीं और रन बनाने जारी रखा। इसी बीच मिताली ने अपने 150 रन भी पूरे कर लिए। इंग्लैंड के किसी गेंदबाज को समझ नहीं आ रहा था कि वो मिताली को कैसे आउट करें।
मिताली को इसकी कोई परवाह नहीं था कि दूसरे छोर से लगातार विकेट गिर रहे थे। मिताली ने एक छोर संभाले रखा और फिर उन्होंने उस रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया जो हर बल्लेबाज का सपना होता है। मिताली ने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक ठोक दिया और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। मिताली ने कैरेन रॉल्टन 209* को पीछे छोड़कर इस बड़ी उपलब्धि को अपने नाम किया। अंत में मिताली 407 गेंदों में 214 रन बनाकर आउट हुईं। मिताली ने अपनी पारी में 17 चौके ठोके थे।
मिताली की बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ने पहली पारी में 467 रन बनाए थे। दूसरी पारी में इंग्लैंड की पारी लड़खड़ा गई लेकिन अंत में इंग्लैंड की टीम ने मैच को ड्रॉ कराने में कामयाबी पाई। दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 6 विकेट खोकर 198 रन बनाए थे। मैच को मिताली की बेहतरीन पारी के लिए याद किया जाता है। मिताली ने इस मैच में उस रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया था जिसके बारे में हर बल्लेबाज ख्वाब देखता है।
नोट: दो साल के बाद यानि साल 2004 में पाकिस्तान की खिलाड़ी किरन बलूच ने मिताली के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। बलूच ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 242 रनों कि पारी खेली थी जो कि आज तक महिला टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर है।
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