भारतीय टीम सीरीज में पहले से ही 3-0 से बढ़त बनाए हुए है © AFP
इस सीरीज में जिस तरह का दबदबा टीम इंडिया ने इंग्लैंड पर दिखाया है उस तरह का दबदबा वह इस टीम पर अपने 84 सालों के इतिहास में कभी नहीं दिखा पाई। भारत ने इस सीरीज में फतह की शुरुआत मोहाली टेस्ट से की थी जहां कुचलने के बाद टीम इंडिया ने इंग्लैंड की विशाखापत्तनम में धुलाई की और बाद में मुंबई में लगातार तीसरी जीत दर्ज करते हुए सीरीज में 3-0 से अजेय बढ़त दर्ज कर ली। विराट कोहली ने इस सीरीज में रनों का अंबार लगा दिया है और वह भारत की ओर से एक सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने के रिकॉर्ड के इर्द गिर्द खड़े नजर आ रहे हैं। कोहली के नाम इस सीरीज में 640 रन दर्ज हो चुके हैं और वह सुनील गावस्कर के 774 रनों के रिकॉर्ड से कुछ ज्यादा पीछे नहीं हैं। इस तरह टीम इंडिया इस साल का अंत चेन्नई में खेले जाने वाले अंतिम टेस्ट मैच को जीतकर करना चाहेगी ताकि वह सीरीज को 4-0 से जीतते हुए क्रिकेट इतिहास में पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ इतनी बड़ी जीत दर्ज करे। वहीं बात करें इंग्लैंड की तो बांग्लादेश और भारत दौरे को छोड़ दिया जाए तो यह साल उनके लिए मिला जुला रहा है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीती थी और श्रीलंका को घरेलू सीरीज में हराया था। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में 2-2 से बराबरी की थी।
भारत के खिलाफ सीरीज का पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच चेन्नई में खेला जाएगा, जो टीम इंडिया के लिए सौभाग्यशाली रहा है। इस मैदान पर टीम इंडिया ने अब तक कुल 31 मैच खेले हैं जिनमें उन्हें 13 में जीत मिली है। वहीं इंग्लैंड ने इस मैदान पर खेले 8 टेस्ट मैचों में 3 में जीत दर्ज की है। पहले तीन मैच जीतने के बाद भारत मनोवैज्ञानिक तौर पर इंग्लैंड से आगे तो है ही लेकिन इंग्लैंड अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखते हुए अंतिम मैच जरूर जीतना चाहेगा। हो सकता है कि बतौर कप्तान यह एलिस्टेयर कुक का अंतिम टेस्ट हो। क्योंकि कई रिपोर्टस में ये बताया गया है कि इस सीरीज के बाद कुक अपनी कप्तानी त्याग सकते हैं और जो रूट टीम के नए कप्तान बन सकते हैं। भारत बनाम इंग्लैंड, पांचवां टेस्ट, चेन्नई, फुल स्कोरकार्ड जानने के लिए क्लिक करें…
राजकोट टेस्ट को छोड़ दिया जाए तो टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं, इंग्लैंड की बात करें तो उनके ज्यादातर खिलाड़ी खराब फिटनेस से जूझ रहे हैं। टीम के खिलाड़ी स्टुअर्ट ब्रॉड, हसीब हमीद, जफर अंसारी, क्रिस वोक्स और जेम्स एंडरसन चोटिल हैं और यही कारण है कि एक सशक्त इंग्लैंड टीम भारत के खिलाफ बड़ी चुनौती पेश नहीं कर पाई है। ब्रॉड ने विशाखापत्तनम में जहां बढ़िया गेंदबाजी की थी वहीं हमीद ने ने मोहाली में कमाल दिखाया था।
