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क्या Virat Kohli ने कप्तानी छोड़ दी है या अपनी नौकरी खो दी?

विराट कोहली ने 45 टी20 मैचों में भारत का नेतृत्व किया जिसमें 27 जीते और 14 हारे, जबकि दो मैच बिना किसी परिणाम के समाप्त हुए और दो टाई रहे.

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली. (PC- Twitter)

आठ साल पहले जब विराट कोहली से पूछा गया कि उनके और एमएस धोनी के अलावा भारत की टीम का नेतृत्व करने की क्षमता किसके पास है. उन्होंने कहा था, “रोहित शर्मा के पास जबरदस्त क्रिकेटिंग दिमाग है. वह कप्तान बनने लायक हैं.”

रोहित का करिश्मा तब से बढ़ रहा है, रोहित ने खुद को अपने साथी खिलाड़ियों के बीच एक मजबूत कप्तान के रूप में पेश किया है. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में उनके कारनामे इस बात की गवाही देती है. हालांकि, उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कप्तानी ज्यादा मौका नहीं मिला है.

जब गुरुवार को कोहली ने आगामी टी 20 विश्व कप के बाद क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में टीम इंडिया के कप्तान के रूप में पद छोड़ने की घोषणा की, तो सभी क्रिकेट प्रेमियों के मन में पहला सवाल आया, अगला कप्तान कौन होगा? और रोहित, बिना किसी संदेह के कप्तान बनने के उम्मीदवारों की सूची में शीर्ष पर हैं.

रोहित के कप्तान बनने के समर्थन मे मौजूदा कप्तान कोहली भी है. कोहली ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए अपने घोषणापत्र में विशेष रूप से रोहित का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने कोच रवि शास्त्री और रोहित शर्मा के साथ अपने फैसले पर चर्चा की थी.

टी20 में कोहली के नेतृत्व में भारत का रिकॉर्ड अच्छा रहा है, हालाकि कप्तान कोहली अभी भी अपनी पहली आईसीसी ट्रॉफी की तलाश में हैं. अब कोहली के पास 17 अक्टूबर से संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में आईसीसी टी20 विश्व कप की ट्रॉफी जीतने से बेहतर मौका है.

कोहली ने 45 टी20 मैचों में भारत का नेतृत्व किया जिसमें 27 जीते और 14 हारे, जबकि दो मैच बिना किसी परिणाम के समाप्त हुए और दो टाई रहे. यह कोहली को धोनी के बाद जीत के मामले में भारत का दूसरा सबसे सफल टी 20 कप्तान बनाता है, जो 72 मैचों में 41 जीत के साथ शीर्ष पर है. तो अब सवाल यह उठता है कि क्या उन्होंने कप्तानी छोड़ दी है या अपनी नौकरी खो दी?

यह भी एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब अभी बीसीसीआई से लोग लगातार मांग रहे हैं. पहले यह बताया गया था कि कोहली की आईसीसी ट्रॉफी जीतने में विफलता उनकी कप्तानी में एक बड़ी बाधा बन गई है.

साथ ही, बीसीसीआई के अधिकारी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए कोहली के टीम चयन से कथित तौर पर खुश नहीं थे. जिसमें भारत न्यूजीलैंड से हार गया था.

बाद में, रिपोर्टें सामने आईं कि कोहली टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए छोटे प्रारूप में कप्तान के रूप में पद छोड़ सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने ऐसी किसी भी रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा था कि बोर्ड ने कप्तानी से जुड़ी किसी भी बात पर कभी मुलाकात या चर्चा नहीं की.

हालांकि, कोहली द्वारा गुरुवार को अपने फैसले की घोषणा करने के बाद, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि वह पिछले छह महीनों से कोहली और लिडरशिप टीम के साथ चर्चा कर रहे थे और फिर निर्णय पर विचार किया गया है.

सूत्रों ने यह भी कहा कि बीसीसीआई कोहली और मुख्य कोच शास्त्री को हटाने पर विचार कर रहा था और यही वजह थी कि धोनी को टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया का मेंटर बनाया गया था.

आईएएनएस ने पहले सूचना दी थी कि जय शाह ने धोनी को भारतीय टीम के मेंटर के रूप में लाने की पहल की थी. यहां तक कि बीसीसीआई के बड़े से बड़े अधिकारी भी इस कदम के बारे में नहीं जानते थे. शास्त्री, जो 2017 से पूर्णकालिक कोच हैं उनका तीसरा कार्यकाल दिए जाने की संभावना नहीं है और टी 20 विश्व कप के बाद एक नए चेहरे के कोच के रूप में टीम में शामिल होने की संभावना है.

विभाजित कप्तानी और रोहित का प्रदर्शन:

भारतीय क्रिकेट में लंबे समय से विभाजित कप्तानी एक गर्म विषय रहा है. कई लोगों ने सुझाव दिया है कि रोहित को नेतृत्व का प्रभार दिया जाना चाहिए, कम से कम टी20 प्रारूप में, विशेष रूप से कोहली पर कार्यभार और आईसीसी टूर्नामेंट में उनकी कमियों को देखते हुए.

यहां तक कि पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने बुधवार को आईएएनएस से कहा था कि रोहित को छोटे प्रारूपों में भारत की अगुवाई करनी चाहिए.

34 वर्षीय सलामी बल्लेबाज टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक है और सीमित ओवरों की टीमों के उप-कप्तान भी हैं, जिससे कोहली द्वारा टी20 विश्व कप के अंत में टी20 कप्तानी छोड़ने के बाद उन्हें कप्तानी के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा है.

रोहित का आईपीएल में शनदार रिकॉर्ड है, जिसने मुंबई इंडियंस को पांच आईपीएल खिताब दिलाए. रोहित ने 10 वनडे मैचों में कप्तानी की है जिसमें उन्हें 8 मैचों में जीत मिली है जबकि 19 टी20 मैच में कप्तानी की है जिसमें 15 मैचों में उन्होंने जीत का स्वाद चखा है. (आईएएनएस)

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