वीरेंद्र सहवागभले ही आज क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके हों लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी को रह- रहकर के याद करते हैं। साल 2011 में नवंबर- दिसंबर के महीने में वेस्टइंडीजने पांच वनडे मैचों की सीरीज के लिए भारत का दौरा किया। इस सीरीज में एमएस धोनी और सचिन तेंदुलकर नहीं खेल रहे थे तो वीरेंद्र सहवाग को कप्तान बनाया गया। सहवाग की कप्तानी में भारत ने पहले तीन वनडे मैचों में दो में जीत दर्ज की। लेकिन इस सबके बावजूद सहवाग इन तीनों मौकों पर फीके साबित हुए और उनका सर्वोच्च स्कोर 26 रन ही रहा। ऐसे में अपनी साख को बचाने के लिए सहवाग को एक बड़ी पारी खेलने की जरूरत थी। सीरीज का चौथा मैच इंदौर में खेला गया। मैच में भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। भारत के दोनों ओपनर गंभीर और सहवाग मैदान पर आए और पहले ओवर में केमार रोच की गेंदों पर दोनों बल्लेबाजों ने धैर्य बनाए रखा और कुल 2 रन बनाए। दूसरा ओवर रवि रामपॉल लेकर आए। रामपॉल की पहली ही गेंद पर सहवाग ने गेंद को मिडविकेट की ओर फ्लिक करते हुए मैच का पहला चौका जड़ा। इसके बाद सहवाग ने अगले डेढ़ ओवर तक शांति बनाए रखी।
लेकिन जब देखा कि रन गति 4 से नीचे जा रही है तो चौथे ओवर में रोच की अंतिम गेंद पर सहवाग ने अपर कट लगाते हुए गेंद को छह रनों के लिए बाउंड्री लाइन के बाहर पहुंचा दिया और अपने इरादे जाहिर कर दिए। इसके बाद अगले ओवर में दोनों बल्लेबाजों ने फिर से सिंग्ल्स का सहारा लिया और कुल मिलाकर 2 रन बनाए। चूंकि, सहवाग ने रोच को अपना शिकार चुन लिया था इसलिए उन्हें जब भी मौका मिल रहा था वह उन्हें लताड़ रहे थे। पांचवां ओवर रोच लेकर आए। पहली गेंद जो हॉफ- वॉली थी उस पर सहवाग ने स्क्वेयर लेग का चौका जड़ दिया। अगली दो गेंदों में सहवाग ने गंभीर को स्ट्राइक दी और गंभीर ने अगली दो गेंदों पर दो चौके जड़ दिए। इस तरह टीम इंडिया ने 5 ओवर की समाप्ति पर 30/0 का स्कोर बना लिया था। अगली कुछ ओवरों तक गंभीर स्ट्राइक पर रहे। इस दौरान उन्होंने मौका मिलने पर चौके भी जड़े और उनका एक कैच भी छूटा। भारत बनाम इंग्लैंड, चौथा टेस्ट, पहला दिन, लाइव स्कोरकार्ड देखने के लिए क्लिक करें…
लेकिन इस सबके बावजूद वह जमे रहे। सहवाग ने नौंवे ओवर में जाकर रसेल की गेंद पर चौका जड़ा और टीम इंडिया के 50 रन पूरे किए। पहले 10 ओवरों में टीम इंडिया ने 63 रन बनाए थे। ऐसे में वेस्टइंडीज टीम ने स्पिन आक्रमण को लगा दिया। 11वांओवर सुनिल नरेन लेकर आए। पहली गेंद उन्होंने लेंथ बॉल फेंकी और सहवाग ने लॉन्ग ऑन के ऊपर से लॉफ्ट करते हुए छक्का जड़ दिया। इसके बाद सहवाग ने अपने तेवर नर्म कर लिए। अगला ओवर सैमी लेकर आए। पहली गेंद उन्होंने भी ऑफ स्टंप के बाहर लेंथ फेंकी और सहवाग ने लॉन्ग ऑफ का छक्का जड़ दिया। इसके बाद अगली कुछ गेंदों पर सिंगल्स का सिलसिला चला और अंतिम गेंद पर गंभीर ने चौका जड़ दिया। ओवर से 13 रन बने और भारत का स्कोर गोते लगाता हुआ 12 ओवरों में 85 रन हो गया। 15वां ओवर नरेन लेकर आए। नरेन की तीसरी गेंद पर सहवाग ने फाइन लेग का चौका जड़ दिया।
अगली गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक बदली। अंतिम गेंद पर सहवाग ने लॉन्ग ऑन का छक्का जड़ दिया और अपना अर्धशतक 41 गेंदों में पूरा किया। इसके बाद अगले दो ओवरों तक सहवाग के बल्ले से इक्का- दुक्का चौके निकलते नजर आए। पारी के 18वें ओवर में सहवाग ने रोच की पहली दो गेंदों पर दो चौके जड़ दिए। पांचवीं गेंद पर दोनों बल्लेबाज रन आउट होने से बाल बाल बचे। अगले ओवर में सहवाग और गंभीर दोनों ने 1-1 चौका जड़ दिया। 