बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के भारतीय सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने अपने पसंदीदा खिलाड़ी और दिग्गज क्रिकेटर वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) के अंदाज में छक्के के साथ दोहरा शतक जड़ कई बड़े रिकॉर्ड बना दिए हैं।
मयंक के इस दोहरे शतक ने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में भारत की ओर से एक और शानदार कीर्तिमान दर्ज किया। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम की ओर से एक खिलाड़ी ने लगातार चार टेस्ट मैचों में दो दोहरे शतक लगाए हों।
मयंक ने दिन के आखिरी सेशन में स्पिनर मेहदी हसन की पांचवीं गेंद पर लॉन्ग ऑन की तरफ छक्का लगाकर 200 का आंकड़ा पार किया। टेस्ट क्रिकेट में मयंक का ये दूसरा दोहरा शतक है। उन्होंने इसी साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वाइजैग टेस्ट में 215 रन बनाए थे।
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मयंक सबसे कम पारियों में दो दोहरे शतक बनाने के मामले में दूसरे खिलाड़ी हैं। उन्होंने 12 पारियों के बीच दो दोहरे शतक जड़े हैं। इस सूची में पहला नाम पूर्व भारतीय बल्लेबाज विनोद कांबली है जिन्होंने मात्र पांच टेस्ट पारियों के अंदर दो दोहरे शतक बनाए थे।
इस पारी के साथ मयंक बतौर भारतीय सलामी बल्लेबाज सर्वाधिक दोहरे शतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। इस सूची में पहला नाम विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग (6) का है और दूसरे नंबर पर महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर (3) हैं।
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108वें ओवर में मयंक मेहदी हसन के ही शिकार बने। उन्होंने 330 गेंदो पर 28 चौकों और 8 छक्कों की मदद से 243 रन पारी बनाए जो कि टेस्ट क्रिकेट में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी है। साथ ही ये बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में भारत की ओर से बना दूसरा सबसे बड़ा निजी स्कोर है। साल 2005 में ढाका टेस्ट में सचिन तेंदुलकर के बनाए नाबाद 248 रन बांग्लादेश के खिलाफ किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर है।