Rishabh Pant (IANS)इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से चर्चा में आए रिषभ पंत ने साल 2018 में इंग्लैंड दौरे पर अपना टेस्ट डेब्यू किया। नॉटिंघम में खेल गए मैच में पंत ने छक्के के साथ अपना खाता खोला। जो कि उनकी बल्लेबाजी शैली के एकदम अनुकूल था लेकिन टेस्ट बल्लेबाजी की किताब से बिल्कुल बाहर।
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अपनी डेब्यू टेस्ट पारी के बारे में ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए बयान में पंत ने कहा, “जब मैं बल्लेबाजी करने आया तो काफी नर्वस था। मैं अपने आपको याद दिला रहा था कि मुझे स्थिति के हिसाब से खेलना है। मैंने पहले गेंद रोकी लेकिन मैंने देखा कि आदिल राशिद क्या करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी गेंद गुगली थी और हम भारतीय बल्लेबाज स्पिन को पढ़ने में माहिर हैं। मैंने हाथ से ही गेंद को पढ़ लिया था, मुझे लगा कि मैं हिट कर सकता हूं और मैंने हिट किया।”
पंत की बल्लेबाजी शैली को कई समीक्षकों ने टेस्ट क्रिकेट के हिसाब के गैर-जिम्मेदाराना बताया। हालांकि पंत का कहना है कि बात अलग अलग खिलाड़ी की है। उनकी शैली उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ खेलने में मदद करती है लेकिन वो ही शैली दूसरे किसी बल्लेबाज के लिए काम नहीं करेगी।
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पंत ने कहा, “फॉर्मेट से फर्क पड़ता है। अगर आप दिनों का क्रिकेट खेल रहे हैं और छक्का मारने की कोशिश में आउट हो जाते हैं तो सभी इसे गैर जिम्मेदाराना कहेंगे। लेकिन जब आप ऐसा करने में सफल हो जाते हैं को कोई कुछ नहीं कहेगा। प्रतिशत मायने रखता है। अगर आप 10 मैचों में आउट हो रहे हैं लेकिन उनमें से 9 में नतीजे हासिल कर रहे हैं तो वो अहम है। अगर मेरे नतीज का प्रतिशत ज्यादा है तो मैं केवल प्रक्रिया पर ध्यान दूंगा। और अगर कोई चीज मेरे लिए काम कर रही है तो जरूरी नहीं कि वो किसी और के लिए भी काम करे। उसी तरह से जो चीज किसी और के लिए काम कर रही है वो मेरी मदद नहीं करेगी।”
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पंत ने आगे कहा कि वो जो हैरतअंगेज शॉट खेलते हैं वो यूं ही नहीं खेलते। इन शॉट्स को खेलने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और अभ्यास किया है। पंत ने कहा, “मैंने बचपन से इसका अभ्यास किया है। ऐसा लगता है मेरी पूरी जिंदगी मैंने केवल क्रिकेट खेला है। अभी तक मुझे इतना तो समझ आ गया है कि- किस स्थिति में कैसे खेलना है। कभी कभार आपको अपने स्वाभाविक खेल पर नियंत्रण करना होता है। आखिर में आपको रन बनाने ना, केवल बचने के लिए खेलना नहीं है।”