सचिन तेंदुलकरके लिए आज का दिन बेहद खास है। वह इसलिए क्योंकि आज के ही दिन उन्होंने साल 1989 में अपना डेब्यू किया था और आज के ही दिन उन्होंने 2013 में वेस्टइंडीजके खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में आखिरी बार बल्लेबाजी की थी। अंतर बस इतना रहा कि अपनी पहली पारी में सचिन जहां 15 रन बनाकर आउट हुए तो आखिरी पारी में 73 रन बनाकर आउट हुए। सचिन ने 1989 से 2013 तक यानि पूरे 24 साल क्रिकेट को दिए और इस दौरान अपनी शानदार बल्लेबाजी से दुनियाभर को अपना मुरीद बना लिया। सचिन के फुटवर्क के लाखों दीवाने थे, जिस तरह से वह गेंद को शानदार अंदाज में मैदान की किसी भी दिशा में ड्राइव करते थे वह अंदाज बाकमाल था।
क्रिकेट के इतिहास में कई नामचीन रिकॉर्ड हासिल करने वाले सचिन तेंदुलकर ने कैसे डेब्यू किया? डेब्यू के पहले उनकी जिंदगी कैसी थी। आइए हम आपको उन तमाम तरह की बातों से रूबरू कराते हैं।
– सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची टेस्ट में अपना डेब्यू किया था। इस मैच की पहली पारी में सचिन 15 रन बनाकर आउट हुए थे। वहीं दूसरी पारी में उन्हें बैटिंग नहीं मिली थी। मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
– 1989 में सचिन ने अपने करियर का आगाज करने से पहले 1987 में पाकिस्तान की ओर से एक फ्रेंडली मैच में खेल चुके हैं। मुंबई के ब्रोबोर्न स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में इस फ्रेंडली मैच के दौरान सचिन ने पाकिस्तान के लिए स्थापन्न फील्डर की भूमिका निभाई थी। इस मैच में सचिन ने करीब 25 मिनट तक पाकिस्तान के लिए फील्डिंग की।
– सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट की कोचिंग के लिए सजा के तौर पर भेजा गया था। हुआ यूं कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान सचिन पेड़ पर चढ़कर फिल्म देख रहे थे जहां से वो गिर गए। इसके बाद उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उनको सजा के तौर पर क्रिकेट की कोचिंग के लिए भेजा। इसके बाद आगे क्या हुआ ये पूरी दुनिया जानती है।
– क्रिकेट में 6 विश्व कप खेल चुके सचिन तेंदुलकर 1987 में भी मैदान पर थे। आप सोच रहे होंगे कि सचिन ने तो 1989 में करियर शुरू किया था। जी हां सचिन ने 1989 में ही करियर शुरू किया था लेकिन 1987 विश्व कप के दौरान भी वो मैदान पर उपस्थित थे लेकिन एक बॉल ब्वाय के रूप में।
– सचिन तेंदुलकर टीवी अंपायर द्वारा आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। 1992 में डरबन टेस्ट के दौरान जोंटी रोड्स ने सीधा थ्रो विकेटों पर मारा था। टीवी अंपायर्स ने रिप्ले देखने के बाद सचिन को आउट करार दिया था।
– सचिन तेंदुलकर को फिल्मों का शौक बचपन से ही था। क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने के बाद भी उनका ये शौक कम नहीं हुआ। 1995 में सचिन तेंदुलकर वेश बदलकर रोजा फिल्म देखने थियेटर गए। लेकिन वहां दर्शकों ने सचिन को पहचान लिया। जिसके बाद उनको वापस लौटना पड़ा।
– सचिन क्रीज के बाहर खड़े हुए थे और जैसे ही उन्होंने गेंद को अपनी ओर आते देखा किसी चीते की सी फुर्ती दिखाई और गेंद लॉन्ग ऑन बाउंड्री के बाहर हवा में झूलती हुई चली गई और अंपायर ने दोनों हाथों को हवा में उठाकर गेंद पर 6 रनों का इशारा किया। इसी दौरान उनका पार्टनर नॉन स्ट्राइकिंग छोर से आया और सचिन को बधाई दी। इस बात से निराश गेंदबाज ने कप्तान की ओर देखा, लेकिन कप्तान को भी इस शॉट पर कुछ सूझ नहीं आया। उस कप्तान की उम्र महज 14 साल थी, कैसे उतनी उम्र में कोई उससे एक अच्छी रणनीति की उम्मीद कर सकता था। अंततः ये पार्टनरशिप 664 तक पहुंची। हालांकि ये अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं था लेकिन इस युवा बल्लेबाज सचिन ने मैच में अकेले 326 रन ठोकते हुए क्रिकेट को अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया था।
साल गुजरे, लेकिन सचिन का अंदाज नहीं बदला। अपने एक अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान वह आगे निकले और फिर से कुछ उसी अंदाज में गेंद को लॉन्ग ऑन के ऊपर से बाहर पहुंचा दिया। कुछ उसी तरह से गेंदबाज मजबूरी बस कप्तान की ओर फिर से देखने लगा। इस बार ये कप्तान कोई 14 साल का अबोध बालक नहीं था बल्कि वह मार्क टेलर थे और सचिन के इस शॉट का 14 साल के कप्तान की ही तरह मार्क टेलर के पास भी कोई जवाब नहीं था।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookies
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.