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CWC19 ,Team Review: बुरी किस्मत, खराब फैसलों की वजह से खिताब से चूकी न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड टीम लगातार दूसरे विश्व कप के फाइनल में पहुंची लेकिन खिताब से चूक गई।

विश्व कप 2019 की उप विजेता टीम न्यूजीलैंड (IANS)

साल 2015 के आईसीसी विश्व कप में फाइनल तक पहुंचने के बावजूद न्यूजीलैंड ने 2019 विश्व कप का सफर अंडरडॉग टैग के साथ शुरू किया। विश्व कप शुरू होने से पहले जहां एक तरफ भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को फेवरेट कहा जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के खेल को पलड़ने की क्षमता की सराहना की जा रही थी लेकिन कीवी टीम कहीं नहीं थी।

गौर करने की बात है कि विश्व कप के लिए तैयार किए गए एक विज्ञापन में जहां कभी ट्रॉफी ना जीतने वाली इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका टीम का मजाक उड़ाया जा रहा था, वहां भी न्यूजीलैंड टीम नहीं थी। केन विलियमसन की टीम पर किसी का ध्यान नहीं था, शायद यही कारण था कि वो सभी से आगे निकल गए।

केन विलियमसन © Getty Images (File Photo)

टीम का सकारात्मक पक्ष (विलियमसन का वन मैन शो): न्यूजीलैंड का पूरा अभियान केवल एक खिलाड़ी के कंधों पर था और वो हैं कप्तान केन विलियमसनमार्टिन गुप्टिल और टॉम लेथम का खराब फॉर्म, रॉस टेलर की अनिरंतरता के बीच विलियमसन ने विश्व कप मे वन मैन शो दिखाया। कीवी कप्तान ने 10 मैचों की 9 पारियों में 82.57 के शानदार औसत 578 रन जड़े और एक विश्व कप टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले कप्तान बन गए।

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विलियमसन ने ना केवल बल्लेबाजी बल्कि बेहतरीन कप्तानी का प्रदर्शन भी किया। कागज पर न्यूजीलैंड टीम सेमीफाइनल में पहुंची बाकी टीमों (भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया) से कमजोर थी लेकिन विलियमसन और टीम मैनेजमेंट के सही फैसलों ने कीवी टीम को लगातार दूसरी फाइनल में पहुंचाया।

भारत के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में विलियमसन की कप्तानी का शानदार उदाहरण देखने को मिला। बारिश से प्रभावित दो दिन तक चले इस मैच में विलियमसन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला जैसे कि सभी को उम्मीद थी। लेकिन जब कीवी टीम ने 134 रन पर तीन विकेट खो दिए तो बल्लेबाजों ने रन रेट बढ़ाने के बजाय ध्यान विकेट बचाने पर लगाया। ताकि बारिश होने की स्थिति में अगर डकवर्थ लुईस नियम लागू हो तो कीवी टीम आगे रहे। और बाकी की काम कीवी गेंदबाजों ने केवल 5 रन पर भारत के तीन विकेट गिराकर पूरा कर दिया।

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फर्ग्यसून-बोल्ट का शानदार प्रदर्शन: गेंदबाजी अटैक की बात करें तो लोकी फर्ग्यूसन न्यूजीलैंड के तुरुप के इक्के साबित हुए। आमतौर पर ट्रेंट बोल्ट न्यूजीलैंड के प्रमुख गेंदबाज होते हैं लेकिन इस टूर्नामेंट में फर्ग्यूसन ने आगे बढ़कर कीवी अटैक की अगुवाई की। उन्होंने 9 मैचों में 4.88 की बेहतरीन इकोनॉमी रेट बरकरार रखते हुए 21 विकेट हासिल किए। हालांकि बोल्ट भी ज्यादा पीछे नहीं रहे, इस कीवी पेसर ने 10 मैचों में 17 विकेट हासिल किए।

कहां हुई गलती: ऐसी टीम जो कि फाइनल तक पहुंचकर बराबर स्कोर पर रही उसका नकारात्मक पक्ष ढूंढ पाना मुश्किल है। इस विश्व कप टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड ने कुछ गलत नहीं किया। बुरी किस्मत और खराब फैसलों ने कीवी टीम को पहला खिताब जीतने से रोक दिया। न्यूजीलैंड निश्चित तौर पर इस विश्व कप की हकदार थी।

फाइनल मैच खत्म हो जाने और इंग्लैंड को विजेता को घोषित किए जाने के बाद भी मैच के कई पहलुओं और उनसे जुड़े फैसलों पर चर्चा जारी है। सोशल मीडिया पर फैंस और समीक्षकों के बीच बहस भी चल रही है। हालांकि इससे विश्व कप ट्रॉफी पर छपा नाम बदल नहीं जाएगा लेकिन लोग इस मैच को हमेशा याद रखेंगे, एक ऐसे फाइनल के तौर पर जहां कोई भी टीम हारी नहीं लेकिन एक को विजेता घोषित कर दिया गया।

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