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जब युवराज सिंह की विस्फोटक पारी के दम पर भारत ने 24 साल बाद विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराया

जब युवराज सिंह की विस्फोटक पारी के दम पर भारत ने 24 साल बाद विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराया

टीम इंडिया ने 24 मार्च 2011 को ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप सेमीफाइनल मैच में 5 विकेट से हराया था।

Updated: March 24, 2020 2:37 PM IST | Edited By: Gunjan Tripathi
24 मार्च 2011, एक ऐसा दिन जब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम ने वो कारनामा कर दिखाया था जिसे पिछले 24 सालों में कोई और भारतीय टीम नहीं कर पाई थी। लेकिन इस जीत के नायक धोनी नहीं थे, इस जीत की तस्वीर को अपने बल्ले से रंगने वाले कलाकार थे युवराज सिंह। टीम इंडिया की विश्व कप 2011 खिताबी जीत के नायक रहे युवराज ने फाइनल मैच से पहले एक ऐसी पारी खेली थी, जिसने भारतीय टीम के 24 साल के इतिहास को बदल दिया।

आज के ही दिन ठीक 9 साल पहले अहमदाबाद के मोंटेरा स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल मैच में जब भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना करने उतरी तो 90 के दशक के हर भारतीय फैन के जेहन में 2003 विश्व कप फाइनल मैच की कड़वी यादें आने लगी। और जब पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज बल्लेबाज रिकी पॉन्टिंग ने धमाकेदार शतक जड़ा तो भारतीय फैंस को एक बार अपना विश्व कप जीतने का सपना टूटता दिखने लगा।

2003 विश्व कप फाइनल मैच में 140 रन की नाबाद पारी खेलने वाले पॉन्टिंग ने बतौर कप्तान इस मैच में 118 गेंदो पर 104 रन जड़े। जिसकी मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट पर 260 रन का स्कोर खड़ा किया।

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सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग वाले भारतीय क्रम के लिए ये स्कोर खास मुश्किल नहीं था लेकिन शेन वॉटसन और शॉन टेट ने इस भारतीय सलामी जोड़ी को 20 ओवर के अंदर पवेलियन वापस भेजकर भारतीय खेमे की परेशानियां बढ़ा दीं।

अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट खेल रहे विराट कोहली ने फॉर्म में चल रहे गौतम गंभीर के साथ मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन 24 रन बनाकर टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान भी पवेलियन लौट गए। कोहली के आउट होने के बाद गंभीर भी ज्यादा देर नहीं टिके और अर्धशतक बनाकर रन आउट हो गए।

143 रन पर तीन विकेट गिरने के बाद मैदान पर उतरे युवराज ने सुरेश रैना के साथ मिलकर टीम इंडिया की कमान संभाली। चौके-छक्कों के साथ युवराज ने पारी की गति बढ़ाई और रैना के साथ मिलकर 74 रन की मैचविनिंग साझेदारी बनाई। यूवी ने क्वार्टर फाइनल मैच में ब्रेट ली और मिशेल जॉनसन जैसे दिग्गज तेज गेंदबाजों के खिलाफ बड़े शॉट लगाकर रन बटोरे। ली के 40वें ओवर में तो यूवी-रैना ने मिलकर 14 रन निकाले और भारत को जीत के करीब ले गए।

48वें ओवर में ब्रेट ली की चौथी गेंद पर चौका लगाकर युवराज ने ना केवल टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया का सफर खत्म किया बल्कि 1999 के बाद पहली बार विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत के सूत्रधार बने। टीम इंडिया की ये जीत आगे चलकर 28 साल बाद पहला वनडे विश्व कप जीतने का आधार बनी। साथ ही इस मैच ने 2003 विश्व कप फाइनल की कड़वी यादों को भी मिटा दिया।
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