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विश्व कप में 6 कप्तानों ने संभाली भारत की कमान, कपिल-धोनी ने बनाया चैंपियन

आईसीसी विश्व कप के 12वें ए़डिशन में टीम इंडिया कमान विराट कोहली के हाथों में होगी। अब तक भारत के 6 कप्तानों को विश्व कप में टीम का नेतृत्व करने का मौका मिला है।

MS Dhoni and Kapil dev with World cup Trophy @ICC FACEBOOK PAGE

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव को सर्वकालिक महान नायकों में गिना जाता है। कपिल की कप्तानी में ही भारत ने पहली बार विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा किया था।

आईसीसी विश्व कप के 12वें ए़डिशन में टीम इंडिया कमान विराट कोहली के हाथों में होगी। अब तक भारत के 6 कप्तानों को विश्व कप में टीम का नेतृत्व करने का मौका मिला है। चलिए हम बतातें हैं उन सभी कप्तानों के बारे में।

श्रीनिवासन वेंकटराघवन (1975-1979)

भारत की तरफ से विश्व कप में बतौर कप्तान उतरे का सबसे पहला गौरव सी वेंकटराघवन को मिला था। 1975 और 1979 में हुए विश्व कप में टीम इंडिया की कप्तानी का जिम्मा वेंकटराघवन को ही सौंपा गया था। दोनों ही विश्व कप में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और वह ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। आठ टीमों की प्रतियोगिता में भारत ने 1975 में तीन मैच खेलकर एक में जीत हासिल की थी। जबकि 1979 में भारत को तीनों में हार मिली थी।

कपिल देव (1983-1987)

विश्व कप में भारतीय टीम की कप्तानी करने का सम्मान ऑलराउंडर कपिल को मिला था। साल 1983 में हुए विश्व कप में भारत ने अपना पहला खिताब जीता था। कपिल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रन की नाबाद पारी खेल भारतीय टीम को टूर्नामेंट की सबसे यादगार जीत दिलाई थी। फाइनल में टीम ने दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज पर जीत हासिल कर नया इतिहास रचा था।

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1987 के विश्वकप में भारतीय टीम कपिल की कप्तानी में सेमीफाइनल तक पहुंची थी। यहां ऑस्ट्रेलिया ने उसे हराया था।

मोहम्मद अजहरुद्दीन (1992-96-99)

विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में लगातार तीन बार भारतीय टीम की कप्तान करने का मौका मोहम्मद अजहरुद्दीन को मिला था। ऐसा करने वाले वह एक मात्र भारतीय कप्तान हैं।

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अजहर की कप्तानी में भारत 1992 विश्व कप के पहले दौर से ही बाहर हो गया था जबकि 1996 में टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई थी। श्रीलंका से मिली शर्मनाक हार के बाद टीम बाहर हुई थी। कोलकाता में हुए इस मैच में दर्शकों के हंगामे की वजह से मैच बीच में ही रोकना पड़ा था। साल 1999 में तीसरी बार विश्व कप में उतरी भारतीय टीम सुपर सिक्स से आगे नहीं बढ़ पाई थी।

सौरव गांगुली (2003)

भारतीय क्रिकेट इतिहास से सफलतम कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने साल 2003 में फाइनल तक का सफर तय किया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार से उससे दूसरी बार विश्व विजेता बनने का सपना टूटा था।

राहुल द्रविड़ (2007)

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 2007 का विश्व कप एक बुरे सपने जैसा था। राहुल द्रविड की कप्तानी में वेस्टइंडीज पहुंची टीम पहले दौर से ही हार कर बाहर हो गई थी। सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली और युवराज सिंह जैसे धुरंधर खिलाड़ियों के होने के बाद भी टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।

एमएस धोनी (2011-2015)

कपिल देव के बाद विश्व विजेता बनने के कारनामें को भारतीय टीम साल 2011 में दोबारा अंजाम दिया। कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी, टीम ने मुंबई की घरेलू दर्शकों के बीच फाइनल में श्रीलंका पर जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया था। श्रीलंका पर मिली 6 विकेट की जीत में कप्तान धोनी की 91 रन की पारी अहम थी। धोनी ने शानदार छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद विश्व चैंपियन बनाया था।

साल 2015 का विश्व कप में भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था। सेमीफाइनल तक भारतीय टीम ने एक भी मैच नहीं गंवाया था लेकिन सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों टीम को 95 रन की बड़ी हार मिली और उसके लगातार दूसरे विश्व कप जीतने का सपना टूट गया।

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