पार्थिव पटेल और केएल राहुल ने पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी निभाई © IANS
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पांचवें टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत के दोनों सलामी बल्लेबाजों ने अर्धशतक जड़ इंग्लैंड को करारा जवाब दिया है। के एल राहुल और पार्थिव पटेल ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए शानदार अर्धशतक जड़ा और दोनों ने पहले विकेट के लिए पार्थिव पटेल के साथ शतकीय साझेदारी निभाई। पिछली 32 पारियों में ये पहली बार देखने को मिला है जब पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई है। पिछली बार भारतीय टीम की ओर से ओपनिंग विकेट के लिए शतकीय साझेदारी मुरली विजय और शिखर धवन ने बांग्लादेश के खिलाफ साल 2015 में निभाई थी। इस मैच में दोनों ने शतक जड़े थे और पहले विकेट के लिए 283 रन जोड़े थे। साफ है सलामी जोड़ी के लगातार फ्लॉप होने के बाद भारत के लिए इस जोड़ी ने राहत भरी खबर दी है।
वहीं पांचवें टेस्ट के तीसरे दिन दोनों बल्लेबाजों ने अपने-अपने अर्धशतक पूरे कर लिए हैं। पार्थिव पटेल और केएल राहुल की जोड़ी ने तीसरे दिन की शुरुआत से आक्रामक रुख अख्तियार किया और इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और शानदार खेल दिखाते हुए शतकीय साझेदारी कर डाली। भारत के लिए यह यह शतकीय साझेदारी 31 पारियों के बाद आई है। साफ है भारत को हमेशा अच्छी शुरुआत का जो मलाल रहता था वह फिलहाल इस पारी में खत्म हो गया है। आइए आपको बताते हैं भारत को शतकीय साझेदारी के लिए कब कितनी पारियों का इंतजार करना पड़ा। भारत बनाम इंग्लैंड पांचवें टेस्ट मैच के लाइव ब्लॉग को पढ़ने के लिए क्लिक करें
साल 1961-1966 के बीच शतकीय साझेदारी के लिए 42 पारियों का इंतजार करना पड़ा था। इसके बाद साल 1987 से 1990 के बीच भारत को पहले विकेट के लिए 100 रनों की पार्टनरशिप के लिए 39 पारियों का इंतजार करना पड़ा। वहीं साल 1952 से लेकर साल 1955 तक भारत को पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी के लिए 37 पारियों का इंतजार करना पड़ा। वहीं साल 2010 से लेकर साल 2012 तक भारत को शतकीय साझेदारी के लिए 34 पारियों का इंतजार करना पड़ा। वहीं साल 1967-969, 1995-1997 और साल 2015 से 2016 के बीच भारत को शतकीय साझेदारी के लिए 32 पारियों का इंतजार करना पड़ा।
साफ है भारत के पास कई बेहतरीन सलामी बल्लेबाज मिले लेकिन शतकीय साझेदारी के लिए टीम को लंबा इंतजार करना पड़ता है। मौजूदा सीरीज की बात करें तो पांच मैचों में भारत ने चार सलामी जोड़ियों का इस्तेमाल किया है। लोकेश राहुल और पार्थिव पटेल की जोड़ी इस सीरीज की सातवीं ओपनिंग जोड़ी है। इस सीरीज में भारत की कुल 4 ओपनिंग जोड़ियां मैदान पर उतर चुकीं हैं तो वहीं इंग्लैंड की तरफ से तीन ओपनिंग जोड़ियां उतर चुकीं हैं। किसी टेस्ट सीरीज में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सलामी जोड़ी को इतनी बार बदला गया हो। भारत ने इस सीरीज में अब तक मुरली विजय-गौतम गंभीर, पार्थिव पटेल-मुरली विजय, मुरली विजय-के एल राहुल, के एल राहुल-पार्थिव पटेल के रूप में चार सलामी बल्लेबाजों का इस्तेमाल किया।
पहले मैच की पहली पारी में गौतम गंभीर और मुरली विजय के बीच 68 रनों की साधझेदारी हुई थी। तो वहीं दूसरी पारी में भारत का पहला विकेट शून्य पर ही गिर गया था। वहीं दूसरे मैच में भारत ने सलामी जोड़ी में बदलाव किया और मुरली विजय-लोकेश राहुल को आजमाया। भारत के हाथ फिर से निराशा लगी और पहली पारी में पहला विकेट सिर्फ 6 रनों पर ही गिर गया। वहीं दूसरी पारी में भारत का पहला विकेट 16 रनों पर गिर गया। वहीं तीसरे मैच में सलामी जोड़ी में फिर बदलाव देखने को मिला और मुरली विजय-पार्थिव पटेल की जोड़ी को आजमाया गया। इस मैच में पहली पारी में भारत का पहला विकेट 39 रनों पर ही गिर गया। वहीं दूसरी पारी में भारत का पहला विकेट 7 रनों पर ही गिर गया। चौथो टेस्ट मैच में भारत का पहला विकेट 39 रनों पर गिर गया था। साफ है लंबे अरसे से भारत को पहले विकेट के लिए अच्छी शुरुआत का इंतजार था। आखिरी टेस्ट की पहली पारी में भारत ने फिर से सलामी जोड़ी को बदला और इस बार भारत को सफलता मिल गई।
दोनों खिलाड़ियों ने पहले विकेट के लिए 152 रनों की साझेदारी की। पार्थिव पटेल ने आउट होने से पहले 71 रनों की पारी खेली। लेकिन दोनों खिलाड़ियों ने भारत को एक मजबूत शुरुआत दी। साफ है लगातार सलामी जोड़ी में बदलाव कर रही भारतीय टीम को आने वाले मैचों में उसी जोड़ी के साथ जाना चाहिए जो उन्हें अच्छी शुरुआत दे। पहली बार ओपनिंग की कमान संभाल रहे पार्थिव और राहुल ने पहले ही मौके में भारत को बेहतरीन शुरुआत दी है। अब देखना ये होगा कि क्या टीम प्रबंधन आने वाले मैचों में इस सलामी जोड़ी को और आजमाएगा या नहीं। साफ है सलामी जोड़ी वो होनी चाहिए जो टीम को टीम को एक अच्छी और मजबूत शुरुआत दे।