Sri Lanka Cricket Team@ iansश्रीलंका क्रिकेट टीम पहली बार आईसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट में खिताब के प्रबलदावेदारों के रूप में शामिल नहीं थी। इसकी वजह कप्तानी के संकट के अलावा टीम में गुटबाजी, खराब प्रदर्शन और प्रशासनिक अनियमितता थी। इंग्लैंड में जारी 12वें क्रिकेट वर्ल्ड कप में अपना दमखम दिखाने के लिए इस टीम से चमत्कार की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
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विश्व कप में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने वाली श्रीलंका एक बार का चैंपियन है जबकि दो बार उसे उप विजेता से संतोष करना पड़ा है। एक बार टीम सेमीफाइनल में भी पहुंची लेकिन इस बार वह सबसे कमजोर टीमों में से एक थी।
चयनकर्ताओं ने दिनेश चांदीमल और निरोशन डिकवेला जैसे बड़े खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखा। लिहाजा आखिरी बार 2015 में विश्व कप खेलने वाले दिमुथ करूणारत्ने को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। टीम ने खिताब की प्रबल दावेदार मेजबान इंग्लैंड को हराकर जरूर बड़ी जीत दर्ज की लेकिन इसके बाद वो कुछ खास कमाल नहीं कर सकी और ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई।
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श्रीलंका ने इस वर्ल्ड कप में कुल 9 मैच खेले जिसमें उसे तीन में जीत मिली जबकि चार मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। 8 अंक लेकर श्रीलंकाई टीम प्वाइंटस टेबल में छठे स्थान पर रही।
मेजबान इंग्लैंड को हरा किया बड़ा उलटफेर
श्रीलंका के लिए इस वर्ल्ड कप में जो याद करने वाली चीज रही वो मेजबान और खिताब की प्रबल दावेदार इंग्लैंड पर 20 रन की जीत। श्रीलंका की इस जीत में उसके अनुभवी तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा की अहम भूमिका रही थी। इस पूर्व कप्तान ने अपने कोटे के 10 ओवर में 43 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए थे। ये मलिंगा का अंतिम वर्ल्ड कप रहा।
पहले ही मुकाबले में 136 रन पर ढेर हुई श्रीलंका की पारी
इस वर्ल्ड कप में श्रीलंका की टीम अपने पहले लीग मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ 136 रन पर ही ढेर हो गई। कीवी टीम ने 16.1 ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए लक्ष्य हासिल कर लिया। इस तरह न्यूजीलैंड ने 10 विकेट से जीत दर्ज कर टूर्नामेंट में धमाकेदार अंदाज में शुरुआत की।
कप्तान करुणारत्ने को नहीं मिला साथ
वर्ल्ड कप शुरू होने से 6 महीने पहले जिसे बतौर खिलाड़ी टीम में जगह नहीं बन पा रही थी उसे एकाएक कप्तानी का जिम्मा सौंप देना हैरानी भरा फैसला था। लेकिन श्रीलंका की ऐसी खराब स्थिति थी कि टीम मैनेजमेंट ने टेस्ट कप्तान पर उम्मीदें जताई जिसने मौजूदा साल (2019) की शुरुआत में श्रीलंका को दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जिताया था।
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करुणारत्ने ने टेस्ट सीरीज जीतने के लिए कड़ा संघर्ष किया और आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने 7 पारियों में 37 की औसत से दो अर्धशतक के साथ कुल 222 रन बनाए थे। करुणारत्ने इस टीम की जमकर समर्थन करते रहे और निडर होकर कप्तानी का जिम्मा संभाला। विश्व कप में भी उन्होंने कुछ अच्छी पारी खेली लेकिन अन्य खिलाड़ी बतौर इकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।
मलिंगा का जलवा रहा कायम
35 वर्षीय अनुभवी तेज गेंदबाज मलिंगा पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने मौजूदा वर्ल्ड कप के 7 मैचों में 61.4 ओवर की गेंदबाजी की जिसमें उन्होंने कुल 13 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान मलिंगा खुद को फिट रखने में भी सफल रहे।
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इंग्लैंड के खिलाफ जीत में इस तेज गेंदबाज का अहम योगदान रहा। इसके अलावा अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ भी उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की। टूर्नामेंट के अंत में अविष्का फर्नांडो ने भी सुर्खियां बटोरी। फर्नांडो ने 4 मैचों में 50.75 की औसत से कुल 203 रन बनाए।
बल्लेबाजी में मैथ्यूज जबकि गेंदबाजी में मलिंगा रहे अव्वल
इस वर्ल्ड कप में श्रीलंका की ओर से सबसे अधिक रन अनुभवी बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज ने बनाए। उन्होंने 7 पारियों में 40.66 की औसत से एक शतक और एक अर्धशतक के साथ कुल 244 रन बनाए। गेंदबाजी में मलिंगा 7 पारियों में 13 विकेट लेकर अव्वल रहे। मलिंगा की बेस्ट गेंदबाजी 43 रन देकर 4 विकेट रही।
टीम एक इकाई के तौर पर बेहतर नहीं कर सकी
श्रीलंकाई टीम की कमी निरंतरता रही है। कुछ खिलाड़ियों ने जरूर अच्छा किया है लेकिन टीम एक इकाई के तौर पर बेहतर नहीं कर सकी। कुशल परेरा, कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने कुछ बेहतरीन पारियां खेंलीं तो गेंदबाजी में मलिंगा ने टीम के लिए अच्छा किया, लेकिन इन तीनों के अलावा और कोई नाम इस वर्ल्ड कप में अपनी छाप नहीं छोड़ सका।