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कमाल, बवाल, सवाल और अब बेमिसाल, हार्दिक पंड्या के करियर में आए कई पड़ाव

हार्दिक को टीम की कमान मिली है। दौरा भला ही छोटा हो। टीम भले ही आयरलैंड हो। लेकिन संदेश साफ है। हार्दिक को उनकी मेहनत का इनाम मिला है।

बुधवार को बीसीसीआई ने आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम की घोषणा की। हार्दिक पंड्या के हाथ में टीम की कमान है। पंड्या के लिए यह करियर का सुनहरा दौर है। आईपीएल की ट्रॉफी जीती है। और फॉर्म शानदार चल रहा है। ऐसे में एक नजर डालते हैं हार्दिक के करियर के पड़ावों पर। कमाल, बवाल, सवाल और फिर बेमिसाल हार्दिक पंड्या बनने पर…

साल था 2019। हार्दिक पंड्या का बिंदास अंदाज उन्हें बहुत भारी पड़ा। एक टीवी शो पर उन्होंने कुछ ऐसी बातें कहीं, जो न सिर्फ गैर-जरूरी थीं बल्कि आपत्तिजनक भी। पंड्या टीम से बाहर हुए। साथ ही केएल राहुल भी। लेकिन सवाल पंड्या के एटिट्यूड पर उठे। लगातार उठे। उनका बिंदासपन कई बार सीमाएं लांघता। और उस पर चोट ने करियर पर सवाल उठाने शुरू किए। वह ऑलराउंडर जिसे कपिल देव का उत्तराधिकारी कहा जा रहा था, उसके आगे प्रश्नवाचक चिह्न लगने लगा। पर पंड्या लौटे, और क्या कमाल लौटे।

हार्दिक बने थे कमाल…
पंड्या का सफर कैसा रहा है, इसके लिए आपको थोड़ा फ्लैशबैक में जाना होगा। साल 2015 की बात थी जब वह नीली जर्सी पहनकर पहली बार मैदान पर उतरे। यह नीली जर्सी मुंबई इंडियंस की थी। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम का हिस्सा थे पंड्या। छरहरा सा बदन। मीडियम पेस गेंदबाजी और लोअर ऑर्डर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी। इन्हीं के चलते ही तो उन्हें कमाल कहा जा रहा था। भारत का अगला कपिल देव। पंड्या के लिए सब अच्छा चल रहा था।

बल्ले से रन बरस रहे थे और गेंदबाजी में दिख रहा था प्रभाव। और उस पर चपलता भरी फील्डिंग। कुल मिलाकर हार्दिक पंड्या सीमित ओवरों के फॉर्मेट में टीम का अहम हिस्सा बने। वह भारतीय टीम के लिए आखिरी ओवर फेंक रहे थे और बांग्लादेश के खिलाफ उस मुकाबले में जीत भी दिला रहे थे। धोनी और रोहित- दो कूल कप्तान उन्हें निखार, संवार और तैयार कर रहे थे। हार्दिक को टेस्ट में भी मौका मिला। पर… कमाल के बाद नंबर आया बवाल का।

बवाल…
बवाल जो कामयाब आदमी के साथ चलता है। और समझदार आदमी इसे अच्छी तरह जानता है। हर बड़े खिलाड़ी को पता होता है, खास तौर पर भारत में, कि मैदान पर उसके खेल पर जितनी निगाहें होती हैं, मैदान के बाहर उसके व्यवहार पर उससे कहीं ज्यादा। यहां खिलाड़ी सिर्फ खेल नहीं बल्कि बाकी चीजों के लिए भी जिम्मेदार है।

जीवन में अहंकार की कोई जगह नहीं। और खेल में तो बिलकुल नहीं। यहां अहंकार को बर्दाश्त नहीं किया जाता। पंड्या की बातों से लोगों को यही लगा। पैर पर पैर रख और सोफे पर बाहें फैलाकर बैठना लोगों को अखरने लगा। और उस पर पंड्या ने शो में ऐसी बातें कही, जिसने बीसीसीआई को ऐक्शन लेने पर मजबूर किया। पर पंड्या उससे दुखी थे। इतने दुखी कि उन्होंने कोच को वायदा किया कि अब वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे। उनके कोच ने एक अंग्रेजी अखबार को इसके बारे में बताया। बचपन के कोच को इस बात की खुशी थी कि हार्दिक अपनी बात पर कायम है।

