यह माना जाता है कि दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले एशिया महाद्वीप में ओपनिंग बैटिंग करना आसान है क्योंकि यहां पिचें और परिस्थितियां बल्लेबाजी करने के लिए आसान होती हैं। यहां कि पिचों में न ज्यादा उछाल होता है और न ही पेस या स्विंग। एशिया के बाहर इन चीजों से अक्सर बल्लेबाजों को दो-चार होना पड़ता है इसलिए मुश्किलें बढ़ना वाजिब है। हालांकि, एशिया महाद्वीप में श्रीलंका एक ऐसा देश है जहां की पिचें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की पिचों से बिल्कुल अलग हैं। यहां कि जमीन के ऊपर की परिस्थितियां अक्सर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होती हैं। वहीं पिचों में भी थोड़ा पेस और उछाल होता है। इसलिए यहां नई गेंद से गेंदबाजी सबसे उपयोगी रहती है।
साल 2011 से 2016 के बीच श्रीलंका में खेले गए टेस्ट मैचों के आंकड़े निकालें तो चौंकाने वाली बातें निकलकर सामने आती हैं। इस दौरान ओपनर लगातार जूझते नजर आए हैं। ओपनरों ने पहले विकेट के लिए औसतन साझेदारी 25.11 की निभाई है जो खराब ही नहीं बल्कि बेहद खराब है। इस दौरान 107 ओपनरों की जोड़ियां यहां उतरी हैं और सिर्फ एक शतकीय साझेदारी ओपनिंग जोड़ी के लिए निभाई जा सकी है। यह साझेदारी साल 2012 में पी सारा ओवल के मैदान पर एलिस्टेयर कुक और एंड्रयु स्ट्रॉस की जोड़ी ने निभाई थी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 122 रन जोड़े थे।
इसके अलावा कुछ और साझेदारी हैं जो करीब 10 रनों से शतकीय साझेदारी बनने से चूक गईं। लेकिन दूसरी ओर 44 ओपनिंग साझेदारियां ऐसी रहीं जो पहले विकेट के लिए 10 रन भी नहीं जोड़ पाई। वहीं इसमें 10 ऐसी रहीं जो खाता भी नहीं खोल पाईं। जुलाई 2015 से लेकर अगस्त 2016 तक का समय श्रीलंका में बल्लेबाजों के लिए सबसे खराब समय रहा। इस दौरान 34 पारियों में सिर्फ एक बार ओपनिंग बल्लेबाज 50 से ज्यादा की साझेदारी कर पाए और इस दौरान ओपनिंग विकेट के लिए औसतन साझेदारी 25.96 की रही।
ऐसे में टीम इंडिया के लिए इस सीरीज में ओपनिंग बैटिंग करने वाले शिखर धवन और केएल राहुलपर खतरे की घंटी बज गई है। शिखर धवन और चोट से उबरने के बाद केएल राहुल, दोनों की लंबे समय के बाद वापसी कर रहे हैं। धवन पिछले कुछ समय से बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। ऐसे में वह श्रीलंका में कैसा प्रदर्शन करते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। वहीं राहुल अपनी वापसी के साथ ओपनिंग स्पॉट के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहेंगे क्योंकि अगर शिखर धवन या राहुल में से किसी एक ने अच्छा खेल नहीं दिखाया तो उनका ओपनिंग स्पॉट खतरे में तब पड़ जाएगा क्योंकि जब मुरली विजय टीम में चोट से उबरने के बाद वापसी करेंगे तब इनमें से एक को बाहर का रास्ता तो देखना ही पड़ेगा। इसलिए दोनों ही बल्लेबाज एड़ी चोटी का जोर लगाना चाहेंगे। [ये भी पढ़ें: विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने पर महिला क्रिकेट टीम पर होगी ईनामों की बारिश]
केएल राहुल अंतिम बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में खेलते नजर आए थे। उन्होंने पिछली पांच पारियों में 90, 51, 67, 60 और 51* रनों की पारी खेली है। जाहिर है कि वह अपनी फॉर्म को बरकरार रखना चाहेंगे। वहीं दूसरी ओर शिखर धवन साल 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलते हुए नजर आए थे। इस दौरान वह खराब दौर से गुजरे थे इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। अब धवन करीब एक साल के बाद टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हैं। हालांकि, धवन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है इस लिहाज से उनके हौंसले बुलंद हैं।
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