विश्व कप का बिगुल बजने वाला है। क्रिकेट के इस महाकुंभी को शुरू होने में अब महज 10 दिन का ही वक्त बचा है। टीम इंडिया 23 मई को इंग्लैंड जाने के लिए भारत से रवाना होगी। 30 मई से वर्ल्ड कप का आगाज होगा, लेकिन इससे पहले 25 मई को भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला प्रैक्टिस मैच खेलेगी।
विश्व कप में टीम इंडिया का रिकॉर्ड शानदार रहा है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर इस टूर्नामेंट में कुल 27 छक्के लगा चुके हैं। वहीं, विंडीज के क्रिस गेल और साउथ अफ्रीका के एबी डीविलियर्स छक्के लगाने के मामले में शीर्ष पर कायम हैं। आइये डालते हैं विश्व कप से जुड़े छक्कों के रिकॉर्ड पर एक नजर:-
एबी डीविलियर्स: मिस्टर 360 डिग्री के नाम से मशहूर साउथ अफ्रीका के स्टार बल्लेबाज एबी डीविलियर्स भले ही मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय नहीं हों, लेकिन आज में 50 ओवरों के वर्ल्ड कप में सर्वाधिक छक्कों का रिकॉर्ड संयुक्त रूप से उन्हीं के नाम है। साल 2007 में करियर का पहला विश्व कप खेलने वाले डीविलियर्स अपनी टीम को कभी विश्व चैंपियन तो नहीं बना पाए, लेकिन फैन्स आज भी विस्फोटक पारियों के लिए उन्हें याद करते हैं।
डीविलियर्स ने 2015 में अपना आखिरी विश्व कप खेला था। इस दौरान इस टूर्नामेंट में खेले 23 मैचों की 22 पारियों में उन्होंने 37 छक्के लगाए। उन्होंने विश्व कप में 63.52 की औसत से 1,207 रन बनाए हैं।
क्रिस गेल: बात जब छक्कों की हो और वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल का नाम नहीं लिया जाए, ऐसा कैसे हो सकता है। भाग कर रन लेने से ज्यादा गेल छक्कों और चौकों से रन बटोरने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने डीविलियर्स के बराबर ही वर्ल्ड कप में 37 छक्के लगाए हैं। इस कीर्तिमान तक पहुंचने में उन्होंने डीविलियर्स से तीन मुकाबले ज्यादा यानी कुल 26 मैच खेले हैं।
क्रिस गेल अभी भी वनडे क्रिकेट में सक्रिय हैं और इस बार अपने करियर को पांचवां और आखिरी विश्व कप खेलने जा रहे हैं। गेल की तमन्ना है कि वो अपने आखिरी विश्व कप में विंडीज को विश्व चैंपियन बनाए। उनके पास छक्कों के मामले में डीविलियर्स से आगे निकलने का सुनहरा मौका है।
2015 विश्व कप में उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 215 रन की नाबाद पारी खेली थी। ये विश्व कप में किसी भी खिलाड़ी का दूसरा दोहरा शतक है। उन्होंने अपनी पारी में 16 छक्के लगाए थे। विश्व कप के इतिहास में एक मैच में ये सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी है।
रिकी पोंटिंग: अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को दो बार विश्व चैंपियन (वर्ष 2003 और 2007) बनाने वाले कप्तान रिकी पोंटिंग छक्कों के मामले में ज्यादा पीछे नहीं हैं। पोंटिंग ने अपने करियर में 1996 से 2011 तक कुल पांच विश्व कप खेले हैं। इस दौरान 46 मैच खेलकर उन्होंने 31 छक्के लगाए। विश्व कप के इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में पोंटिंग (1,743) मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (2,278) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
ब्रेंडन मैक्कुलम: साल 2016 में अपने वनडे करियर का आखिरी मैच खेलने वाले न्यूजीलैंड के स्टार बल्लेबाज ब्रेंडन मैक्कुलम साल 2002 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय हैं। उन्होंने इस दौरान वर्ल्ड कप में कुल 34 मैच खेले और 29 छक्के लगाए। मैकुल्लम को फैन्स विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर जानते हैं। वनडे विश्व कप में उन्होंने सर्वाधिक 120.84 की स्ट्राइकरेट से रन बनाए। इस मामले में दूसरे नंबर पर एबी डीविलियर्स 117.29 हैं। 1983 विश्व कप के हीरो कपिल देव (115.14) ने भले ही 26 वर्ल्ड मैचों में महज 14 छक्के लगाए हों लेकिन सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरेट के मामले में वो तीसरे स्थान पर हैं।
हर्षल गिब्स: साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज हर्षल गिब्स ने 14 साल लंबे करियर के दौरान 1999, 2003 और 2007 का विश्व कप खेला था। वर्ल्ड कप में खेले 25 मैचों में उन्होंने 56.15 की औसत से 1,067 रन बनाए। गिब्स के बल्ले से इस दौरान 28 छक्के और 106 चौके निकले।
सचिन तेंदुलकर: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला वर्ल्ड कप 1992 में खेला था। इसके बाद से वो साल 2011 तक सभी वर्ल्ड कप का हिस्सा रहे। सचिन वर्ल्ड कप के इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने 45 मैचों में 56.95 की औसत से 2,278 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 27 छक्के लगाए।
सचिन भले ही वर्ल्ड कप में छक्के लगाने के मामले में डीविलियर्स, गेल जैसे खिलाड़ियों से काफी पीछे हों, लेकिन बात जब वर्ल्ड कप में चौके जड़ने की आती है तो उनके सामने कोई दूसरा खिलाड़ी दूर-दूर तक नहीं टिकता। सचिन ने वर्ल्ड कप में सर्वाधिक 241 चौके लगाए हैं। इस मामले में दूसरे स्थान पर 147 चौकों के साथ श्रीलंका के कुमार संगाकार दूसरे स्थान पर हैं।
सौरव गांगुली: भारतीय क्रिकेट के सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने वर्ल्ड कप में कुल 25 छक्के लगाए हैं। गांगुली ने 1999, 2003 और 2007 के विश्व कप में हिस्सा लिया। दादा की कप्तानी में ही भारत 2003 वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुंचा था। उन्होंने वर्ल्ड कप में 21 मैच खेले हैं, जिसमें 55.88 की औसत से 1,006 रन बनाए।
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