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तीसरी बार चार तेज गेंदबाजों के साथ टेस्ट मैच में उतरी भारतीय टीम

यह भारतीय क्रिकेट इतिहास में महज तीसरा मौका है जब भारत ने चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरने का फैसला लिया है।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला लिया। चोटिल हुए आर अश्विन की जगह उमेश यादव को प्लेइंग इलेवन में जगह दी गई। यह भारतीय क्रिकेट इतिहास में महज तीसरा मौका है जब भारत ने चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरने का फैसला लिया है। इस साल दूसरी बार भारतीय टीम बिना प्रमुख स्पिनर के टेस्ट मैच खेलने उतरी है टीम इंडिया।

एडिलेड टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-0 से आगे चल रही भारतीय टीम ने पर्थ में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में चार तेज गेंदबाज को खिलाया है। एलिडेल टेस्ट में टीम में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह की तिकड़ी नजर आई थी। इस मैच में उमेश यादव को भी टीम में जगह दी गई है।

तीसरी बार टेस्ट में उतरे भारत के चार तेज गेंदबाज

सबसे पहले साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर पर्थ टेस्ट में ही भारतीय टीम ने चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला लिया था। इस मैच में जहीर खान, उमेश यादव, इशांत शर्मा और आर विनय कुमार ने गेंदबाजी की थी। मैच ऑस्ट्रेलिया ने पारी और 37 रन से जीता था।

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दूसरी बार इसी साल दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जोहान्सबर्ग टेस्ट में भारत की टीम में चार टेस्ट तेज गेंदबाज शामिल किए गए थे। जोहान्सबर्ग टेस्ट में इशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी की थी। मैच भारत ने 63 रन से अपने नाम किया था।

पांचवां गेंदबाज कौन

2012 में पर्थ टेस्ट के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने पांचवें गेंदबाज की भूमिका निभाई थी जबकि जोहान्सबर्ग में हार्दिक पांड्या ने यह काम किया था। पर्थ में शुक्रवार से शुरू हुए इस टेस्ट में हनुमा विहारी और मुरली विजय टीम के लिए पांचवें गेंदबाज की भूमिका निभाते नजर आएंगे।

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