20वें ओवर में एक बार फिर से दोनों बल्लेबाज रन आउट होने से बचे। इस तरह दोनों अब तक 20 ओवरों में 149/0 जोड़ चुके थे। इसी बीच पोलार्ड गेंदबाजी करने आए। पोलार्ड की दूसरी ही गेंद पर सहवाग ने लॉन्ग ऑन का छक्का जड़ दिया। यही नहीं उन्होंने उनकी पांचवीं गेंद पर भी फाइन लेग का चौका जड़ दिया। इस तरह सहवाग अब 62 गेंदों में 90 रन बनाकर खेल रहे थे। अगला ओवर सैमुअल्स लेकर आए। पहली ही गेंद पर सहवाग ने अपने आपको पीछे धकेलते हुए शॉर्ट गेंद को प्वाइंट के बीच से चार रनों के लिए खेल दिया। सहवाग इस दौरान जिस तरह से गेंदबाजों को खेल रहे थे उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि गेंद डालें तो कहां डालें। बहरहाल, सहवाग को रोकना नामुमकिन नजर आ रहा था।
सहवाग ने इस ओवर में इसके बाद सिंगल्स बटोरे और अब वह 67 गेंदों में 96 रन बनाकर खेल रहे थे। सहवाग ने पोलार्ड के अगले ओवर की तीसरी गेंद पर चौका जड़ते हुए 69 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। इसक तरह टीम इंडिया का स्कोर 23वें ओवर में 170 रन हो चुका था। लेकिन इसी बीच दोनों बल्लेबाजों के बीच फिर से गलतफहमी हुई और गंभीर रन आउट हो गए। गंभीर ने 67 रन बनाए। वन डाउन पर सुरेश रैना बल्लेबाजी करने को आए। अगले कुछ ओवरों तक ये दोनों खामोश रहे। लेकिन सिंगल्स का सिलसिला चलता रहा। सहवाग ने 26वें ओवर में सैमुअल्स की गेंद पर लॉन्ग ऑन का चौका जड़कर इस सिलसिले पर थोड़ी लगाम लगाई। अगले ओवर में रैना रामपॉल पर बरस पड़े और दो चौके जड़ते हुए कुल 11 रन बटोरे। इस तरह टीम इंडिया के 200 रन 27वें ओवर में पूरे हुए। सहवाग दूसरे छोर से खामोश होकर बल्लेबाजी कर रहे थे।
उन्होंने 29वें ओवर में नरेन की गेंद पर चौका जड़ा और अपना व्यक्तिगत स्कोर 120 के पार पहुंचाया। दोनों बल्लेबाजों ने फिर से सिंगल- डबल का सिलसिला शुरू किया और सहवाग ने फिर से 32वें ओवर में नरेन को अपने तेवर दिखाए और दो चौके जड़ दिए। रैना ने इस दौरान अर्धशतक जमाया और उसके थोड़ी देर बाद रन आउट हो गए। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 156 रनों की साझेदारी निभाई। सहवाग अब 182 रनों के स्कोर पर बल्लेबाज कर रहे थे। चूंकि, यह पारी का 41वां ओवर चल रहा था इसलिए वह दोहरा शतक जड़ने को लेकर आश्वस्त थे।
सहवाग को ओवर में जैसे ही स्ट्राइक मिली उन्होंने चौका जड़ दिया। अगले ओवर में सहवाग ने सिंगल्स पर ध्यान दौड़ाया। पारी के 43वें ओवर में सहवाग ने पोलार्ड की चौथी गेंद पर चौका जड़कर अपना व्यक्तिगत स्कोर 195 पहुंचाया और पांचवीं गेंद पर एक रन लेकर छोर बदल लिया। अगले ओवर में ही रसेल ने जडेजा को आउट कर दिया और भारत का तीसरा विकेट गिर गया। सहवाग ने अगली गेंद पर चौका जमाकर अपना दोहरा शतक 140 गेंदों में पूरा किया और वह वनडे क्रिकेट इतिहास में पहला दोहरा शतक जड़ने वाले कप्तान बन गए। सहवाग के इस रिकॉर्ड को आजतक नहीं तोड़ा जा सका है। सहवाग इस मैच में अंततः 219 रन बनाकर आउट हुए। सहवाग ने अपनी इस पारी के लिए कुल 149 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने 25 चौके और 7 छक्के जमाए। अंततः भारत ने इस मैच में 5 विकेट पर 418 रन बनाए। दो बल्लेबाज विराट कोहली(23) और पार्थिव पटेल(3) अंत तक नाबाद रहे।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज टीम की ओर से रामदीन ही 96 रन बना पाए और पूरी टीम 49.2 ओवरों में 265 रनों पर ऑलआउट हो गई। वेस्टइंडीज ने ये मैच 153 रनों से गंवा दिया। इस तरह टीम इंडिया ने सीरीज में 3-1 से बढ़त बना ली। चेन्नई में खेला गया अंतिम वनडे भी टीम इंडिया ने जीता और सीरीज 4-1 से जीत ली। सहवाग सीरीज के चार मैचों में कप्तान थे और टीम इंडिया को जबरदस्त जीत दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
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