इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की जब शुरुआत हुई थी उस समय किसी ने भी शायद यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन यह टी20 टूर्नामेंट दुनिया के सबसे लोकप्रिय लीग में से एक होगा। इस लीग के पहले एडिशन का आयोजन साल 2008 में किया गया था।
आज से ठीक 12 साल पहले आईपीएल के शुरुआती एडिशन का फाइनल मजबूत चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया जहां शेन वॉर्न की रॉयल्स टीम ने बाजी मारी।
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राजस्थान रॉयल्स ने शेन वॉर्न की कप्तानी में पहला आईपीएल खिताब जीतकर करोड़ों फैंस का दिल जीत लिया था। रॉयल्स ने फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली चेन्नई सुपर किंग्स को 3 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया था।
वॉर्न ने टॉस जीतकर धोनी की टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतारा। चेन्नई ने 5 विकेट पर 163 रन का स्कोर खड़ा किया। उसकी ओर से सुरेश रैना ने सर्वाधिक 43 रन बनाए जबकि ओपनर पार्थिव पटेल ने 38 रन की पारी खेली। कप्तान धोनी 29 रन पर नाबाद रहे। राजस्थान की ओर से यूसुफ पठान ने सर्वाधिक 3 विकेट चटकाए।
राजस्थान को आखिरी गेंद पर इस तरह से मिली जीत
164 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उसने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए। एक समय टीम 42 के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद शेन वॉटसन और पठान ने पारी को संभाला। अंतिम ओवर में राजस्थान को जीत के लिए 8 रन की जरूरत थी।
चेन्नई की ओर से लक्ष्मीपति बालाजी ओवर डालने आए। राजस्थान की टीम 7 विकेट पर 156 रन बना चुकी थी। क्रीज पर थे कप्तान वॉर्न और दूसरे छोर पर सोहेल तनवीर।
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तनवीर ने पहली गेंद पर सिंगल लिया। दूसरी गेंद पर वॉर्न ने कोई रन नहीं लिया। तीसरी गेंद पर वॉर्न ने एक रन लेकर छोर बदला। इसके बाद बालाजी ने दो वाइड गेंदें डाली। चौथी गेंद पर एक रन बना। पांचवीं गेंद पर तनवीर ने दो रन पूरे किए। आखिरी गेंद पर एक रन तेजी से भागकर तनवीर ने राजस्थान को मैच और खिताब दोनों दिला दिए।
तनवीर बने पर्पल कैपधारी
यूसुफ को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। राजस्थान टीम में शामिल पाकिस्तानी गेंदबाज सोहेल तनवीर को टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट झटकने के कारण पर्पल कैप से नवाजा गया।