इंग्लैंड की वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या खुद कुक हैं बतौर बल्लेबाज भी और बतौर कप्तान भी। इस सीरीज में वह बल्ले से फीके साबित हुए हैं और विशाखापत्तनम में 54 रन बनाने के बाद से वह कोई बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाए हैं। वहीं कुक जिस तरह की अंतिम एकादश का चुनाव कर रहे हैं उसको लेक भी क्रिकेट पंडित उनकी खूब आलोचना कर रहे हैं। मुंबई टेस्ट में उन्होंने स्पिन की जगह तेज गेंदबाजों को शामिल कर लिया था। गौर करने वाली बात थी कि यह एक स्पिन ट्रेक था और स्पिनर इस पिच पर ज्यादा असर दिखा सकते थे। [ये भी पढ़ें: चेन्नई में खेले जाने वाले पांचवें टेस्ट से बाहर हुए जेम्स एंडरसन]
ऐसे में चेन्नई टेस्ट में इंग्लैंड को एक अतिरिक्त बल्लेबाज और तीसरे स्पिनर के साथ उतरना चाहिए। क्योंकि हाल ही में आए साइक्लॉन तूफान के कारण पिच के पूरी तरह से तैयार न होने की आशंकाएं हैं। युवा वेन डॉयसन को गैरेथन बैटी की जगह टीम में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं अगर ब्रॉड फिट होते हैं तो उन्हें टीम में चोटिल एंडरसन की जगह शामिल किया जाना चाहिए। वहीं इंग्लैंड को जेक बॉल को बाहर करते हुए बेन डकेट को टीम में शामिल करना चाहिए ताकि उनकी बल्लेबाजी को ज्यादा गहराई मिले। वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया को इस टेस्ट से पहले कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। एक ओर जहां ओपनर केएल राहुल रन नहीं बना पा रहे हैं वहीं पार्थिव पटेल की बैटिंग पोजीशन फिक्स नहीं है। वहीं मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली एक बार फिर से नए रिकॉर्ड बनाने को लेकर लालायित होंगे।
इसके अलावा भारतीय टीम बड़ी कमी खराब फील्डिंग भी है। भारतीय टीम ने सीरीज में कई आसान कैच छोड़े हैं। जैसा कि टीम इंडिया का सबसे बेहतरीन कैचर रहाणे चोटिल है तो ऐसे में इस क्षेत्र में कोहली और जडेजा को अगुआई करनी होगी। गौरतलब है कि टीम इंडिया जबसे टेस्ट क्रिकेट खेल रही है तबसे वह इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में 4-0 से मात नहीं दे पाई है ऐसे में टीम इंडिया चेन्नई टेस्ट में 4-0 से जीत दर्ज करते हुए ये रिकॉर्ड मुकम्मल करना चाहेगी। इससे पहले टीम इंडिया ने 1992- 93 में अजहरुद्दीन की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। उस सीरीज में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। वहीं, इंग्लैंड की बात करें तो वह इंडिया के खिलाफ 4-0 और यहां तक कि 5-0 से भी जीत दर्ज कर चुका है। इंग्लैंड ने साल 1959 में भारत के खिलाफ जहां 5-0 से सीरीज जीती थी। वहीं साल 2011 में इंग्लैंड ने अपने ही घर में भारत को 4-0 से हराया था।
टीमें:
भारत: विराट कोहली(कप्तान), पार्थिव पटेल(विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, अमित मिश्रा, जयंत यादव, भुवनेश्वर कुमार, मनीष पांडे, करुण नायर, चेतेश्वर पुजारा, केएल राहुल, ईशांत शर्मा, मुरली विजय, उमेश यादव।
इंग्लैंड: एलिस्टेयर कुक(कप्तान), जोस बटलर(विकेटकीपर), जॉनी बेयरस्टो(विकेटकीपर), जो रूट, बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स, बेन डकेट, जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, मोइन अली, जेक बॉल, गैरी बैलेंस, गैरेथ बैटी, लियाम डॉसन, स्टीवन फिन, कीटन जेनिंग्स, आदिल राशिद।
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