साल 2007 में वेस्टइंडीज टीम ने भारत का दौरा किया। ब्रायन लारा की अगुआई वाली इस वेस्टइंडीज टीम को चार वनडे मैचों की सीरीज में टीम इंडिया से दो- दो हाथ करने थे। इस समय टीम इंडिया की अगुआई राहुल द्रविड़ कर रहे थे। सीरीज का पहला मैच नागपुर में खेला गया। मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। पहले बल्लेबाजी करने टीम इंडिया उतरी और टीम के दोनों ओपनर सौरव गांगुली और गौतम गंभीर मैदान पर चहलकदमी करते नजर आए। लेकिन इस बीच एक अजीब बात देखने को मिली कि सौरव गांगुली जिस जर्सी को पहनकर आए थे उसमें गांगुली की बजाय सुरेश रैना का नाम छपा था। जब पता किया गया तो पता चला कि वह रैना की ही जर्सी थी।
चूंकि, गांगुली को उनकी जर्सी फिट नहीं हो रही थी इसलिए उन्होंने सुरेश रैना की जर्सी के साथ मैदान पर उतरने का निर्णय लिया। सुरेश रैना की जर्सी गांगुली के लिए खासी लकी साबित हुई क्योंकि उन्होंने पहले विकेट के लिए गौतम गंभीर के साथ 24.4 ओवरों में 144 रन जोड़े। इस दौरान गंभीर 69 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें क्रिस गेल ने आउट किया। उसके बाद दादा का साथ निभाने सचिन तेंदुलकर आए। दोनों ने साथ में फिर से पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया। अभी दोनों ने दूसरे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी निभाई ही थी कि सचिन को क्रिस गेल ने 31 रनों के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट कर दिया। सचिन के आउट होने के थोड़ी देर बाद ही सौरव गांगुली 98 रन बनाकर रन आउट हो गए, लेकिन रन आउट होने से पहले वह अपना काम कर चुके थे। [ये भी पढ़ें: युवराज सिंह की शादी में शामिल होंगे विराट कोहली और अनुष्का शर्मा]
बाद के ओवरों में एमएस धोनी और राहुल द्रविड़ ने जमकर हिटिंग की। जहां एक छोर से धोनी ने 42 गेंदों में 62 रन बनाए तो दूसरे छोर से राहुल द्रविड़ ने 35 गेंदों में 54 रन ठोंक दिए। अंततः भारत ने 3 विकेट पर 338 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज टीम को क्रिस गेल और शिवनारायण चंद्रपॉल ने शानदार शुरुआत दी। दोनों ने 12 ओवरों में पहले विकेट के लिए 80 रन जोड़े। लेकिन गेल के आउट होने के बाद एक छोर से विकेट गिरने लगे। हालांकि, कुछ देर तक लारा और सैम्युअल्स ने चंद्रपॉल के साथ मिलकर जरूरी पारी संभालने की कोशिश की। लेकिन वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा सका। चंद्रपॉल एक छोर से डटे हुए थे और दूसरे छोर से विकटों का पतझड़ लगा हुआ था। अंततः, चंद्रपॉल अंत तक 149 रन बनाकर नाबाद रहे और वेस्टइंडीज ने 50 ओवरों में 8 विकेट पर 324 रन बनाए और मैच 14 रनों से हार गई।
लेकिन यह पहला मौका नहीं था जब गांगुली रैना की यूनिफॉर्म में नजर आए। बल्कि कटक में खेले गए दूसरे वनडे में भी गांगुली ने सुरेश रैना की यूनिफॉर्म पहनी। मैच में भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस मैच में टीम इंडिया की बल्लेबाज बुरी तरह से चरमरा गई। गांगुली सिर्फ 13 रन बनाकर आउट हो गए। दिनेश कार्तिक ने सर्वाधिक 63 रन बनाए। वहीं, अजीत अगरकर ने 40 रनों की पारी खेली। अंततः टीम इंडिया 48.2 ओवरों में 189 रनों पर ऑलआउट हो गई। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम की ओर से शिवनारायण चंद्रपॉल के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका और पूरी टीम 169 रनों पर ढेर हो गई। चंद्रपॉल ने सर्वाधिक 66 रन बनाए और वेस्टइंडीज 20 रनों से मैच हार गई। इस तरह सौरव गांगुली के द्वारा रैना की यूनिफॉर्म के साथ खेलने के साथ उतरना टीम इंडिया के लिए दोनों मौकों पर बढ़िया साबित हुआ। तीसरा मैच चेन्नई में खेला गया जिसमें गांगुली नहीं खेले और टीम इंडिया को 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
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