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पाकिस्तानी-अफगानी रिफ्यूजी बदल रहे हैं स्वीडन क्रिकेट की तस्वीर

पूर्व पाकिस्तान क्रिकेटर मोहम्मद वसीम स्वीडन राष्ट्रीय टीम के कोच हैं।

SWEDEN CRICKET TEAM

फोटो साभार: @Swedish_Cricket

पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए रिफ्यूजियों की वजह से स्वीडन में क्रिकेट को एक नया रंग रूप मिल रहा है। इस स्कैंडेवियन देश में आईस हॉकी सबसे बड़ा खेल है लेकिन पिछले कुछ सालों में क्रिकेट ने यहां अपनी खास जगह बना ली है। एएफपी को दिए बयान में स्वीडिश क्रिकेट फेडरेशन के चेयरमैन तारिक ज़ुवाक ने कहा, “तीन चार साल पहले, स्वीडन में कुछ 13 क्लब थे और खिलाड़ी भी 600-700 ही थे।” जहां कभी 600-700 क्रिकेटर हुआ करते थे, वहीं आज 2000 से ज्यादा खिलाड़ी हैं। जिसमें से आधे अफगानिस्तान, पाकिस्तान से आए प्रवासी है जो नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं 18 साल के सईद अहमद।

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अहमद 2015 में अफगानिस्तान से स्वीडन आए थे। अपने सफर के बारे में बात करते हुए अहमद ने कहा, “ये बेहद मुश्किल था।” जलालाबाद के नांगरहार से आने वाले अहमद ने आगे कहा, “मैने यहां कई दोस्त बना लिए हैं, जो मेरी ही तरह अफगानिस्तान से आए हैं।” फिलहाल अहमद जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड में होने वाले अंडर-19 विश्व के क्वालिफायर मैचों की तैयारी कर रहे हैं।

जुवाक बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में खिलाड़ियों की संख्या में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। साल 2012 से अब तक स्वीडन को 400,000 शरणार्थियों के आवेदन मिले थे, जिसमें से 162,000 रिकॉर्ड आवेदन 2015 में आए थे। आवेदन करने वाले शरणार्थियों में हर आठवां शख्स अफगानिस्तान से है। क्रिकेट अफगानिस्तान से स्वीडन आने वाले युवाओं को घर-परिवार से दूर रहने में मदद करता है। जुवाक ने कहा, “बच्चे अपने परिवार को याद करते हैं और आश्रय प्रक्रिया के बारे में सोचकर परेशान होते रहते हैं लेकिन जब वो क्रिकेट खेलते हैं तो उनके दिमाग में खुशी के अलावा और कुछ नहीं होता है।”

स्वीडन की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम फिलहाल कोच और पूर्व पाकिस्तान क्रिकेटर मोहम्मद वसीम के मार्गदर्शन में 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी विश्व टी20 के क्वालिफायर खेलने की तैयारी कर रही है।

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