सीरीज का पहला मैच दक्षिण अफ्रीकाने अपने नाम कर लिया था और दूसरे मुकाबले में भी वेस्टइंडीज को हराने के लिए आतुर दिख रहा था। दूसरा मुकाबला जोहान्सबर्ग के मैदान पर खेला जा रहा था। पूरा स्टेडियम गुलाबी रंग से नहाया हुआ था और दक्षिण अफ्रीकी टीम भी गुलाबी रंग की जर्सी में मैदान पर उतरी थी। मुकाबले में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। दक्षिण अफ्रीका के दोनों सलामी बल्लेबाजों ने टीम को गजब की शुरुआत दी।
हाशिम आमला और रोसो ने आते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी और हर गेंदबाज के खिलाफ बेहद आक्रामक होकर खेलने लगे। दोनों ने ही वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। दोनों ने ही पहले विकेट के लिए 247 रन जोड़े और अपने-अपने शतक पूरे किए। इसी बीच रोसो 115 गेंदों में 128 रन बनाकर आउट हो गए।
लेकिन इसके बाद तो मानो वेस्टइंडीज के ऊपर तूफान ही टूट पड़ा हो। एबी डिविलियर्सने मैदान पर कमद रखते ही गेंद को चौके-छक्के के लिए भेजने लगे। डिविलियर्स बहुत ही आक्रामक होकर बल्लेबाजी कर रहे थे। डिविलियर्स ने आते ही मैदान के चारों तरफ शॉट खेलने शुरू कर दिए और वेस्टइंडीज को पहले विकेट का जश्न मनाने का मौका भी नहीं दिया। देखते ही देखते डिविलियर्स ने 16 गेंदों में सबसे तेज अर्धशतक लगा डाला। लेकिन वो इतने पर ही नहीं रुके और अर्धशतक लगाने के बाद और उग्र होकर खेलने लगे। ये भी पढ़ें: दूसरे मैच में विराट कोहली को टिकने नहीं देंगे: जेक बॉल
वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को समझ नहीं आ रहा था कि वो डिविलियर्स को कैसे रोकें। डिविलियर्स घूम-घूम कर अपने शॉट खेल रहे थे। और गुलाबी रंग से नहाया पूरा स्टेडियम उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठा रहा था। अब डिविलियर्स ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को छठी का दूध याद दिलाते हुए उनकी जमकर खबर लेनी शुरू कर दी। डिविलियर्स के सामने वेस्टइंडीज के गेंदबाज गली क्रिकेट के भांति नजर आ रहे थे।
डिविलियर्स ने किसी भी गेंदबाज पर रहम ना खाते हुए हर गेंदबाज को मामूली साबित कर दिया था। हर गेंद को वह बड़ी आसानी से बाउंड्री के बाहर भेज रहे थे और वेस्टइंडीज के फील्डर महज एक कठपुतली नजर आ रहे थे। देखते ही देखते डिविलियर्स ने वो कर डाला जो किसी ने सोचा भी नहीं था। डिविलियर्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज शतक ठोक डाला। डिविलियर्स ने महज 31 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया था और इसी के साथ वह क्रिकेट इंतिहास के सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए थे। डिविलियर्स ने अपने शतक में 10 गनचुंबी छक्के और 8 चौके जड़े। लेकिन शतक लगाने के बाद भी डिविलियर्स नहीं रुके और उन्होंने रन बनाना जारी रखा। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 400 रनों के पार पहुंच गया। अंत में डिविलियर्स 44 गेंदों में 149 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन उन्होंने अपना नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करवा लिया था। डिविलियर्स ने अपनी पारी में 16 छक्के और 9 चौके जड़े थे। डिविलियर्स की पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने 50 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान पर 439 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। [Also Read: श्रीधरन श्रीराम भारत दौरे के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन सलाहकार नियुक्त]
जवाब में वेस्टइंडीज की टीम इतने बड़े लक्ष्य के दबाव में टूटती चली गई और पूरी टीम 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 291 रन ही बना सकी। लेकिन डिविलियर्स की बेहतरीन बल्लेबाजी देखकर हर दर्शक मंत्रमुग्ध हो चुका था और हर किसी की जुबान पर बस डिविलियर्स का ही नाम था।
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