क्रिकेट को जेंटलमैन गेम क्यों और किसलिए कहा जाता है इसका जीत जागता उदाहरण हैं राहुल द्रविड़। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मैदान के अंदर और बाहर अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। द्रविड़ अपने करियर में शायद ही कभी मैदान पर आपा खोते देखे गए होंगे लेकिन उनकी पत्नी में हाल ही में एक ऐसा वाकए का खुलासा किया जहां मिस्टर डिपेंडेबल भी अपना आपा खो बैठे थे। राहुल की पत्नी विजेता द्रविड़ ने बताया कि द्रविड़ ने गुस्से में आकर ड्रेसिंग रूम में रखी कुर्सी को पटक दिया था।
यह वाकया साल 2006 का है जब इंग्लैंड भारत दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रहा था। पहला मैच ड्रॉ होने के बाद दूसरा टेस्ट जीतकर भारत सीरीज में 1-0 से आगे चल रहा था। सीरीज का तीसरा मैच मुंबई में खेला जा रहा था, अगर भारत ये मैच जीत जाता तो 2-0 से सीरीज भी भारत के नाम हो जाती। पहली पारी में इंग्लैंड टीम ने एंड्रयू स्ट्रॉस के शानदार शतक की मदद से 400 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारतीय टीम 279 पर ऑल आउट हो गई। 121 रनों की बढ़त के साथ बल्लेबाजी करने आई मेहमान टीम को अनिल कुंबले ने 191 पर समेट दिया। अब भारत को जीत के लिए 313 रनों की जरूरत थी, मुंबई टेस्ट के पांचवे दिन बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने मात्र 33 पर तीन अहम विकेट खो दिए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने पारी को संभाला।
इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू फ्लिंटॉफ जानते थे कि दोनों ही बल्लेबाज उनकी टीम के लिए खतरा बन सकते हैं इसलिए उन्होंने खुद गेंदबाजी करने का निर्णय लिया और सफलता भी पाई। 34वें ओवर की तीसरी गेंद पर द्रविड़ ने गुड लेंथ गेंद को आगे खेलने की कोशिश की और बल्ले का किनारा लगा बैठे, गेंद सीधा विकेटकीपर जोन्स के हाथ में चली गई और इसी के साथ भारत ने 75 रन पर अपना चौथा विकेट गंवा दिया। द्रविड़ के आउट होने के बाद पूरी टीम बिखर गई और 100 के स्कोर पर टीम ने 10 विकेट खो दिए। भारत ये मैच 212 रनों के बड़े अंतर से हार गया। जिसके बाद द्रविड़ के गुस्से का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने ड्रेसिंग रूम में रखी कुर्सी को पटक दिया लेकिन विजेता को ये बात कई दिनों बाद वीरेंद्र सहवाग के जरिए पता चली।
विजेता ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में इस वाकये का जिक्र करते हुए कहा, “उन्होंने मैदान के अंदर हर तरह की स्थिति का सामना किया है क्योंकि वह खेल और घर को एक दूसरे से अलग रखते थे। क्रिकेट में चाहे जो भी हो रहा हो लेकिन घर पर वह हमेशा एक अच्छे पति और पिता की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा कि आज का दिन बहुत खराब रहा।”
उन्होंने आगे कहा,”केवल एक बार ऐसा हुआ था, मुझे याद है वह टेस्ट मैच से वापस आए थे और उन्होंने कहा था कि आज मुझे बहुत गुस्सा आ गया था और मैने अपना आपा खो दिया था। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। इसके कई महीनों बाद वीरू ने मुझे बताया कि उन्होंने मुबंई में हार के बाद ड्रेसिंग रूम में आकर कुर्सी पटक दी थी। वीरू ने कहा कि उसने कुर्सी पटकी इसलिए नहीं क्योंकि टीम हार गई थी बल्कि इसलिए कि टीम बहुत बुरी तरह मैच हार गई थी।”
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