स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर और सवाल…
शोएब अख्तर ने एक शो में कहा था- ‘मैंने हार्दिक से कहा था कि मसल डेवलप कर। तेरी कमर के पास बिलकुल मांसपेशी नहीं है। बोलिंग करने मांसपेशियों पर असर पड़ता है और जब मसल नहीं होंगी तो हड्डियों पर जोर पड़ेगा।’ शायद हार्दिक के साथ यही हुआ। यह तो विशेषज्ञ बेहतर बता सकेंगे लेकिन हार्दिक की पीठ की चोट रह-रहकर सामने आई। एशिया कप में वह स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर गए। यह एक डराने वाली तस्वीर थी। एक युवा खिलाड़ी का यूं मैदान से बाहर जाना तकलीफदेह है। और उस पर जिससे इतनी उम्मीदें वाबस्ता हों।

और गहराते सवाल…
हार्दिक ने मेहनत की फिटनेस हासिल की और मैदान पर लौटे। लेकिन सिर्फ बतौर बल्लेबाज। गेंदबाजी से वह बच रहे थे। वह बोलिंग फिट नहीं थे। हार्दिक ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से कमाल किया लेकिन सवाल मैच-दर-मैच और सीरीज-दर-सीरीज बड़ा होता गया। क्या, सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर हार्दिक की जगह बनती है? इन्हीं सवालों के चलते-चलते टी20 वर्ल्ड कप 2021 आ गया। हार्दिक ने यहां भी बॉलिंग नहीं की। सवाल और गहरा हुआ। इस बीच आईपीएल में वेंकटेश अय्यर जैसे खिलाड़ी सामने आए। कहीं भी बल्लेबाजी में माहिर और गेंदबाजी में भी उपयोगी। हार्दिक पर एक और सवाल खड़ा हुआ। पर हार्दिक लगे रहे…

और फिर आया उनके बेमिसाल बनने का वक्त
साल 2022 में हार्दिक मुंबई इंडियंस के साथ नहीं थे। टीम ने उन्हें रिलीज किया और हार्दिक पहुंचे नई नवेली टीम गुजरात टाइटंस के साथ। टीम नई और जिम्मेदारी बड़ी। हार्दिक को टीम की कमान मिली थी। पहली बार वह किसी टीम के कप्तान बने। और वह भी दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग में। उस लीग में जिसने उन्हें पहचान दी। नाम दिया और मंच दिया खुद को साबित करने का। पर उन्हें शायद इसी मौके का इंतजार था।

मैच-दर-मैच हार्दिक बेहतर होते गए। लगा वह जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं। बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आए। सिर्फ फिनिशर नहीं, पारी बनाने और संवारने का काम किया। टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में शामिल रहे। और साथ ही उन अटकलों का भी जवाब दिया जो उनकी गेंदबाजी के गिर्द उठ रही थीं। उन्होंने बोलिंग की। 2-3 ओवर लगभग लगातार। और इसके बाद फाइनल में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ फाइनल में चार ओवर किए। तीन विकेट लिए। टीम को चैंपियन बनाया। गुजरात की टीम नई थी लेकिन उसने मिसाल कायम की।

अब हार्दिक के बयानों में ठहराव नजर आता है। वह कैमरे पर पहले से ज्यादा संयमित होकर बोलते हैं। शारीरिक भाषा भी संभली हुई है। हार्दिक बदल रहे हैं। उनका एटिड्यूड बदल रहा है। यह उनके लिए और भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत है।

अब हार्दिक टीम इंडिया के कप्तान होंगे। आयरलैंड दौरे पर जाने वाली टी20 टीम उनकी अगुआई में जा रही है। मैच दो ही हैं लेकिन इरादा एक। हार्दिक के प्रदर्शन को सराहना। उम्मीद है कि हार्दिक इस मौके का भी पूरा फायदा उठाएंगे।

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